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प्यासी औरत ( pyasi ourat )

Saturday, December 20, 2014

मैं 25 साल का जवान युवक हूँ, मेरी लम्बाई 5.6 इंच है, पेशे से मैं एक कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर हूँ। मेरा कमरा तीसरी मंजिल पर है और खिड़की की विपरीत दिशा में मेरा कम्प्यूटर रखा हुआ है
और सामने की छत से कम्प्यूटर की स्क्रीन साफ-साफ दिखती है। मैं रोज उसमें नग्न तस्वीरें देखता हूँ। सामने की छत पर एक औरत रोज कपड़े सुखाने आती है। मुझे नहीं पता था कि वो रोज मुझे छुप कर देखती थी।
एक दिन मैंने उसे ऐसा करते देखा लिया, तब से मैं उसे रोज छुप कर देखने लगा, मुझे वो अच्छी लगने लगी। मैंने उसके बारे में पता किया तो पता चला कि उसका नाम मीनाक्षी है और वो पेशे से अध्यापिका है और उसका पति एक बड़ा व्यापारी है लगभग 44-45 साल का। बहुत अमीर लोग थे वो।
मीनाक्षी लगभग 34-35 साल की होगी पर भगवान ने उसे क्या बनाया था, एक-एक अंग को जैसे सांचे में बनाया हो। उसके बदन का आकार 36-32-36 होगा, उसके मोमे इतने मोटे थे कि जैसे किसी गंजे आदमी का सर, उसकी ग़ाण्ड ऐसी उठी थी कि जैसे हिमालय के दो विशाल पर्वत !
जब मैंने उसे पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। जब वो साड़ी पहनती थी तो क्या कयामत लगती थी ! मैं तो बस उसी को चोदने के सपने देखने लगा।
अचानक भगवान ने मेरी सुन ली।
एक दिन उनके घर में बिजली से शॉट सर्किट हुआ और घर का कम्प्यूटर जल गया। मेरी गली में एक बिजली का काम करने वाला लड़का रहता है, वो मेरा अच्छा दोस्त है। वो वहाँ गया, उसने बिजली तो ठीक कर दी पर कुछ समान लेने वो बाजार चला गया बिजली आने के बाद जब कम्प्यूटर चालू नहीं हुआ तो उन लोगों ने अपने कम्प्यूटर वाले को फोन किया।
इंजीनियर आया, देख कर बोला- कम्प्यूटर तो पूरा जल गया है, इसका कुछ भी नहीं हो सकता।
इतना सुनते ही मीनाक्षी रोने लगी तो उसके पति ने कहा- मैं दो-तीन कम्प्यूटर वालों को जानता हूँ !
उसने एक-एक करके सभी को बुलाया पर सबने जवाब दे दिया। मीनाक्षी रोना सा मुँह लेकर बैठ गई। शाम को मेरा एक दोस्त उनके कम्प्यूटर को देखने आया, उसने यह सब देखा और कहा- मेरा एक दोस्त कम्प्यूटर ठीक करता है, आप कहें तो मैं उसे बुलाऊँ?
उसने मुझे फोन किया, मैं उसके घर गया तो वो मुझे देखा हैरान हो गई। पर वो रोए जा रही थी।
मैंने कम्प्यूटर देखा, पावर सप्लाई, मदरबोर्ड़ की दो आई-सी और हार्डडिस्क का लॉजिक कार्ड जल चुके थे।
मैं बोला- सब जल गया है, ज्यादा खर्च होगा, आप नया क्यों नहीं ले लेते?
इतना सुनते ही मीनाक्षी रोने लगी।
मैंने पूछा- ऐसा क्या है इस कम्प्यूटर में जो आप इतना परेशान हैं?
मीनाक्षी बोली- मैं एक स्कूल टीचर हूँ और इसमें स्कूल के बच्चों के पेपर हैं और दो दिन बाद मुझे ये प्रैस में छपने के लिये देने थे। अगर समय से नहीं छपे तो बच्चे पेपर कैसे देंगे? और मैं अकेली दो दिन में इतने सारे पेपर तैयार नहीं कर सकती। मुझे तो स्कूल वाले नौकरी से निकाल देंगे।
मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मैं देखता हूँ ! आप परेशान मत हों !
मैंने कम्प्यूटर उठाया और नेहरू प्लेस से उसका पावर सप्लाई और मदरबोर्ड ठीक करवा दिये और कम्प्यूटर को अपने घर ले आया। मेरे पास उसी कंपनी की वैसी ही एक हार्ड-डिस्क और थी मैंने उसका कार्ड उस खराब हार्ड-डिस्क में लगा दिया और किस्मत की बात है जो वो कार्ड चल गया और कम्प्यूटर चालू हो गया। यह सब करने में मुझे रात के दो बज गए थे।
मैंने उसी समय मीनाक्षी को फोन किया- आपकी मशीन ठीक हो गई है।
मीनाक्षी बोली- मुझे यकीन नहीं होता ! इसे तो सबने माना कर दिया था ! मुझे अभी देखना है। आप कम्प्यूटर चालू करो मैं छत पर आती हूँ, छत से तुम्हारे कमरे का कम्प्यूटर स्क्रीन साफ दिखता है।
वो छत पर आई और अपना कम्प्यूटर चलता देखा बहुत खुश हुई।
मैंने कहा- सुबह मैं आपका कम्प्यूटर दे दूँगा।
रात को मैंने उसकी हार्ड डिस्क का डाटा देखा, मैं तो देख कर हैरान रह गया, इसमें तो बहुत सारी ब्लू फिल्में थी।
सुबह मैंने उसका कम्प्यूटर दे दिया। उसने उसी समय सारे पेपर प्रैस वाले को मेल किये और फिर खुश होकर बोली- हाँ तो अभय जी, क्या लेंगे चाय या कॉफी?
मैंने मन ही मन कहा- मन तो तेरी चूत लेने को कर रहा है, पर भगवान ने मेरी ऐसी किस्मत नहीं बनाई।
मैंने कहा- जी, कुछ नहीं !
मीनाक्षी ने कहा- आपने इसमें कुछ देखा तो नहीं?
मैंने हँसते हुए कहा- अब मरीज़ डॉक्टर के पास आया है तो डॉक्टर उसे पूरी तरह देखेगा, तभी तो इलाज होगा न !
उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया, वह बोली- तो आपने वो सारी ब्लू फिल्में देख ली?
मैं- हां !
कुछ देर कमरे में शांति रही और फिर मैंने डरते हुए पूछा- एक सवाल पूछूं? आप बुरा तो नहीं मानेंगी?
मीनाक्षी बोली- नहीं !
मैं- क्या आप मुझे अपनी छत से रोज़ देखती है जैसे रात देखा था?
मीनाक्षी- हां, और आप रोज़ कम्प्यूटर पर ब्लू फिल्में देखते हैं।
मैं कुछ डर सा गया।
मीनाक्षी- डरो मत, ब्लू फिल्में तो मुझे भी अच्छी लगती हैं और हर इंसान की अपनी-अपनी पंसद होती है।
कुछ देर बाद मीनाक्षी बोली- आज आपने मेरी नौकरी को बचाया है, बोलिए मैं आपके लिये क्या कर सकती हूँ? अगर मैं आपके कुछ काम आ सकती हूँ तो मुझे बहुत खुशी होगी।
मुझे लगा कि किस्मत एक बार फिर वही खेल खेल रही है जो 6 साल पहले खेला था, मैं अपने आपको फिर दुख नहीं पहुँचाना चाहता था इसलिए मैं गुस्से में उठा और बाहर चला आया।
उसने मुझे रोकना चाहा पर मैं नहीं रुका।
मैंने कहा- मुझे काम है।
शाम को उसका फोन आया, मैंने नहीं उठाया। फिर अगले दिन उसका फिर फोन आया, मैंने फोन उठाया।
मीनाक्षी- क्या हुआ? आप ऐसे क्यों चले आए? मुझे पता है कि आपको काम नहीं था, मेरी कोई बात बुरी लग गई आपको?
मैं- कोई बात नहीं ! मैं कल कुछ उदास था और आपने कहा कि मैं आप के लिये क्या कर सकती हूँ तो मुझे किसी की याद आ गई।
मीनाक्षी- बहुत प्यार करते थे?
मैं- हां !
मीनाक्षी- अब कहाँ है वो?
मैं- यहीं, इसी शहर में !
मीनाक्षी- क्या वो तुमसे मिलती है?
मैं- नहीं ! वो मुझे मिलना नहीं चाहती।
मीनाक्षी- कोई बात नहीं ! तो तुम किसी और लड़की से दोस्ती कर लो।
मैं- मुझसे कौन दोस्ती करेगा?
मीनाक्षी- तुम उदास मत हो, मैं हूँ ना ! आज से मैं तुम्हारी दोस्त हूँ।
मैं- आपके अपनेपन के लिये शुक्रिया ! पर देवी जी, मुझे एक दोस्त से भी ज्यादा चाहिए।
मीनाक्षी- इसका जवाब मैं कल दूंगी।
उस रात मैं सो नहीं पाया, भगवान का शुक्रिया करता रहा कि चलो लड़की नहीं तो औरत तो मिली इतने सालों के बाद।
उसी रात को उसका एस एम एस आया कि तुम्हें एक औरत चलेगी?
मैंने जवाब में इतना लिखा कि दोस्ती और प्यार में उम्र नहीं देखी जाती।
रात को ही उसका फोन आया।
मीनाक्षी- कैसे हो?
मैं- ठीक हूँ, आप कुछ जवाब देने वाली थी? और आपके पति कहाँ हैं?
मीनाक्षी- वो सो रहे हैं। तुम्हें एक बात बताती हूँ, मैं एक गरीब परिवार से हूँ और पैसे के लिये मैंने इनसे शादी तो कर ली पर ये बूढ़े हो गए हैं और मैं प्यासी रह जाती हूँ, और आज भी प्यासी हूँ। जब तुमने मुझे कहा कि तुम्हारी भी एक दोस्त थी जो अब नहीं है तो मुझे लगा कि तुम भी मेरे तरह प्यासे हो।
मैं- मीनाक्षी, मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी दुखी हो, तुम्हारे आगे तो मेरा दुख कुछ भी नहीं ! मैं तो नदी से दूर हूँ पर तुम तो नदी में रहकर भी प्यासी हो ! अगर मैं तुम्हारे लिये कुछ कर सकता हूँ तो बताओ?
मीनाक्षी- ठीक है ! परसों रात को मेरे पति कुछ काम से बाहर जा रहे हैं और अगले दिन रात को आएँगे, तुम रात में आ जाना, मैं दरवाज़ा खोल दूंगी।
मैं- मीनाक्षी, अब तू दुखी मत हो ! मैं तुम्हें और प्यासा नहीं रहने दूँगा। अब से तुम्हारे सारे दुखों का अंत हो गया समझो।
मीनाक्षी- मुझे नहीं लगता था कि यह दिन भी आएगा।
तभी अचानक मीनाक्षी का पति उठ कर पानी पीने उठा और मीनाक्षी ने फोन काट दिया।
अगले दिन उसका फोन आया शाम को।
मीनाक्षी- हैलो, क्या हाल है?
मैं- ठीक हूँ, बस आप के ही ख्यालों में जी रहे हैं।
मीनाक्षी- अच्छा, एक खुशखबरी सुनो ! मेरे पति आज ही जा रहे हैं।
मैं- मुबारक हो।
मीनाक्षी- अच्छा, तुम आज ही आ सकते हो?
मैं- ठीक है, कब?
मीनाक्षी- रात में 10 बजे।
मैं- ठीक है।
रात लगभग 9.30 बजे उसका फोन आया और मैं उसके घर के पीछे के दरवाजे से अंदर गया।
अंदर जाकर मैं उसे देख कर हैरान हो गया, उसने काले रंग की साड़ी पहनी थी और उसका पल्लू आधी छाती को ही छुपा रहा था और उसके दोनों मम्मे लगभग आधे बाहर थे, मम्मों के ऊपर का हिस्सा क्या कमाल का लगा रहा था, एक दम गोरे-गोरे !
मैं उसके पास गया और उसके होटों पर एक अपने होटों को रख कर एक जोरदार चुम्बन लिया। वो मेरी बाहों में झूल गई।
मैं उसे उठा कर कमरे में ले गया, उसने टी वी पर ब्लू फिल्म लगा दी।
फिर उसने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया। फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए। मैंने उसके होटों पर चूमा, फिर गर्दन पर फिर मैंने ब्लाउज़ उतार दी। उसने अंदर ब्रा पहनी थी। फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाया। ऐसी कसी छाती तो मैंने तब तक न ही दबाई और न ही देखी थी।
उसके मुँह से आह-आह की आवाज निकलने लगी, वो बोली- मेरे राजा, आराम से दबाओ। साल बहनचोद मेरा पति कभी इन्हें छूता भी नहीं है !
फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी, क्या मस्त मम्मे थे उसके !
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने एक को मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाया। फिर मैंने उसका पेटेकोट का नाड़ा भी खोल दिया और अपना एक हाथ धीरे-धीरे उसके पेट से फिराते हुए उसके पेटीकोट के अंदर डाल दिया और उसकी जांघों को सहलाने लगा, फिर उसके पेट पर चूमा और उसका पेटीकोट उतार दिया।
अंदर उसने कच्छी पहन रखी थी। मैंने उसकी जांघों पर चूमा और उसकी कच्छी भी उतार दी। अंदर तो मामला एक दम साफ था, लगता था कि आज ही सफाई की हो !
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और उसके ऊपर लेट कर उसकी चूत के दाने को हिलाता रहा। जैसे-जैसे उसकी चूत में उंगली हिलाता, वैसे-वैसे उसके मुँह से आह-आह की आवाज आ रही थी।
थोड़ी देर मैं मुझे उसकी चूत कुछ गीली-गीली लगी और वो झड़ गई।
अचानक वो बोली- बहन के लौड़े ! क्या तुझे उंगली से चोदने के लिए बुलाया है?
मैं बोला- इंतज़ार करो मेरी रानी ! मैं तुम्हारे पति की तरह नहीं हूँ जो सिर्फ सपने बारे में ही सोचूँ ! सिर्फ खुद मजे लूँ और तुम्हें प्यासा रखूँ। असली मज़ा तो आना बाकी है !
फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और कच्छे में ही उसके ऊपर चढ़ गया, उसकी जांघों को सहलाया और उसकी चूत को चूम कर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी। उसके कूल्हों को पकड़ कर अपनी जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। चूत का पानी कुछ नमकीन सा लगा पर मैं उसे पीता चला गया। जैसे-जैसे मैं जीभ को अंदर-बाहर करता, उसके मुँह से आह-आह की आवाज निकल रही थी।
उसने मेरे सर के बाल इतनी ज़ोर से पकड़ लिए कि शायद कुछ बाल उसके हाथ में भी आ गए, मैंने मन ही मन सोचा कि शायद शादी के बाद कुछ लोग इसी तरह से गंजे हो जाते हैं।
थोड़ी देर में ही वो दूसरी बार झड़ गई।
उसने थोड़ी देर आराम किया, फिर बोली- तुमने तो मुझे बिना चोदे ही शांत कर दिया !
मैंने कहा- अभी तो तुम्हें चोदना है ! यह तो तुम्हें गर्म करने के लिए था !
मैंने उसके होठों पर चूमा, उसने अपना हाथ मेरे कच्छे में डाल दिया और मेरे लण्ड पकड़ लिया। मैंने अपना कच्छा उतार दिया। उसने लौड़े को पकड़ कर कहा- साला मेरा पति तो कभी इसे पकड़ने ही नहीं देता है ! उसे क्या पता कि इसे पकड़ने में औरत को वही मज़ा आता है जो मम्मों को पकड़ने में आदमी को आता है।
फिर उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे एक छोटा बच्चा लॉलीपोप को चूसता है। क्या मजा आ रहा था, मैं बता नहीं सकता।
फिर मैंने उसे लेटने को कहा, वो लेट गई, मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होटों पर चूमते हुए अपने लण्ड को उसकी चूत में डाल कर हल्का सा झटका दिया। लण्ड का टोपा ही अंदर गया तो उसे हल्का सा दर्द हुआ, बोली- उनका लण्ड जल्दी ही झड़ जाता है तो वो ज्यादा अंदर नहीं देते ! इसलिए यह इतनी कसी है।
मैंने और ज़ोर लगाया तो कुछ अंदर गया, उसे दर्द हो रहा था। मैंने एक जोरदार मर्दों वाला झटका दिया तो लण्ड पूरा का पूरा चूत में जा चुका था। उसे दर्द हो रहा था, वो दर्द से तड़प रही थी।
मैंने फिर लण्ड निकाल कर पूरा का पूरा डाल दिया तो इस बार आराम से चला गया। फिर मैंने अपनी गति बढ़ाई और ज़ोर-ज़ोर से उसे चोदने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा, वह भी गाण्ड उठा उठा कर साथ देने लगी, बोली- मेरे राजा, आज तक मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया था।
तभी मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने अपने झटके कम कर दिये और मन को कहीं और ले गया। इससे मुझे कुछ समय और मिल गया, इतनी देर में वो तीसरी बार झड़ गई। फिर मैंने अपनी गति बढ़ाई।
कुछ बाद मैं झड़ने लगा तो वह बोली- मेरी चूत में झड़ना ! मुझे तुम जैसा समझदार बच्चा चाहिए !
मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
कुछ देर हम ऐसे ही रहे। उस रात हमने चार बार सेक्स किया। सुबह उसने मुझसे कहा- तुम ही मेरे पति हो ! तुमने मुझे सच्चा सुख दिया है। सच में तुम ही औरत की यौन-भावना को समझ सकते हो।

BAAP NAY APNI MASOOM BETI KO CHODA

Tuesday, November 18, 2014

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मेरी दीदी - Hindi sex kahani

Wednesday, November 12, 2014

मुझे मेरी दीदी बचपन से ही बहुत चाहती थी क्यूंकि मैं घर में सबसे छोटा हूँ। हम दोनो एक ही कमरे में सोते थे और दीदी के 20 साल की होने तक तो हम एक ही बेड प़र सोते थे।प़र एक दिन माँ ने हमे अलग-अलग बिस्तर प़र सोने को कहा। मैंने हमेशा से ही दीदी को चोदने की सोची थी और रात को दीदी के सोते समय उनकी चूचियाँ और चूत कभी कभी दबा लेता था। प़र डर के कारण आगे कुछ नहीं कर पाता था। हाँ, बाथरूम में मुठ ज़रूर मार लेता था। दीदी को चोदने को मेरा बहुत मन करता था।अब भारती दीदी वापस आ गई थी। सो मैं रोज उससे अच्छी अच्छी बातें करने लगा ताकि दीदी को किसी पुरानी घटना की याद न आये।एक दिन भारती दीदी बाथरूम से नहाकर आ रही थी तो अचानक मेरी नज़र उन पर पड़ गई, शायद बाथरूम में तौलिया नहीं था, वो गीले बदन पर गाउन पहने थी। भारती दीदी के कपड़े शरीर से चिपके हुऐ थे और वो बहुत ही सुन्दर लग रही थी।उस दिन फिर से मैंने मुठ मारी।हम दोनों हमेशा कंप्यूटर प़र गेम और चैट करते रहते थे। एक दिन दीदी साथ वाले कमरे में सो रही थी। मैंने कंप्यूटर प़र जानबूझ कर अन्तर्वासना की एक कहानी 'दीदी की चुदाई' पढ़नी शुरू की। अचानक दीदी पास आकर बैठ गई और उसने वो कहानी पढ़ ली उसने मुझसे कहा- तुम यह सब पढ़ते हो क्या?मैं चुपचाप उनको देखने लगा। मैंने मौका देख कर उसके होठों पर चूम लिया। भारती दीदी ने मुझे पकड़ कर अलग कर दिया और कहा- मार खाएगा तू !और दीदी वहाँ से उठ कर जाने लगी। जाते समय मेरी तरफ देख रहस्यमयी मुस्कान दी। मैंने भी मुस्कुराते हुए दीदी की तरफ देखा।थोड़ी देर में दीदी ने मुझे आवाज़ दी और सोने के लिए कहा। मैं सोने आ गया। बातों बातों में दीदी ने मुझे अन्तर्वासना की कहानी के बारे में मुझे पूछा। मैने भी सब बता दिया।दीदी ने मेरी तरफ देखा, मैंने मौका देख कर फ़िर उसके होठों पर चूम लिया। भारती दीदी ने मुझे पकड़ कर अलग करने की कोशिश की लेकिन मैंने उन्हें छोड़ा नहीं और चूमता रहा।मैं भारती दीदी के होठों को अपने होठों से चिपका कर चूमे जा रहा था, वो बेतहाशा पागल हो रही थी।फिर मैंने दीदी के स्तनों की तरफ हाथ बढ़ाया। दीदी के स्तनों अग्र भाग को अपनी उँगलियों से चुटकियों से पकड़ कर गोल गोल घुमाया तो दीदी सिसिया उठी। मैंने दीदी के चुचूक पकड़ लिए थे। उनके चुचूकों को जोर से मींसा तो दीदी फिर से सिसिया उठी, मगर दर्द से। दीदी के चुचूक तन गए थे, जो ब्रा में उभर आये थे। मैंने उन पर अपनी उँगलियों के पोर को गोल गोल नचाते हुए छेड़ा, इसी बीच मैंने दीदी का गाउन उतार कर फेंक दिया। दीदी के कोमल गौर-बदन की एक झलक देखने को मिली।अन्दर दीदी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। दीदी ने अन्दर सफ़ेद रंग की पैंटी पहनी थी। मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को इस रूप में देखा था। भारती दीदी का पूरा शरीर जैसे किसी सांचे में ढाल कर बनाया गया था। काली ब्रा में उनके शरीर की कांति और भी बढ़ गई थी। ब्रा के अन्दर दीदी के बड़े बड़े स्तन कैद थे, जो बाहर आने को बेकरार लग रहे थे। मैंने ब्रा के स्ट्रेप को कंधे से नीचे उतार कर स्तनों को ब्रा की कैद से पूरी तरह आजाद कर दिया। भारती दीदी को नग्न देख कर मेरी हालत खराब हो गई। मैंने कभी किसी के स्तनों को छूकर नहीं देखा था फिर से बड़ी बुरी तरह उन्हें मसला।फिर दीदी ने मेरी टी-शर्ट को ऊपर की ओर उठा दिया। दीदी ने अपने हाथों से मेरा अंडरवियर उतार दिया, फिर लिंग को पकड़ लिया। भारती दीदी मेरे लिंग को देखकर आश्चर्यचकित रह गई। दीदी ने लिंग को प्यार से सहलाया। दीदी के हाथ के स्पर्श से ही लिंग में कसाव बढ़ गया। दीदी ने मुस्कुराते हुए मुझको को चूमा। फिर दीदी तुरंत उसे चूसने लगी। दीदी को इस तरह से करते हुए देख मजा आ रहा था। दीदी ने बाकी लिंग को बाहर से चाट चाट कर चूसा तो मैं भी उत्तेजना से कांप गया।मैंने उनकी जांघों के ठीक बीच में अपना हाथ फिराया और दीदी की पैंटी की इलास्टिक में उँगलियाँ फंसा कर पैंटी को उतार लिया और हाथों से हल्के हल्के दीदी के योनि प्रदेश को सहलाने लगा तो दीदी गुदगुदी के मारे उत्तेजित हो रही थी।कुछ देर बाद भारती दीदी बहुत ही उत्तेजित हो गई थी हम दोनों ही अब काफी उत्तेजित हो गए थे। अब मैं दीदी की टांगों को फैला कर खुद बीच में लेट गया। मैंने भारती दीदी की योनि को सहलाया, उनके चूत की खुशबू मस्त थी। फिर उस पर पास में पड़ी बोतल से वैसेलिन निकाल कर लगाई। भारती दीदी की चूत का छेद काफी छोटा था। मुझे लगा कि मेरी प्यारी भारती दीदी मेरे लण्ड के वार से कहीं मर न जाये।दीदी उत्तेजना के मारे पागल हो रही थी। दीदी ने मुझे लण्ड अन्दर डालने के लिए कहा।भारती दीदी की योनि को अच्छी तरह से वैसेलिन लगाने के बाद फिर से दीदी की टांगों के बीच बैठ गया। मैंने दीदी की कमर को अपने मजबूत हाथों से पकड़ लिया। मैंने कोशिश करके थोड़ा सा लिंग अन्दर प्रवेश करा दिया। दीदी हल्के हल्के सिसकारियाँ ले रही थी। फिर मैंने एक जोरदार झटका मारकर लिंग को काफी अन्दर तक योनि की गहराई तक अन्दर पहुँचा दिया कि दीदी की चीख निकल गई।मैंने दीदी के चेहरे को देखा तो मैं समझ गया कि दीदी को दर्द हो रहा है। मैंने दोबारा वैसा ही झटका मारा, तो दीदी इस बार दर्द से दोहरी हो गई। मैंने यह देख कर उनके होठों पर चूम लिया वरना दीदी की आवाज़ दूर तक जाती।दीदी एक मिनट में ही सामान्य नज़र आने लगी क्योंकि उनके मुँह से हल्की हल्की उत्तेजक सिसकारियाँ निकल रही थी। मैंने फिर से एक जबरदस्त धक्का मारा, दीदी इस बार दहाड़ मार कर चीख पड़ी। मैंने देखा कि इस बार दीदी की आँखों में आँसू तक आ गए थे। मैंने दीदी के होठों को अपने होठों से चिपका लिया और जोर-जोर से उन्हें चूमने लगा और साथ ही दीदी के स्तनों को दबाने लगा। दीदी भी उतनी तेजी से मुझे चूम रही थी।मैं हल्के हल्के अपनी कमर चला रहा था। अब दीदी धीरे धीरे सामान्य होती लग रही थी। मुझे इतना समझ आया कि जब दीदी को दर्द कम हो रहा है। दीदी ने अपने टांगों को मेरी कमर के चारों ओर कस लिया। मैंने ने दीदी के होठों को छोड़ दिया और पूछा- अब मज़ा आ रहा है क्या ? दर्द तो नहीं है ?दीदी बोली- आराम से करते रहो ! मैंने एक जोरदार झटका मारकर अपना लिंग दीदी की योनि में काफी अन्दर तक ठूंस दिया। इस बार दीदी के मुँह से उफ़ भी नहीं निकली बल्कि वो आह.. सी.. स्स्स्स...सस... की आवाज़ें निकाल रही थी।दीदी बोली- मुझे बहुत अच्छा लग रहा है !यह देखकर तीन चार जोरदार शॉट मारे और लिंग जड़ तक दीदी की योनि में घुसा दिया और अपने होठों को दीदी के होठों से चिपका उनके ऊपर चित्त लेटा रहा।अब झटकों की गति और गहराई दोनों ही बढ़ा दी। आधे घंटे त़क दीदी के रास्ते में मैं दौड़ लगाता रहा फिर दीदी ने अपनी टाँगें ढीली कर ली। दीदी स्खलित हो गई थी। कुछ ही देर में मेरा शरीर ढीला हो गया। काफी देर मैं दीदी के ऊपर लेटा रहा। दीदी मेरे होठों को बार बार चूम रही थी और आत्मसंतुष्टि के भाव के साथ मुस्कुरा रही थी। मैंने दीदी के कामरस को खूब पिया उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में चिपका दिया था। भारती दीदी को रात में 3 बार चोदा। हर रात मजा कर रहा हूँ।

Sasur Ke Sath Mast Chudai - Hindi Sex Stories

Thursday, September 25, 2014

mera naam mona hai mai 29 saal ki hu. mai ek shadisudha aurat hu. ye un dino ki bat he jab me ek nai dulhan banke sasural gayi ti pati ke sat sex karne me bahut maza aati ti ham tabhi din me kamse kam 8 bar sex karte the badme kam ke silsile me hamare patiji ko foreign jana pada me bilkul akeli si ho gai thi.ungliyon se apni chut ki pyaas bujati ti me tabhi ek din gar me me or mere sasur akele te saas ko kahi puja me jaana pada me ne papaji ko chai pilayi or apne room me letne gayi tabhi mujhe sex karne ka bahut man kar raha ta tabhi me waha pada ek perfume ki bottleko lund samajkar apne chut me dalne ki koshish kiya bahut maza aa raha ta me usse apne chut me jhatke diye ja rahi thi me bhul gayi thi ki darwaza mene band nahi kiya he or mere sasurji sab dekh rahe the vo kuch kam se apne kamre me ja rahe the to darwaza khulla dek vo andar aaye or hamare live bp dek rahe te mera dyaan nahi ta me apne kam me vyast ti tabhi sasurji paas aaye or palang par bet gaye me unko dekhi to me sharma si gayi.

unhone kaha"sharmaon mat beti aisa hota he pati dur rehta he to masturbation ka sahara lena padta he"mene kuch nahi boli sirf unke taraf dek rai ti vo bole tera chut ekdum mast he,kya me apna ungli dal sakta hu.me to pehle se kisi mard ki pyasi thi mene jaldi se ha kar diya to vo mere paas aaye or mere mu ko chumne lage mere aonthon ko bahut din bad koi aoth ka sahara mila ta meri chut gilli hoti ja rahi ti me control nahi kar pa rahi thi me unke haat ko apne chut ke taraf rak diya to vo bahut pyaar se mere chut ke sath khelne lage kabhi ek to kabhi do tin char ungli dalte gaye mere tan man me rakt ka prabhav bad gaya or me utejit hote ja rahi thi.

mujhe bas unka lund andar gusne ka taras tha me chik padi uh ma kitna maja he sachmuch apke haton me jadu he dhire dhire fir vo mere kapde utarne lage mere blouse bra saadi sab nikal gayi ab me puri tarah nangi unke samne bhaithi thi mere bade bade mamye dekhkar unke aakhen dang reh gaye vo bhi jaldi saara kapde utar liye unka lund baba kamse kam 8 inch hoga or mota tha mere pati ke lund se jyada bada lag raha tha mene kaha papa kitna bada he apka maaji ko kitna maja aata hoga to vo bole ha usko bahut maja aata he isiliye abi bhi har roz chudwati he mujse par mujhe ek jawan chut ki talash thi or vo aaj pura ho gaya he. mene kaha lo papa ji bharke apna kwaaish pura karlo meri or apki dono ki pyaas buj jaye fir vo paas aakar mere chuchi ko bhi dabane lage yaaron kya batao kitna mazaa aa rahi tha maano koi tarzan ho vo fir vo mu me lekar chusne lage bahut jor jor se vo mere mamye ko chus rahe te meri chut geeli hoti ja rai ti me apne ungliyan gusane lagi ye dekhkar vo apne ungli gusa diya mere chut me bahut mazaa aa raha ta me chila utthi ti or jorse se chuso or jor se sasurji apki bahu ki pyaas bujado papa chodo mjhe chodo papa or tarsavon mat papa fir dheere se vo mere har ang ko chum rahe te unka lund pattar ki tarah kadak ho gaya ta vo kafi garam ho gaye fir dheere se vo mere chut ke taraf aakar mere chut ko chatne lage mere gorei chut lal ho rai ti vo mere chut ki paani ko pine lage or zubaan ko mere chut ki hole me dakel liya kya kahu me to mar gayi ti unke sex karne ka tarike me.

mai garm lohe ki tarah garam hone lagi ti bahut chat chatai ke bad vo ghadi aai ab dheere se vo unke 8 inch kada lund ko mere chut ke paas laaye or sehlane lage me mood me aake boli paapa sehlana band karo or abi dal b do kitna pani bahavoge mere chut se vo fir gusana chalu kiya lund paani ke karan aadha aasani se gaya abi aadha baki ta me dard se jhoom ut rahi ti par maja bhi aa rha ta uuhhhhhhhhhhhhhh hhhhaaaaaaaaa haaaaaaaaaaaaaaaaaaa haaaaaaaaaaaaa me gayi ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh chila rai ti baki bhi gus gaya mera har chiz kil ut raha ta mera chut me bahut garmi mehsus ho rai ti bahut mazaa aaya oh ma papa harder or harder fuck me hard ahhhhhhhhhhhhhh ahhhhhhhh ahhh ahhh ahhh ahh ahh ahh ahhh ahh papa bahut jyada speed me jatke de rahe te mera chut fat raha ta mera kamar duk raha ta par mazaa bahut aa raha ta abi mere chut ki pyaas bhuj gayi he or mere gand ka pyaas bujana ta mene papa ko boli ab chut bas gand maroji,fir me mud gayi or mere komal gand unke taraf rak diya tel ke sahare lund gand me gus gaya kitna jyada dard ho raha ta pehli baar jo gand marwa rahi ti jatke pe jatka mile ja raha ta unhone mere gand me hi jhad diye te gand se todha khun ke sat veerya bhi nikal raha ta me unko dekhke hasi or puchi mazzaa aye kya papa vo bole bahut jyada aj me swarg me ta mere khubsurat beti ko chodne jo mila....fir ek dusre ko chumte huve so gaye thodhi der bad uthke fir chudwayi fir kapde pehenkar chumte huve hall me betke tv dekha.

सुन्दर स्त्री की देह

तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की देह से बढ़कर भ्रमित
करने वाला और कुछ पदार्थ इस संसार में नहीं है। मेरे पिता ईसाई, माता हिन्दू
! मुझ पर हिन्दू संस्कारों की छाया अधिक पड़ी। मेरा विवाह मेरी मां की पसन्द
के एक हिन्दू घराने में हुआ। पत्नी यौवन में नव दाम्पत्य के दिनों में सभी को
बहुत भाती है और सर्वांग सुन्दरी लगती है। कालांतर में मुझे दूसरी स्त्रियां
भी आकर्षित करने लगी। विवाह के बाद दूसरी स्त्रियों से बात कर लेने में कोई
शक़ भी नहीं करता है।
सुजाता, मेरी साली जी, अपनी शादी के बाद भी मुझसे मज़ाक करने में चूकती नहीं।
वह मुझे बहुत भाती है। उसकी बातों की शैली कसमसाहट देती है। मुझे बहुत सतर्क
रहना पड़ता है कि कहीं मेरा अपना दाम्पत्य जीवन भंग न हो जाये।

पिछले रविवार उसे किसी सिलसिले में मेरे शहर आना था। मैने सोचा कि चलो हल्की
फुल्की चुहल होगी ! रस रहेगा !
मैं अपने साढू भाई से तो बातें करूंगा ही ! लेकिन असली आकर्षण सुजाता होगी !
वह शनिवार सांझ को ही सिर्फ अपने बेटे के साथ चली आई। साढू जी को अनायास कोई
काम आ गया था। मुझे हर्षमिश्रित आश्चर्य हुआ।

मैं अपने आफिस के काम काज़ निपटा कर जब घर पहुंचा तो मुझे निराशा हुई कि वह
मेरी पत्नी के साथ बातों में तल्लीन थी। मुझे सादर प्रणाम करने के अलावा उसने
कोई खुशी नहीं दी। मैंने भी उसके और अपने बेटे को गिटार सुनाया और अकेले अपने
कमरे में सो गया। नज़दीक़ी दूसरे कमरे में वे दोनों बहनें खिलखिला कर चटखारे
लेकर बातें कर रही थी। मुझे नींद नहीं आई। ज़ब वे सब सो गई, मैं सुजाता के
ख्यालों में खो गया और निर्वस्त्र हो कर मूड्स कंडोम की चिकनाई के बीच तीव्र
हस्तमैथुन करता रहा। मैने ख्यालों में उसको भरपूर भोगा। फिर एक दो घंटे की
नींद के बाद जागने पर फिर से अनुभव दोहराया। रात में दो बार विसर्जन करके
निढाल हो कर गहरी नींद में सो गया। सुजाता अब सिर्फ एक सपना थी।

सुबह हल्की निराशा थी। लेकिन दरस की चाह तो पूरी होनी ही थी। आज उसे दिन भर
यहीं रहना है यह सोच कर मन को सांत्वना दी। लेकिन रात में जो दो बार रस गिरा
दिया तो अब और कुछ तो होगा नहीं : मौका भी तो नहीं। मैंने भी दिन में अपने
मित्र के पास कुछ परामर्श के लिये समय लिया था सो जाने की योजना बना डाली और
पत्नी को बता भी दी।

तभी स्थिति बदली और मेरी बड़ी बहन अचानक 8 बजे ऑटो से उतरी। वह राखी के
सिलसिले में आई थी। आते ही उसने मेरी पत्नी से बात की और कुछ गिफ्ट खरीदने की
चाह से योजना बनाई कि वह एक घंटे बाद घर से 12 कि.मी. दूर वाले थोक मार्केट
से खरीददारी करने चली जायेगी। मेरी धड़कने बढ़ गई। और सुजाता ? उत्तर मिला वह
घर पर रहेगी और दोपहर का भोजन तैयार रखेगी। मुझे तो मित्र के घर जाना ही था।

साढ़े नौ बजे मेरी पत्नी, मेरा बेटा और मेरी बहन तीनों आटो रिक्शे में चल
दिये, मैं भी उन्हें जाने को तैयार दिखा। तीनों के घर से निकलते ही मैं
उतावला हो गया। अन्दर किचन में जाकर पूछा- सुजाता, मैं निकल रहा हूँ चाय
मिलेगी ?

वह पलट कर मोहक मुस्कान से बोली- क्यों नहीं जीजू ! जो चाहोगे वही मिलेगा ..
मैं तो एक्सपर्ट हूँ ... लेकिन आप भी चले जाओगे तो मैं तो यहाँ अकेली रह
जाउंगी।

मैने कहा- चलो कुछ देर रूक जाता हूँ ! शीनू (बेटा) उठा नहीं ?

बोली- सोने दो न उसे जीजाजी ..वह उठ जायेगा तो आपसे बात भी नहीं कर पाउंगी।
अपनी बात अभी हुई ही कहाँ है ?

मैंने उसके कन्धे पर हाथ रख दिया- हाँ.. ठीक कह रही हो।

मैं उसके और नज़दीक़ आ गया और दोनों हाथ दोनों कन्धों पर रख दिये। वह चाय बनाना
छोड़ कर थोड़ा पीछे खिसक आई और मुझसे लगभग चिपक सी गई। मेरा हाथ बढ़ कर उसकी
हथेलियों तक पहुंच गया, वे परस्पर मिली और एक हो गई। मुझे उत्तेजना बढ़ने लगी।
मैने अपना चेहरा उसके कधे पर रख दिया वह तुरंत पलट कर मुझसे चिपक गई। मैंने
उसे चूम लिया।

"कितनी प्यारी लग रही हो.. लगता है बहुत ही हल्की हो तुम.. "

"उठा कर देखो कितनी हल्की हूँ मैं !"

संकेत बहुत ही उत्तेजक था। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसे सामने से थाम लिया
और थोड़ा उठा लिया। उत्तेजना बढ़ी तो चुहल का स्तर बढ़ाने का अनैतिक ख्याल आया।
मैने उसे उतार दिया और कहा "फिर से ठीक से उठाता हूँ तुम बहुत ही हल्की हो ।"

उसने कहा "ठीक है ।"

मैंने अबकी बार बहुत झुक कर उसकी साड़ी के नीचे से पिन्डली पर हाथ रख उस पर
हाथ फिसलाते हुए उठाया। हाथ साड़ी के अन्दर ही अन्दर उसकी चिकनी जंघा से
फिसलता हुआ उसके नितम्ब तक पहुंच गया।

सिहरन हुई क्योंकि वह पेंटी वगैरह कुछ नहीं पहने थी।

वह भी चिहुंकी,"क्या करते हो जीजू .. आप बड़े वो हो !"

मैंने क्या किया?

आपने मेरी साड़ी पीछे से बिल्कुल उठा दी थी !

मैंने कहा,"चलो बदला ले लो, तुम भी मुझे इसी तरह उठा लो .. "

वह बोली,"ऐसे तो नहीं उठा पाउंगी !"

मैंने पूछा,"फिर ?"

उसने कहा,"मेरी स्टाइल से !"

मैने कहा," ठीक है ! जैसी तुम्हारी मर्ज़ी !"

उसने मेरी दोनों टांगों के बीच अपने दोनों हाथों की पालकी बनाई और उठाने की
कोशिश जैसे करने लगी। मैं पतला पायज़ामा पहने था और उसके नाज़ुक हाथ मेरे
इलेक्ट्रोड को सहला से रहे थे। देर तक ऐसे ही कोशिश सी करती रही फिर बोली- आप
भारी हो ! मुझसे नहीं बनता, आप ही उठाओ।

मैंने कहा- मैं भी ऐसे ही उठाता हूँ ! और अपने दोनों हाथों की पालकी बना कर
उसकी दोनों टांगों के बीच में डाल दिये। आगे रतिमुख तक मेरा हाथ छू गया। वहाँ
बालों का अहसास हुआ।

तेज़ सांसों के बीच मैने पूछा- क्यों सुजी ये बाल इतने क्यों बढ़ा रखे हैं?

सुजाता का चेहरा शर्म से लाल हो गया और बोली," जीजू ! मैं आपको जान से मार
दूंगी !

तेरे बाल साफ कर दूँ ? हेयर रिमूवर से ? (मैं अब तू पर आ गया था )

बोली- आप बहुत बदमाश हो जिज्जू ! ठीक है ! कहाँ करोगे ?

मैने कहा- मेरे बेडरूम में !

बोली- ठीक है, लेकिन ज़ल्दी करना।

मैंने उसे थामा और लगभग गोद में उठाते हुए अपने कमरे में ले गया।

मैं बोला- ज़ल्दी क्या है .. अभी तेरी दीदी नहीं आने वाली.. देर लगाती है वह
तो.. !

उसके कपड़े ऊपर उठाने में अब दोनों में से किसी को संकोच नहीं हुआ।

मैंने कहा- तू मेरे भी साफ कर देना यार !

वह बोली- क्यों ! दीदी नहीं करती है ? कितने बढ़ चुके हैं? दिखाओ तो ज़रा !

मैंने अब तक उसे पूरा उघाड़ दिया था।

मैंने कहा- तू खुद खोल कर देख ले..हेयर रिमूवर हाथ में लिये मैं सामने खड़ा
था, उसने कहा- नहीं, आप ही दिखा दो..

मैं धीरे-धीरे निर्वस्त्र हो गया, उसने कहा- ठीक तो है... हेयर रिमूवर की
ज़रूरत नहीं ! रख दो.. !

मैं उसकी सहस्त्रधारा को सहलाने लगा .. उसने झटके से उठ कर मुझे चूम लिया। और
पीछे से हाथ डाल खींच लिया। मै उसके ऊपर लुढ़क गया उसके हाथ मेरे लिंग को सहला
रहे थे जिसे मैं अपना राजकुमार कहता हूँ।

मैंने कहा- तेरी राजकुमारी तो बडी प्यारी है !

उसने कहा- तेरा राजकुमार भी तो ! ... बांका.. ! गबरू !!

अब वह भी "तू" पर आ गई थी।

मैंने कहा- दोनों की दोस्ती करवा दें ?

वह बोली- ज़ल्दी करवाओ .. राजकुमारी बैचैन है..

मैंने कहा- रुको ! राजकुमार सेहरा बांध कर आयेगा !

और सिरहाने की ड्रावर में से मूड्स कंडोम निकाला और चढ़ा लिया। सेहरे में
राजकुमार को देख राजकुमारी ने अपने किले के द्वार खोल दिये। और राजकुमार ने
अन्दर जा हलचल मचा दी। कुछ ही पल में हमारे सारे वस्त्र कमरे में यहाँ-वहाँ
बिखर गये।

इतनी आज़ादी दोनों को शायद ही कभी मिली हो।

दोनों गुत्थमगुत्था .. पुराने प्रेमी पहलवानों की तरह... पूरी शैया पर लोटते
रहे.. रात ही हस्तमैथुन किया था बल्कि दो बार किया था तो अभी की मिलन-क्रिया
का कोई छोर ही नहीं आ रहा था। राजकुमार ज़बर्दस्त तना हुआ था। मुझे संतोष हुआ
कि रात के कर्म से हानि के बज़ाय सुख में बढ़ोत्तरी ही हुई है। लगभग 35 मिनट की
लम्बी सुखदाई मस्ती के दौरान हम चूत, लंड, भोसड़ी, चुदाई जैसे वर्जित शब्द
उच्चारते रहे और जितना एक दूसरे को काट खा सकते थे, काटा खाया। जितना अन्दर
उथल पुथल मचा सकते थे, मचाई।

वह मेरे ऊपर बैठी भी और अपनी चूत की भीतरी मालिश/पालिश करती रही।

मैने उसे औरत, घोड़ी, कुतिया, नागिन सभी कुछ बना डाला। लगभग 35 मिनट बाद मेरा
रस निकला .. देर तक निकलता रहा .. दोनों सराबोर हो गये.. कंडोम काफी भारी हो
गया। उसने चिपके हुए ही मेरी पीठ ठोंकी .. मैं भी देर तक उसे चूमता रहा। फिर
हम प्रेम से एक दूसरे की ओर देखते हुए नहाने के लिये उठे।

मैंने अपनी पत्नी को फोन करके पूछा- खाना बन गया क्या ?

वह बोली- आप घर पहुंच जाना ! मै सुजाता को फोन कर देती हूँ, वह आपको खाना
खिला देगी। हमें अभी देर लगेगी क्योंकि अब हम सुरुचि नगर में चाची को देख कर
ही आयेंगे।

तभी सुजाता के मोबाइल पर भी फोन आया कि जीजाजी आ जायें तो खाना खिला देना !
अभी शायद आने में दो घंटे लग सकते हैं।

सुजाता फिर भी बोली- अरे दीदी, मुझे तो किचन में छिपकली का डर लग रहा है, मैं
तो टीवी ही देखती रही। अब जीजाजी के आने के बाद ही खाना बनाउंगी।

पत्नी ने सहमति दे दी। इस वार्तालाप से हम दोनों गद-गद हो गये। अब इत्मीनान
से नहा धो खा सकते हैं और लाड-प्यार कर सकते हैं।

हम दोनों अलफ नंगे बाथ रूम में साथ नहाए ! खुद कोई नहीं नहाया। एक दूसरे को
ही नहलाते रहे। राजकुमार और राज कुमारी को भी किस कराते हुए शावर दिया। एक
दूसरे के अंगों पर भरपूर लाड़ किया, अन्दर तक सफाई की गुलाब, नीबूं वगैरह
निचोड़ कर खुशबू से तर-बतर हो कर एक दूसरे को नहलाया, यूं ही निर्वस्त्र बाहर
आये और चिपके चिपके बेडरूम मे कपड़े पहनने पहुंचे।

मैने कहा- तुम मुझे ठीक से पौंछ दो !

वह लगी मुझे पोंछने .. मैं भी दूसरे तौलिये से उसे पोंछ्ने लगा। हमारे
गुप्तांग अब एक दूसरे की सम्पत्ति हो चुके थे। हमने अपनी अपनी सम्पत्ति को
भली प्रकार पोंछा।

फिर मैंने कहा- इस पर तेल भी लगा दो.. फिर परस्पर तेल लगाने में फिर से
उत्तेजित होने लगे..

वह बोली- जीजू .. अबकी बार बिना कंडोम के..

मैं उसकी बात टाल नहीं सका। अबकी बार सीढ़ी पर खड़े होकर देर तक लता और पेड़ की
तरह एक हो गये। फिर से हमें 20 मिनट लगे। इस बीच हमने आइने के सामने अपने
आपको मस्ताते हुए प्रकृति में समाते हुए देखा।

इस बार भी लिंग भरपूर चुस्त और कड़क था। सुजाता पहले से अधिक मुलायम और रेशम
रेशम थी। अबकी बार मैंने उसे अपने ऊपर लिटा लिया और उसे क्रिया करने को
उकसाया। उसे बहुत मज़ा आ रहा था।

अपनी उत्तेजना की चरम अवस्था में मुझसे बोली- जीजू याद रखना ! मैने तुझे चोद
दिया है।

मैंने कहा- हाँ सुजी .. हमेशा याद रखूंगा कि तू जीती ..।

बोली- जीजू ! एक बार बोल कि मैं सुजी से चुदवा रहा हूँ।

मैंने सुर में सुर मिलाया .. हाँ सुजी .. मैं चुद गया .. तू मेरा रस ले जा..

वो बोली- तू भी मेरा ले..

और हम दोनों पल भर में उत्तेजना के चरम क्षण भोगकर फिर एक बार निढाल हो गये।

मैंने उतर कर कपड़े पहने शू, टाई व पसन्दीदा सेंट से सज्जित हो ड्राइंग रूम मे
आगंतुक की तरह बैठ गया। और.. वह भी परी सी सज़ गई और गुनगुनाते हुए किचन में
व्यस्त हो गई।

यह घटनाक्रम अनूठा था और अविस्मरणीय भी।

हैरानी मुझे अब यह हो रही थी कि उसका नन्हा बालक इतनी देर तक सोता रहा।

शादीशुदा विवाहित महिला का यौवन - Hindi sex story

Wednesday, September 24, 2014

दोस्तो मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये
है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है
उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर
काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है।
हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं
पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में
होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ
जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है उसकी बात कुछ
अलग ही होती है अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार
आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे।
राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में
प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की
तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से
सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के
बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें
घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले
लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं
पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल
स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी
कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़
ही नहीं लगता था।

मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति
किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के
और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी।
मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे
सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो
गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर
कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो।
मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन
किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा
मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा
तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के
लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया
था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी
और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे
खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया
कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो
टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में
देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता
तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना। मैने
थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया। रीता - ये क्या कर
रहे हो। कहाँ देख रहे हो? मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ। रीता - बड़े
समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर
हाथ रख दिया।रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है। वो बोली -
अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन
की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है।
पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा।
लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया
है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात उन्होंने कह दी।
मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके
होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करते रहे और
फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और
ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी। सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म
को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर
दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी तरह खड़े हो गये।रीता - पहले कभी
संभोग किया है। मैंने कहा - नहीं।तो फिर तो तुम अभी कच्चे हो,,, ये कहते हुए
उन्होंने मेरी पैंट उतार दी मैंने अंडरवेर नहीं पहना था और मेरा एक बार
स्खलित भी हो गया था। गीली पैंट देख कर रीता बोली। रीता - बस इतने में ही झड़
गया। तो तुम क्या करोगे। मैंने कहा - पहली बार किसी शादीशुदा को नग्न देखकर
ये झड़ गया। अभी दस बार और झड़ सकता है। तब मैंने कहा - मुझे आपकी योनि देखनी
है। वो बेड पर लेट गयी और अपनी टांगे खोल दी। मैंने पहली बार किसी चूत को
देखा था मैंने सीधा उसे चाटना शुरू कर दिया । रीता - अरे बड़े बेकाबू हो। चलो
कोई बात नहीं। पहली बार तो ऐसा ही होता है। मैंने अपनी जीभ उनकी योनि में
फिरानी शुरू कर दी। वो सिसकने लगी। मैंने जीभ को और अंदर डालना शुरू कर
दिया।रीता - अरे ऐसे चूसोगे तो मैं झड़ जाउंगी। मैंने स्पीड थोड़ी कम कर दी
और उनके ऊपर आकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। रीता - मुझे तुम्हारे लिंग का
टेस्ट करना है। मैंने कहा तो आ जाओ सिक्स नाइन की पोज़िशन में रीता - वो क्या
है। मैंने कहा - ब्लू फिल्म्स नहीं देखी क्या कभी। रीता - वो तो तुम किड्स
देखते हो। हम तो वो सब असली में करते हैं। और मैंने उनको सिक्स नाइन की
पोज़िशन में लाकर अपना लिंग उनके मुँह में डाल दिया और उनकी योनि चाटने लगा।
हम दोनो ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैंने देखा कि उनकी टाँगे कसती जा रही हैं
और एक दम उनकी योनि ने इतनी ज़ोर से मेरे मुँह पर अपना पानी झाड़ दिया कि
मेरा पूरा मुँह गीला हो गया। मैंने ऐसा पहले कभी ब्लू फिल्म्स में भी नहीं
देखा था।रीता - देखा लड़के इतना तुम्हारा दस बार में भी नहीं झड़ सकता जितना
हम एक बार में निकाल देते हैं। मैं बोला - इसके स्वाद में तो मज़ा आ गया और
कहा कि मेरा वीर्य भी तो चख कर देखो लो उन्होंने कहा - तो आ जाओ - पहले
उन्होंने मेरा लिंग अपने बूब्स में दबा कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मुझे
मज़ा आने लगा। मेरा लिंग और कड़ा हो गया। तब उन्होने मेरे सुपाड़े को अपने
मुँह में ले लिया। धीरे धीरे वो उसे पूरा निगलने लगी। मेरी उत्तेजना चरम पर
जाने लगी और बंदूक की तरह मैंने उनके मुँह के अंदर वीर्य की धार मार दी। रीता
- ये तो अमृत से भी ज़्यादा स्वाद है। मज़ा आ गया। पर अब मेरी प्यास कौन शांत
करेगा। तुम तो दो बार झड़ चुके हो।अब तो तुम्हारा खड़ा नहीं रहेगा ज़्यादा
देर। मैंने कहा - मैं तो अभी पहले की तरह ही हूं और कई बार और मूठ की धार
छोड़ सकता हूं। पर आपका नहीं पता, इतना ज़्यादा झाड़ा है आपने, अब भी है
उत्तेजना आपमें बाकी?रीता - औरत की प्यास को मर्द कभी समझे ही नहीं। मेरा
शरीर जल्दी हुई मशाल की तरह है। तुम जैसे लड़को के तो कई लंड ‍जला सकता
है।मैंने कहा - ऐसी बात तो आ जाओ एक बार और मेरे लंड की गिरफ़्त में।रीता -
काफ़ी जल्दी काफ़ी कुछ सीख रहे हो मैंने कहा - आपका स्टूडेंट हूं ना रीता -
आओ कितने दिनों से ये सील टूटी नहीं है आओ इसे तार - तार कर दो।मैने अपना
सूपाड़ा उनकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उस पर फेरने लगा। रीता - तुम तो
मुझे जला दोगे। प्लीज़ अब अंदर डाल दो।मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया पर मेरा
इतना मोटा और कड़ा था कि अंदर नहीं जा रहा था आसानी से। मैंने ज़ोर लगाया तो
उनकी चीख निकल गयी। पर लंड अंदर नहीं गया और चूत से खून निकालने लगा। रीता -
सही में तुम तो मर्द से कुछ ज़्यादा ही हो। खून निकाल दिया मेरी चूत से पर
अंदर नहीं गया। थोड़ी सा झाग लगा कर साबुन का फिर कोशिश करो। मैं बाथरूम से
साबुन का झाग ले कर आया और उसे लॅंड पर मसल लिया। अब मैंने ज़ोर लगाना शुरू
किया। रीता दर्द से चिल्लाने लगी और मैंने फिर पूरी ताक़त लगा कर एक ज़ोर का
झटका दिया और मेरा लंड चूत से खून के छींटे मेरे मुँह पर मारते हुए अंदर चला
गया। रीता की साँस गले में ही अटक गयी। रीता - बड़ा दर्द हो रहा है पर ऐसा
मज़ा भी कभी नहीं आया। अब तो मेरी चूत को जला दो एक दम।मैंने झटके बढ़ने शुरू
कर दिए। उनके मुँह से उउऊहह आअहह आआआअहह की आवाज़ें तेज आ गयी।रीता - और ज़ोर
से, और ज़ोर से, फाड़ दो मुझे और मेरी चूत को मैने झटके बढ़ाने शुरू कर दिए और
उनकी चूची चूसनी शुरु कर दी। उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी और तब मैंने ध्यान
दिया उनके बूब्स और कड़े हो गये तब मुझे लगने लगा कि अब ये झड़ने वाली है
मैने झटके तेज कर दिए और तभी मेरा झड़ गया पर मैंने झटके देने चालू रखे और वो
इतनी गरम हो गयी कि उनका भी झड़ गया मैंने उनके पानी को अपने मुँह पर मसल
लिया और हम दोनो ठंडे पड़ गये। मैं उनके साथ ही उनके बिस्तर पर लेटा रहा कुछ
देर तक उनके साथ चिपक कर। अभी भी हम दोनो अपने जिस्म की सिरहन महसूस कर रहे
थे। रीता - तुम्हारा वीर्य तो मेरी चूत मे अंदर चला गया, अगर मैं प्रेग्नेंट
हो गयी तो, मैंने कहा चिंता मत करो बाज़ार में कई गोलियाँ आती है जो ऐसा होने
पर भी प्रेग्नेन्सी रोक देती है।वो ले लेना और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर
बाज़ार चला गया गोलियाँ लाने। अब ये सिलसिला कई दिनों तक चला।

Bhabi ka Aashiq - Hindi sex story

Wednesday, September 10, 2014

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Mom ka hot doodh - Hindi antarvasna story

Tuesday, September 9, 2014

I am here again to share with you a sexy part of my life. Aaj jaise hi mujhe pata chala ki dad bahar 3 din ke business trip par ja rahe hai to mai man hi man khushi se jhum utha aur raat ka intazaar karne laga. Meri mom bahut hi sexy lady hai, unka figure bhi bahut hi akarshak hai, bade bade boobs, gora rang, madmast cheez hai. Ab chunki mom se pahle sex kar chukka tha sliye hum aapas me khul gaye the. Is baar kafi dino ke bad yeh mauka aaya tha. Sham ko dad ke jane ke bad mom kitchen me kam kar rahi thi to mai kitchen me jakar mom ko pitche se pakad liya aur bola my mom aaj to mai doodh peeunga, to wo hanste hue boli pee lena abhi garam to hone de, maine hanste hue kaha to garam karo na mai to peena chahta hun, to wo boli aaj special doodh kesar dalkar pilaungi.maine kaha mujhe kali bhainsh ka nahi, tumhara peena hai isse special aur kahan hoga- mom hans ke boli badmash ho gaya hai chal bhag, kam karne de. Mom jaldi karna aur mai bahr aakar Tv serial dekhne laga aur phir Tv par ek adult film aane lagi bahut sexi film thi mai use dekhne laga, Serial khatam hone par mammy apane kamare mein jate hue boli “to doodh garam kar ke rakha hai jakar pee lena, maine kaha mujhe yeh nahi pina, mai sone ja rahi hoon aur khyal rakhna jyada der nahi ho” Mom doodh lekar pahale apane kamare mein gayee. Mai samajh gaya. Aur maine jaldi hi Tv band kar mom ke room me chala gaya dekha to mom leti huyee thi mai bhi unake bagal mein jakar let gaya. Mai mom ke boobs par hath pherne laga, Blowse ke button khol rakhe the. Maine kaha mom kya hua aur maine bra ka hook khol diya ar bola kyo kaid kar rakha hai inko kam se kam raat ko azad kar do aur maine unke boobs ko daba diya unhone blowse utar diya Ab mom ki choonchiya ajad thi. Kya mad mast thi aur mom boli doodh side table par rakha hai, pee lo na aur mom uthkar doodh ka glass layee, maine unke petikot ka nada khol diya aur wo sat se neeche aa gira aur wo neeche kuchh bhee nahi pahne thi...phir wo boli yeh doodh pee lo” maine kaha jab samne khud itni sundar doodhwali khadi ho to yeh kali bhains ka doodh kaun piyega aur maine unki choochiyo ko jor se daba diya aur unhe muh me le liya Mom ne kaha “par isamein doodh kahan hai” yah kahte hue mere muh me se apanee choonchi chhurakar uthi aur doodh ka glass utha kar mere muh me laga diya. Maine ne thoda piya aur glass lekar baki pine ke liye mom ke muh mein laga diya. Mom neb hi thoda piya muh se glass hatate hue kaha, “mai doodh pi liya tha” es beech doodh chhalak kar mom ki choonchiyon par gir gaya. Mai use apanir jeebh se chatane laga.

Ab to mom glass lekar apani choonchiyon par dhire-dhire doodh girati rahi aur mai maja le-le kar use chatate gaya. Choonchiya chatane se mom ke sare badan mein sursuri hone lagee, is beech thora doodh bah kar mom ki nabhi se hota hua choot tak chala gaya. Meri jeebh doodh chatate-chatate neeche aa rahi thi aur mom ke badan mein sansani fail rahi thi. Mom doodh giraye ja rahi thi doodh boobs se hota hua bahi se neeche aa gaya tha Ab mere hoth mom ke bur ke thik upar hokar doodh chat rahe the. Mai phir jheebh ko uupar ki taraph kar boobs ke pas le aaya aur unke boobs daba kar jor jor se chusne laga mom bhi exite ho rahi thi aur bolne lagi “Oh raja! Esi tarah choosate aur chatate raho …bahut …achchha lag raha hai… maine kaha kya mast doodh hai aisa nasa aur kahan hai ….mujhe to yehi peena hai roj…. Mom boli……ye kya kar rahe ho …. Main masti se pagal ho rahi hun….. Oh rajjjjjaaaa chato aur….. Jor se chustoooo….bahut achchha lag raha hai …meri mom….aur mai unke boobs ko chusta raha phir mom ne mere lund ko hathon me le liya to mai bola tum bhi pee lo na iska doodh …boli isme doodh kahan hota hai,,,mai bola doodh nahi to malai to hoti hai naa….aur uspar mom ne doodh gira diya aur glass me jo malai thi mere lund par dal di …aur use apne jeebh se chatne lagi …aur apni jeebh ko golai me phirane lagi …maine uske sir ko pakad kar kaha chus le na ab iska malai wala doodh …aur lund ko mom ke muh ki taraf thela ..aur ab to use chusne lagi aur mere lund ko aandar bahar kar jor jor se chusne lagi ummmm….ummm ahhhhh…ki aawaj aa rahi thi mera lund tan kar bada ho gaya tha aur chudai ke liye pura tayyar tha mom bhi ab ruk nahi pa rahi thi. Mom ki bur bhi bhi use pane ke liye bekarar thi. Mera lund bhi ab mom ki bur se milane ke liye bekarar tha. Mom ab sidhe let gayee aur usne chudai ka nimantran de diya. Mai bhi turant hi mom ke upar aa gaya aur ek jhtake me mom ki bur mein apana pura lund ghusa diya. Mom bhi neeche se kamar utha kar lund aur bur dono ko apas me milane me sahayog dene lagi. Dono es samay es prakar mil rahe the mano kaie baraso bad mile ho. Maine rafter bharahte hue puchha, “kya karun rani mom?” Mom boli andar tak to kar diya ab puchhta hai kya karun chal chudakkar kahin ka” unhone mere hoth chum liye aur boli kiye ja jaise teri ichha.

Mai ab ar dhakke laga raha tha aur mom ki bur niche se unaka jabab de rahi thi. Ghamasan chudai chal rahi thi. Aur mom ke siskariya nikalne lagi…ahhh…uiiiiiiiiiiiiii… .kya kar raha hai re……..jor se chodo rajaaaaa chadoooo … meri bur bhi kam nahi hai….. Kas-kas kar dhakke maro mere rajaaaaaa, chodo jor es sali bur kooooooo, jo har samay chudane ke liye bechain rahati hai… chooooo..dooooooo…… Ab to mai bhi tufan mail kee tarah chudai karane laga. Bur se pura lund nikalata aur puri gaharai tak pel raha tha. Mai to swarg kee havao me urane laga.. Mom kya mazza aa raha hai meri rani ..kha..jamke.. “hai rajjjja ! Our jor…seeeeee … bara majjjjjjjja aaaaa aa raha hai……our joooorrrr seeee……. ..ohhhhh maaaaa oh mere raja bahut achchha lag raha hai…mai bhi ab upar se kas kas kar dhakke par dhakka lagate hue bol raha tha, “ hai raniiiiiii.. Tumhari bur ne to aaj mere lund ko pagal bana diya hai….wah es sundar bur ka diwana ho gaya hun…..ese chod chod kar jab tak tum chahogi jannat ki sair karungaa…. Rani bahut maja aa raha hai….” Phir mom bhi boli uiiiiiiii….chodo…chodo….chodo …aur choddoooo, raja sath-sath girana….ohhhhh haiiiiiiiiii aa jao …. Chod doo…. Oh….ohhhhhhh ahhhhhhh esssss Mere sanam…..hai ab nahi ruk paungeee ohhhhh mai … mai…gayeeeeeeeeeeeeeeeee.” Idhar mai kas kas kar dochar dhakke lagakar sath-sath jhar gaya. Sachmuch es chudai se mai bahut khus tha aur mom bhi puri masti me chudai ka bharpoor maza liya. Ab dono jhar chuke the maine mom ka jordar kiss liya aur mom ki chunchiyon ke beech sir rakha kar unke upar thori der pade rah kar apane sanso ko snayat karne ke bada mom ke bagal mein hi letane ke bada pas me lipat kar so gaye, subah mom ne uthaya aur kaha uthna nahi hai kya…… aur mere lund ko daba diya ….kaha jaldi fresh ho jao ….mai brush kiya phir mom chay layee aur humne chay pee.

Phir maine dekha mom aur apne chutar matkati hui bathroom ki taraf chali gayee. Mai bhi mom ke pichhe pichhe bathroom me chala gaya aur andar jakar gate lock kar diya. Mom ne apne kapde utar diye, maine bhi sare kapde utar diye aur ab maine shower khol diya. Ham dono ke nange jism par pani ki phuwar parane lagee. Bathroom mein lage bare sheese mein main dekh raha tha, shower ke neeche mom ke uttejak badan aur badi badi choonchiyo par pani par raha tha, wo choochiyo se tapkata pani jo pairon ke beech mom kibur se hota hua paron par chhoti-chhoti dhar banate hue neeche gir raha tha. Jo bahut hi sexi lag raha tha Meri chhatiyo se girta hua lund par se dhar banakar bahta pani aaj bahut achchha lag raha tha. Mom ne mera land hanth mein le liya aur supare ko kholane aur band karne lagee. Lund hanth mein aate hee karak ho kar khada go gaya. Anb maine mom ke boobs ko aur sare shareer ko apani chhati se chipaka kar unke hoth apane hothon mein le liya. Mom ki kasi hui badi badi choonchiyan mere sine mein ragar khane lagi phir mom ne mere lund ko pakar kar apane bur se sata liya aur thora pair fala kar bur par ragarne lagee. Phir maine mom ke sare badan par sabun lagaya unke boobs ko aur bur ke upar bhi khub masala phir hum dono ek dusre ke badan par fisalne lage mom apne boobs ko pure badan par dabakar phisla rahi thi, bada maza aa raha tha phir maine shower ko tej kar diya aur sabun dho li. Iske bad mai mom ke boobs ko dabate aur sahalate hue mom ke hothon ko choos raha tha aur mere lund ko mom ki bur apne hoth se sahla rahi thi. Baithkar nahane ke liye rakhe stool par mom ne apana ek pair utha kar rakha liya aur mere land ko bur me ghusane ka mauka mil gaya. Shishe mein dikh raha tha unaka lund undar bahar hote hue meri pyari bur se khilwar kar raha tha. Mom ki Bur use pura apane muh me lene kee koshish kar rahi thi. Kuch der bad mom apne apane ko chhura kar bath-tub ko pakar kar jhuk gayee. Mom ke gol gol bade bade chootar uthe hue the mai unhe dab daba kar jhebh se chatne laga aur dant se kata bhi mom boli kya karta hai ab raha nahi ja raha hai aur maine mom ki bur o dekhne laga. Maine us par apane tannaye hue lund ko laga kar thakka diya. Pura lund gap se bur mein sama gaya. Phir kya tha lund aur choot ka khel shuru hua. Sheeshe me jaise blu film chal rahi ho, jisaki heroin mom thi aur hero mai. Mera lund mom ki bur mein andar bahar ho raha tha jisase mom ki bur pagal ho rahi thi par mujhe sheeshe mein lund ka ghusana aur nikalana baut bhala lag raha tha.

Shower se pani ki fuhar ham dono par pad rahi thi, hamlog usaki parvah na kar tan ki aag mitane me lage the. Mai peechhe se mom ki choonchiyan pakar kar barabar dhakke lagaye ja rahe tha. Shishe mein apani chudai dekh kar mom bhi kafi garam ho chukee thi esliye mom bhi apane chutar ko aage pichhe kar gapagap laure ko bur mein le rahi thi aur bolti ja rahi thi, “are yaar….. ! Bahut achchha lag raha hai….es chudai mein choddo mere sanam jindagee ka pura maja le lo ….hai !!!!!! Mere chodu balam…… tumhara laura bara jandar hai…… maro raja dhakka….. Aur jor se….. Hai raja aur jor se…. Aur jor se…… hai! Es jalim laure se phar do meri burrrrrrrrrr bbbbbbbahut achchhaaaaaaaa laggggggg rahaaaa haiiiiii….” Peechhe se chudai mein mere hanth jhuke-jhuke dukhane lage maine mom boli- “raja jara ruko, is tarah puri chudai nahi ho pa rahi hai, leta kar chudne mein pura laura ghusata hai to jharane mein bahut maja aata hai” phir maine shower band kiya. Aur mom vahi geele jameen par let gayee aur boli, “ab upar aa kar chudai karo” ab mai mom ke upar the aur mom ki bur me lund dalkar bharpoor chudai karane laga. Aur mom ki bur me lund pura ka pura andar bahar ho raha tha aur mom neeche se uchhal uchhal kar sath dete hue barbara rahi thi, “ab chudai ka majja mil raha hai maro raja maro dhakka… Aur jor se han! Raja esi tarah se chodo is bur ko… Ahhhhhh esssssssssss ohhhhhhh. Mai kas-kas kar dhakka mar kar mom ki bur ko chod raha tha. Thori der bad mera lund mom ki bur kee gahrai mein chal gaya aur hum dono sath-sath khalas ho gaye. Mom safe period mein thi mom ne pahle bata diya tha..es liye parvah nahi kiya. Tab mai bhi towel lapete kar bath-room se bahar aa gaye aur kapde pahan kar tayyar ho gya. Phir mom bhi bathroom se nikal kar kapde pahankar tayyar ho gayi. Hune raat ko phir bharpoor masti li.

Boss ki Behan - Hindi sex story

Monday, September 8, 2014

hello dear readers yeh meri pehli story hai main umeed karta ho ki app logo ko yeh pasand aayegi.

baat un dino ki hai jab mein 19 yrs ka hua tha to thabhi meri job lag gayi thi. maine office jana suru kiya tha mere ek staff ne mujhe boss ke bare mein bataya aur yeh bhi bataya ki boss ka home pass me hi hai aur wo office time me apne ghar ka kam bhi karwate hai. ek din boss ne apne kisi kam se mujhe apne ghar bheja. to ghar par boss ki sister ne darwaja khola uski age us time 35 sal ki thi uski shadi nahi hui thi aur uska badan kafi sudol tha main us time 19 saal ka tha. usne usne mere ko andar bulaya aur kaha baith jao uske boobs kafi bade aur tight the aur uske chutad ka size bhi kafi bada tha. uske baad karib ek week baad mein phir uske ghar gaya us din ghar par koi nahi tha mani unse kaha ki boss ne mujhe aap ke kam ke liye yaha par bheja hai boss kisi urgent meeting ke liye bahar chale gaye hai aur wo der raat tak ghar waapas ayenge. boss ki wife apne bachooke saath apne ghar gayi hui thi. us time ghar par mein aur boss ki sister arti akele the arti ne mujhse kaha ke baith jao auur phir wo pani ka gilaas lekar aaye jab mein boss ke ghar gaya tha to arti bathroom se naha kar hi bahar nikli thi usne apne badan par towel lapet rakha the maine paani piya aur phi arti se pucha ke bataoo aap ko kaya kaam hai jiske liye boss ne mujhe aap ke paas bheja hai. to arti ne kaha ke thodi der baitho phir mein batati ho. yeh kahkar arti apne room ke andar chali gayi. maine socha ki arti abhi change karke bahar ayegi to phir kuch kaam hoga. 2 minute baad andar se awaj aai jara idher ana mai room ke andar gaya to maine dekha ke arti bed par sirf bra aur painte mein leti hui thi mein ghabra gaya main waapas aane laga to arti ne mujh se kaha ke suno idher aao aur mujhse jordar payar karo yeh mera phala sex experience tha main bhi bed par jakar lat gaya uske badd phir mani apne ek haath se uske boobs ko uski bra ke auper se hi maslana suro kar diya aur ek haath se uski panite ke andar ghusa diya jase hi mere haath ne uski chut ko touch kiya to arti ne lambi saase leni suroo kar di aur apne ek haath se mere lund ko maslne lagi mera 9 inch ka lund tan kar itna tight ho gaya tha jaise koi lohe ki raad. arti ne mera lund dekha aur kaha ki itni choti umar mein itna bada lund. phir arti ne apne hoto se mere lund ko chumna suroo kar diya aur kahne lagi ki yeh lund sirf mera hai aur phir arti ne jor jor se mera lund ko chusna suroo kar diya karib 10 minute tak woh aise hi chusti rahi. aur thodi der baad kaha ki ab tum meri chut chhato maine bhi uski chut ko chumna suroo kar diya maine karib 5 minute tak uski chut ko chatta aur phir woh gili ho gayi phir usne kaha ki tum mere upar aa jao phir maine apni saft uski chut par rakh di us ne kaha meri jaan is lund ko meri chut ke anadr daal do. phir maine apne lund ka agla hissa jaise hi uski chut mein ghusaya to usne kaha ki jara dhere se karo itni age hone ke baad bhi uski chut itni tight thi jaise kisi 16 saal ki ladki ke hoti hai phir maine dhere se ek dhaka mara to mera adha lun uski chut me ghus gaya aur uski chut se khoon aana suroo ho gaya aur uski ankho se aaso niklne lage main haran tha ki itni age hone ke baad bhi abhi tak arti virign hai phir mai arti ke sarir ko chumne laga thodi der badd arti ka dard karib khatam ho gaya phir maine 3-4 jhatke jor se mar diye aur mera pura lund uski chut mein ghus gaya lekin in jhatko se arti ko kaafi dard hua us ke baad main phir arti ke hoto par kiss karne laga aur phir uske pur saris ko maine chumna suroo kar diya thodi der baad arti ka dard khatam ho gaya aur maze lakar apne chutad hilane lagi aur usne apne dono hatho se mere chutad pakad liye aur phir usne awaje nikalne suroo kar di hhhhhhhhhooooooooooooo MERI JAANNNNN MERIIIIIIIIIIII CHUTTTTTTTTTT KOOOOOOOOOOOOO PHADDDDDDDDDDDD DOOOOOOOOOOOOO YEHHHHHHHHH LUNDDDDDDDDDDDDD SIRFFFFFFFFFFFFFFF MERAAAAAAAAAAAAAA HAIIIIIIIIIII AAAAAAAAAAAAAAAAAAAAOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO JORRRRRRRRRRRRRRRR SEEEEEEEEEEEEEEE JHATKEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE MAROOOOOOOOOOOOO JALDIIIIIIIIIIIIII JALDIIIIIIIIIIIIIIIIIII CHODOOOOOOOOOOO PHIR MANI BHI JALDI JALDI APNE LUND KO USKI CHUT MEIN ANDAR BAHAR KARNA SUROO KAR DIYA KARIB 25 MINUTE BAAD MAINE USKI CHUT KE ANDAR HI APNA CUM JHAAD DIYA SAATH ME ARTI BHI JAR GAYI AUR HUM DONO SHAANT HO GAYE. PHIR ARTI NE MUJHE BATAYA KI KAAM TO TUMHE BULANE KA SIRF EK BAHANA THA THUMHARE LUND SE APNI CHUT KO CHUDWANA THA. AUR PHIR JAB ARTI GHAR PAR AKELI HOTI TO KOI BAHANA BANA KAR MUJHE APNE GHAR PAR BULA LETI AUR PHIR HUM DONO KHUB ENJOY KARTE YEH SILSILA BHUT LAMBE TIME TAK CHALA.


UMEED KARTA HOO KI AAP LOGO YEH KAHANI PASAND AYE HOGI. THANKS TO ALL OF YOU.

Badi Behan - Hindi sex story

Mera nam al hai me apne ammi abbu aur badi behen laiba k sath karachi me rehta hn.me is waqt 18 sal ka hoon ye waqia aj se do sal pehle ka hai jab me 16 sal ka tha aur matric ker chuka tha.meri behen mujh se 3 sal badi hai us waqt wo 19 sal ki thi aur micro biology me honours ker rahi thi.meri behen bilkul manisha lambha jesi hai same hieght,same complexion,same figure(approx).meri height us se zyada hai is liye me us ka bada bhai lagta hn.

Mene apni behen ko kabhi sex ki nazar se nahi dekha tha.aur na hi meri dil me us k sath sex ki koi fantasy thi.un dino ek film "girlfriend" ai hoi thi.us me i think esha kopiker aur amrita arora lesbian bani hoi thi.is tarhan ki films hamari family me nahi dekhi jati.ek raat cable wale ne wo film laga di.mene t.v band kerdia aur sab apne apne rooms me chale gaye.mare aur meri behen ka room same hai magar bed alag alag hain.bhala ho us machar ka jis k katne ki wajah se meri ank khul gayi us waqt raat k 2 baj rahe the.mene dekha k meri behen apne bed pe nahi hai me room se bahar nikla tu dekha k wo t.v launch me bethi film "girl friend" dekh rahi hai us waqt end chal raha tha film ka.me heran reh gaya k meri behen aisi hai.me apne bed pe aker late gaya mujhe neend nahi arahi thi aur yehi soch raha tha k meri behen bhi kitni khuwar hai.itne me wo apne bed pe aker late gayi.abhi me harani se bahar nahi nikla tha k ek aur herankun manzer ne mere hosh uda diye.meri behen apne bed pe ulta late ker hil rahi thi .pehle tu mene notice nahi kia phir ghor se dekha tu pata chala k wo tu maze le rahi hai...wo apne hips hila rahi thi aur phir apni shalwar me hath dal dia aur phir hips age peche hilane lagi.meri ankhen phati ki phati reh gayen.khair me kafi thaka hoa tha is liye pura action na dekh saka na jane kab mujhe neend agayi.

Us din k bad se mene apni sexy sis ko note kerne shoro kerdia.us ka figure wagaira....jab wo jhado lagane k liye jhukti thi to itni pyari cleavage nazar ati thi k kia kisi heroin se kam hogi.mene us se free hona shuru kia..matlab ye k free tu hum pehle bhi the magar me us k aur close hogaya us se batain shair kerne laga.raat ko hum dono apni apni batain ek dosre se shair kerte.hansi mazak me tali marna,ser pe chapat lagaya gudgudi kena wagaira.kayee bar gudgudi kerte kerte mera hath us k boob se touch hoa.aur me bhi bager underwear k us ke sath us ko gugudi kerta aur wo mujhe kerti aur us ka hath mere lund se kaye bar takra chuka tha.bas yehi cheez me chahta tha k meri behen ye jan jaye k me sirf us ka bhai nahi hn balke ek aam larka hn aur mere pas bhi wo "man tool" hai jo larkion ko khuwar kerdeta hai.

Ek raat hum dono batain kerte kerte so gaye...thodi der k bad mujhe bed hilne ki awaz ai dekha tu pehle ki tarhan meri behen apni choot sehla k maze le rahi hai.mene dosri taraf muh kia ulta leta aur mene bhi bed k uper zor zor se hilna aur khatke dena shuru kerdia.bed hilne ki awaz se wo ruk gai aur shayad meri taraf palat ker dekhne lagi.mera muh us ki dosri side tha is liye mene use nahi dekha k wo ab kia ker rahi hai me apna lund pakar ker sehlane laga aur bed pe jhatke dene laga.mujhe use sirf ye dekhana tha k me bhi us ki tarhan khuwar hn.

Agle din me jan boj ker us k qareeb qareeb rehne laga.take muqa mile tu us ki cleavage dekh sakon,use touch ker sakon ye sab me use ye jatane k liye ker raha tha k use ye ahsas ho k me us me intrested hn.pehle to wo dopatta gir jane pe dobare sahi kerrahi thi magar phir dopatta bhi hata dia.jis se mujhe us ki cleavage dekhne ka aur muqa mila.ab mujhe bhi ye ahsas hone laga tha k ye bhi mujhe apni body aur figure dikhana chahti hai.

Us raat bhi wo fingering ker rahi thi aur hips hila ker maze le rahi thi.us ki pedh meri taraf rehti thi.yahan me ye batata chalon k mere bed aur us k bed me thoda sa hi fasla hai agar me apne bed k end pe aker use touch kerne ki koshish karon tu mushkil se sahi magar touch ho jayega.us waqt mujh se controll nahi horaha tha aur mene apna paon us k hips se laga dia.wo foran ruk gai aur meri taraf dekhne lagi.me sone ki acting kerne laga.us ne thodi der bad mera paon apne hips se hata dia phir hum so gaye.agli subah wo mujhe bohot ajeeb si nigahon se dekh rahi thi.me us k pas gaya aur use gudgudi kerne laga tu wo bhi palat k mujhe gudgudi kerne lagi.mene us k hath pakar ker apne lund se touch kerwata hoa hata dia.......aur aisa behave kia jese me use sirf gudgudi kerne se rokna chah raha tha.

Agli raat me neendh me tha k chanak meri ank khuli mujhe mehsoos hoa k koi bhari chez mere lund k uper rakhi hoi hai mene dekha tu pata chala k meri behen ka paon tha.me heran reh gaya k ye bhi khuwar mere lund me intrest le rahi hai.mera lund khada ho chuka tha aur me bohot khuwar ho raha tha.mene hath se us k paon ko apne lund pe ragarna shuru kerdia.phir mene socha k agar meri mani nikal gai tu us ka paon ganda hojaye ga is liye mene bathroom me ja ker muth mar di.is se mujhe ye pata chal gaya tha k aag dono taraf lagi hoi hai.

Dopehar k waqt abbu office me hote hain hamari ammi school me teacher hain tu wo school me hoti hain .meri behen university se 2 baje tak ajati hai aur un dino meri matric k bad chutian thi tu dopehar k waqt me aur baji ghar me akele hote hain.us din mene soch lia tha k beta aj tu kuch na kuch ker k hi rehna hai.mene ek condom ka packet khareed lia.aur us k ghar ane ka intezar ker laga .wo ghar agai phir us ne nahaya aur phir khana kha k parhne lagi.me us ko cherne laga .wo mujhe mazak me marne k liye mere peche room tak ai.mene pehle se hi room k khidki aur parde band kiye hoye the.phir mene use gudgudi kerna shuru kerdia wo haste haste bed pe gir gayi .me us k uper charh k beth gaya is tarhan k mera khada hochuka lund us ki choot se takrae phir use gudgudi kerne laga aur us ka ek boob dabadia.

Phir mene us ka chehra dono hathon se paker lia.us ne kaha k tum ye kia ker rahe ho.mene kaha k tafreeh ker raha hn.phir mene use kiss kerna shuru kerdia.us ne mujhe hata dia pehle tu me der gaya k ye naraz hojayegi.lekin us k chehre pe smile dekh ker me samajh gaya k ye ab bootle me utar chuki hai.us ne kaha ke ye sahi nahi hai tum ye kia ker rahe ho hum dono bhai behen hain.mene us se kaha k dekho tum ek larki ho aur me k larka .hamari kuch sex desires hoti hain kia tumne kal mere lund pe apna paon nahi rakha tha.phir mene us k muskurate hoye honton pe anpe hont rakh diye.aur us k hont suck kerne laga.aur dono hathon se us k boobs dabane laga.phir us ne kaha k apna lund pakarwao.mene foran apni pant utari aur apna lund us k hath me de dia.wo mere lund ko sehlane lagi.phir muh me le ker chusne lagi.uffff kitna maza araha tha.phir mene us se kaha k ek minute ruko apni kameez utaro us ne apni kammez aur bra utar di aur phir mera lund chosne lagi.me us k boobs daba raha tha.mene apni shirt utar di aur us se us ki shlwar utarne ko kaha us ne jhatse apni shalwar utar di.me zindagi me pehli bar live kisi larki ko nude dekhraha tha.phir us me apni panty utari aur phir mera lund paker k apne muh me andar bahar kerne lagi.meri khuwari barh rahi thi mene socha k agar itni jaldi mani nikal gai tu maza nai ayega.

Mene us ka muh apne lund se hataya.aur almari se comdom nikala aur apne lund pe charha lia.wo samajh gai me kia kerna chah raha hn.jab me condom pehen ker us ki taraf palta tu wo bed pe leti hoi apni choot me fingering ker rahi thi.me us k uper aya aur phir apni position li.phir ahista ahista lund us ki choot me under kerne laga.us k muh se dard ki wajah se halki halki ahh ahh ki awazain nikalne lagi.jab pura andar chala gaya tu mene bahar nikal phir andar kia phir bahar nikala phir andar kia is tarhan jhatke dene laga phir dono hathon se boobs dabane laga aur use kiss kerne laga.....phir mujhe achanak aisa laga k us ki choot sukad rahi hai.aur meri mani nikal gai.aur us ki bhi........

Is tarhan mera pehla sex experience meri apni badi behen k sath hoa.......ye meri tricks un logon k kam bhi asakti hain jo apni behen k sath sex kerna chahte hain magar darte hain k kese karain........mera un se ye kehna hai k hamari behnain bhi akhir ek aam larki hi hoti hai.aur sab ki sab khuwar zaroor hoti hain.bas apko sahi muqa,kismat aur khud apni behen ka sath milna zarori hai.

Ek Anokhi Family Ki Kahani

Thursday, August 28, 2014

Mera naam raman hain aur mein delhi mein rehta hoon .mein ek gigolo hoon. Mere gigolo ban ne ki kahani bahut lambi hain.meri apni mummy aur badi massi ne mujhe gigolo banaya hain.yeh kahani bahut lambi hain is liye mein ise kai part mein likh raha hoon pehla part yeh hain.meri yeh kahaani tab ki hain jab mein 16 saal ka tha aur daswi mein padta tha.meri behan ki umar 17 saal kit hi .mein kahani shuru karta hoon. Mere papa ki umar 42 saal aur mummy ki umar 36 saal ki thi .papa mummy ki hamesh ladai hoti rehti thi. Meri do massiya hain. Ek mummy se badi hain.unki do betiya aur ek beta hain aur ek massi ki shaadi nahi hui hain.meri badi massi mere papa mummy ko ladati rehti hain.isi karan mummy papa se alag ho gaye aur apne maiyke apni maa ke pass chali gaye aur hame bhi apne saaaath le gaye.mere nani ke ghar mein meri nani aur masi hi rehte the.badi masi saath mein alag rehti thi.mama aur mami ko nani ne alag kar diya tha. Who usi ghar mein ek room mein alag se rehte the.nani bahut garib thi.is liye masi hi kaam karti thi.woh night club mein dance karti thi.woh sham ko ghar se niklti aur subha 4 baje wapis aa jati.aur sara din soti rehti .ab mummy bhi massi ke saath kaam par jati thi. Ghar par sirf do kamre the. Ek kamre mein hum sab niche bister laga kar sote the. Dusre kamre mein bed laga tha.woh karma sirf mehmano ke liye tha.ghar mein ajnabi admiyo ka ana jana laga rehta tha.woh raat mein usi room mein massi ke saath rukte aur hamare uthne se pehle chale jate.ab mummy bhi masi ki tarah raat ko us kamre mein jati aur wahi soti.aur us din masi hamre saath so jati. Ab hame yeh pata chal gaya tha ki masi aur mummy us kamre mein kya karti hain par hum kuch nahi kar sakte the aur hamne apne app ko usi mahol mein thal liya.garib hone ke karan mummy aur masi ke pass kapde kam the. Mere aur behan ke pass bhi kapde purane the .naye kapde mummy ne bahar ane jane ke rakhe the.sirf ek jodi kapda hi hume din mein pehnane ke liye mila tha.hum wahi kapde raat ko dhote aur subha pehan lete.massi aur mummy raat ko sirf bra aur kachi mein soti thi.meri behan ke pass aur mere pass koi underwear nahi tha is liya hum raat ko nange hi sote the.meri behan ki chut par baal the aur chuchi ka size normal tha..massi aur mummy ki chuchi badi thi .mera lund ka size 8 “ thaline mein nani uske baad meri behan phir mein aur mere saath mummy ya kabhi masi soti thi..raat ko mein mummy se chipak kar sota tha.mummy mere muh ko apni chuchi mein daba leti thi aur apni tango ko khol kar mere chutdo ko apni tango ke beech mein daba leti thi.mera lund mummy ki chut par chipka rehta tha.mummy bra itni choti pehnti thi ki sirf unki chuchi ke nipple hi dhake rehte the puri chuchi nangi rehti thi. Aur kachi ke naam par sirf ek choti sa kapda tha usme sirf chut dhakti thi mote mote chutad nange hi rehte the.ek raat meine mummy ki bra aur kachi nikal di aur mummy ko nanga kar diya .phir mummy ki chut mein apne lund rukh kar ghisne laga.2 ghante tak lund ghisne se mere lund ne virye chod diya.mera pani mummy ki chut aur pet par phail gaya mein dar gaya aur chup chap so gaya .subha mummy ne mujhe kuch nahi kaha.pahir agle din bhi meine yehi kiya meine mummy ko nanga kiya aur unki chut par apna lund ghisne laga mummy ne apni tange khol di aur apna haath mere lund par rakh diya aur lund pakad kar apni chut par rakh kar dhaka lagaya mera lund mummy ki chut ke ander chala gaya phir main mummy ko chodne laga 1 ghante ke baad mene apna pani mummy ki chut ke ander chod diya.phir main mummy ki chut ke ander apna lund daal kar so gaya.ab yeh roz ka kaam ho gaya tha.subha jab behan mere aur mummy ko jagane aati to hum dono chipak kar so rehe hote the.ab hamre ghar mein sharm naam ki koi chiz nahi reh gaye thi. Massi aur mummy ghar par ya to bra aur kachi pehnti thi ya nangi hi rehti thi.meine kai baar apni masi ko chodna chaha par saflta nahi mili.woh mere samne nangi rehti thi par mere ko chudai ka kabhi moka nahi mila tha.
Ek raat mummy ghar par nahi thi . Mere ko roz raat ko chudai kiye bina sone ki adapt nahi thi.meine raat ko apni behan ke chutad par apna haath rakha who so rahi thi .meine dhere dhere apni behan ki chut ko ragdne laga.aur ek haath se chuchi dabane laga.meri behan uth gaye .woh garm hone lagi thi.roz raat ko meri aur mummy ki chudai dekhne ke baad meri behan apni chut mein apni ungli daal kar muth marti thi. Aaz jab meine behan ki chut ko cheda to who ek dam garam ho gaye.woh mere lund ko muh mein le kar chusne lagi.karib 30 min tak who mere lund ko custi rehi .phir mene behan ki chut ko chata.woh muh se awaze nikalne jagi.phir meine behan ki chut par apna lund rak kar chodne lage tabhi nani jag gayi.usne mujhe chudai karne se rok diya.nani ne behan ki chut mein ungali daal kar behan ko jhar diya.aur mene nani ki chudai ki.phir dhire dhire mai apna hath nani ke dono janghon ke bitch baraya. Maine unke kapdo ko pakar kar dheere dheere khichne laga. Phir mai apna sar utha kar dekha, nani ki janghen puri taraf se nangee ho gayee hai to maine unke kaparon ko aur khichne laga. Kaparon ke thora sa aur khichne ke bad me mujhe unki chut dikhai dee dadi ki choot puri tarafse balon se bhara huwa tha. Maine apna sar phir takia par rakh kar let gaya. Maine apna hath nani ke eik jangh par rakh kar jangh ko upper se neeche hath phira kar sahalane laga. Phir maine apna hath dhire se unki choot par rakh diya aur chut ko halka halka hath phirate huw sahalane laga . Ab mera lund dhire dhire khara hone laga. Mai apne dusre hath se apna lund pakda. Ab mai unki choot ko aur jor se masalne laga aur apna lund nani ke hath par rakh diya. Pata nahi mai kitna der tak unki choot ko masalta raha lekin jab mai unki taraf dekha to nani. Apne hathon se mere lund pakare huwe thi aur hatheli se masal rahee thi. Nani mere pas aaee aur mere pas aakar baith gayee. Aur mujhse unke sath chalane ke liye phusphusa kar boli. Mai bhi chupchap uth kar unke peeche peeche chal para. Nani mujhko kamare me le gayee. Kamare me me le jakar kamare ka darwaja band kar diya aur khud jameen par beeche bister let gayee. Jameen beeche bister par letate hi nani ne apni khuli choot humko dawat de rahi thee. Unki do choti choti dhelee dhalee chuchiyan bahar aa gayee. Unki khuli chunchee aur choot us samay mere liye dunia ki sabse sundar cheej lag rahee thee. Nani ne apne dono hath utha kar mere ko unke pas bulaya aur uth kar baith gayee . Unhone mere lund ko apne hathon me liya aur sahalane lagee aur phir lund ke supade ka ghunghat nikal ke apne mutthu me bhar kar muth marne lagee. Mere lund ko apne chunchee se sata kar ragarne lagee aur apne hathon se mere anduwe ko dabane lagee. Unke is harkat se mera lund khara ho gaya. Phir nani bister par let kar mujhko apne upar kheench liya aur apne hathon se mere lund ko pakar kar apni chut ki chhed se ragadna suru kiya. Phir mai unke dono tango ko failakar lund ka supad chut ki muhane rakh kar ek karara jhatka mar ka aahe se jyad lund unki dheeli chut me utar diya aur lund ko andar bahar karte huw phir ek jor kar shot mara to pura ka pura lund unki chut ko chirata huwa gahari ghati me sama gaya wo boli dinu wakai tumahara lund jandar hai reeeeeee.
Kafi dino se is chut ko lund ka maja nahin mila chod mere raja chod uffffffffffffffff aur mai unki choot ki chudai karta raha. Kuch der ke bad unhone bhi apni kamar uchal uchal kar mere lund ko apni choot me lene lagee aur mai bhi josh me akar jor se unke choot me apne lund se dhakka marne laga. Muze unki chut jannat ka maja de rahi thi kareeb 15 minute tak mai apni nani ki choot me lund pelata raha isi darmiyan unki chut ne 2 bar sikudan paida karte huw jhar chuki thi aur mai bhi apne charam sima par pahunch chukka tha aur phir unki choot ke undar jhar te huwe unki chut to lund ras se laba lab bhar diya thori der tak humlog shant pare rahe aur jab humlogon ki sans theek huee . Thori der ke bad nani ki choot phir se lund khane ke liye tayar ho gayee aur wo mujhse boli, “kyon phir apni nani ko chodega?” Eh sunte hi mai phir unse lipat gaya aur unke upar char kar phir se unki choot me lund dal kar unko chodne laga. Us rat humlogone kareeb char bar chudai ka anand liya. Akhir bar unhone hath aur pair ke bal jhuk kar ulti let gayee aur mujhse unko peeche se chodne keliye boli aur mai bhi unke peeche ja kar unki choot me apna lund dal diya aur kabhi unki chunchee aur kabhi unki chutar ko sahalate huwe unko choda.mai roz rat ko apni nani ko chodta raha aur wo mujhse chudwarahee. Har rat wo muzse teen ya char bar apni choot me mera lund pilwati rahee aur mai unko pelta raha. .hum teeno nange hi so gaye.subha mummy aur massi ghar aye hum so rahe the mummy apne kapde utra kar mere saath let gaye aur mere lund se khelne lagi. Unka ek haath sarakta hua mere lund par chala gaya.aur hath me lekar sahlane lagi aur boli tum mere boobs ko chuste raho mai bhi chusta phir kabh jibh pherta, ab jibh pherte pherte nabhi tak. Aa gaya mere bhi lund mein sansani hone lagi, mom lund ko apne hathoon mein lekar sahlane lagi. Dekhte-hi-dekhte lund musal ki tarah khara ho gaya. Hai kitna shandar lund hai….. Main to bas is lund ki deewani hun aur mom lund ko lollypop ki tarah choosne lagi. Dono ke munh se siskariyan nikalne lagi…..aaaahhhhhh….. Se bharpoor maza lekar choos rahi thi…..ooohhhhh kya masti ayee mazaa aa raha tha,dant bhi gada rahi thi, gazab ka chus rahi thi. Ab usne lund muh se nikalkar bur ke pas hath se rakha aur mai samajh gaya, boli jaldi karo, lund bur par pherte pherte phisal kar mom ke haseen nazuk boor mein ek dhakke ke saath ghachhhh…..se andar chala gaya…… Ooouuuuiiiii…..naughty boy……mar diya re tune…..mom chillayi..aur tej. Mai bhi tezi se apna lund mom ke. Bur mein ander bahar karne laga, aaaaahhhhhh..yyyyeeesssss…oooooohhhhhh…ggggoooooddddd.. Aaaahh..aaaahhh..aaaahhhhh.aaaaahhhhh and i felt like heaven.amma neeche se apna choot uchhal-uchhal kar lund ko apne choot mein nigal rahi thi..aur boli ja rahi aur jor se aur jor se,, mai bhi chudai ki raftar badha di…..oooooohhhh…….aaaahhhhh…….ab maza aa raha hai aur chod …..zor se chod…… Apni mom ki haseen choot ko…….apni maa ki mast choot loot le choot ka maza chakhle…….haiiii………….oooouuuiiiiii…..tum ne mujhe aajswarg pahuchdiya…..main oooohhh..haaai… …hai…oooooohhhhh ..oooohh. Aaahh hhh.but i love you.hai..ooohhhh.maine bhi kaha..i love u too. Chudai ka khel ab khatam ho chukka tha…… Aur apna garam garam juice uski choot me chod chukka tha,,maine apni bitch. Ki ungali uski pussy me phir ghusadi aur jor se ghumane laga au uske bhi garam pani ko mahshush kar raha tha.wo boli”oh mere jaan i love you..aise hi mujhe hamesha chodna main janmon ki pyaasi hoon.maine bhi kaha tum jab bhi chahoge main tumhe hamesha taiyaar miloonga bus mujhe aise hi apne paas rakhna aur mujhe bahut pyaar karna.. Mom ko gale lagate hue hoonton ko choomne laga. Meri mom meri jaan tu mast cheezi hai ……keya shandar choot hai teri… Phir mene mummy ki chudai ki.massi dusre kamre mein so rahi thi.mummy ko chodne ke baad mein uth kar bathroom mein gaya.hamre ghar mein bathroom bahar hain.jab mein wapis aa raha tha to meine massi ke kamre mein dekha woh nangi so rahi thi. 

Mery Garam sister - Hindi Brother sister sex kahani

Sunday, August 24, 2014

Hi friends I am Sahid from karachi dosto meri age 22 years hai. Main
B.sc. Ka student hoon . Meri ek choti bahan hai naziya aur meri ammi
aur abbu mere abbu business man hai is vajah se vo aksar ghar se bahar
rahate hai. Naziya ki age 18 years hai aur 12th kar chuki hai aur sirf
ghar me ammi ka hath batati hai. Naziya ki figar jabardarst hai .
Bilkul model ki tarah koi bhi use dekhe to chodne ka man kar de. Paint
fad kar land bahar aa jaye. Ye bat kuch ek sal pahale ki hai jab main
apne exam ki taiyari kar raha tha thand ka din tha aur naziya aur main
ek kamre me sote the magar main mouka dekh kar kabhi kabhi usk boobs
daba liya karta tha. Magar use chodne ka mera sapna adhura hi tha.
Papa ko business ke silsile se bahar jana tha magar unki tabiyat kuch
tik nahi thi to ammi bhi abbu ke sath chali gayi. Wo do dino ke bad
laut kar aane wale the . Maine socha mauka accha hai naziya ki ****
chodane ka . Subah naziya chai bana kar layi sirf nighty me thi maine
usk boobs dekha to mera land khada ho gaya . Maine use apne pas baitne
ko kaha to wo baith gayi . Maine use kaha ki cd me o movie to laga do
to wo lagane chali gayi magar galti se usne bf ki movie laga di. Thodi
der me jab ek ladaki land chuste huye dikhai di to wo jane lagi kaha
chi kaisi movie hai maine kaha ruk aur dekh to o boli aapke sath nahi
main nahi dekh sakati maine kaha dekho nazo tum ladaki ho aur main
ladaka humari bhi kuch jarurate hai jo hum ek dusare ke sath pura kar
sakate hai . Wo boli aap mere bhai ho to maine kaha bahar ja kar
chudai karogi to badnami bhi ho sakati hai magar yanha sirf main aur
tum usne kaha magar kisi ko pata laga to maine kaha ki tum aur main
kisi ko batainge to pata lagega na. Maine uska hath pakad kar khich
liya aur o bhi aagayi maine apna hath uske boobs par rakha aur dabane
laga aur o aanhe bharane lagi .
Movie dekh kar hum dono garam ho rahe the usne kaha tumahara o dekh
loon maine kaha kya to usne kaha o ladaki jo chus rahi thi main kaha
ha to usne mere paint ko utra aur underwear se mere land ko aajad kar
hath se chune lagi ab mera land ek dum tigt ho gaya aur main use nagi
karne laga phale maine uski night utar di ab o sirf bra aur panty me
rah gayi . Main uske bra ki hook khol kar uske boobs ke nipples ko
suck karne laga aur o moaing karne lagi ahahhhhhhhhhhhhhhhh hhhhhhhh ab
main uski panty utar di aur uski kuwanri **** ko hath se chune laga
use jaise karant laga aur usne mera hath hata diya maine fir se uski
**** chuaa aur chatane laga use maine kaha mera land chuso gi to usne
thod hi chusa aur phir mera land jhatke marne laga ab maine socha yahi
sahi mauka hai aur maine use bed pe lita diya aur uski bina chudi ****
me apna land dalane laga magar use bahut dard ho raha tha to maine oil
le aaya aur uski **** me thoda sa dal ke apne land pe laga liya ab
phir se maine apna land uski **** pe ragadna suru kiya aur uske ****
ke ched se apna land tika ek jor ka dhakka mara o chila ut
aaaaaaaaaaaaaaaaaaa mar diya bahi aapne to itna mota land mat pelo meri
choti **** me maine kaha ab kuch nahi ho sakta tujhe chod kar hi ye
land thanda ho gaya to usne kaha dhire karo maine apna land uski ****
se bahar kiya to dekha uski pudi se blooding ho rahi thi .
Maine use kaha pahali bar me aisha hota hai phir maine apna land uski
**** me ek jor ke dhakke ke sath pela aur o phir dard se chilla uti
maine apne hot uske hot pe rakha aur uske boobs ko sahlane laga jab o
normal huyi to maine use dhir dhire chodna suru kiya ab o maja lene
lagi aur mera 8″lmaba aur 3″ chouda land puri tarah se uski **** me
tha aur o moaning kar rahi thi ahhhhhhhhssssssssss sssssshhhhhhhaur
chodo bhai jor jor se chodo uski ye bat sunkar maine speed bada di aur
chodne laga karib 15 mint bad usne muje jor se pakad liya aur o jhad
gayi magar maine chodna jari rakha ab uski **** se pahc pach ki awaj
aarahi thi magar maine apni speed aur bada di uski **** ki sil tod di
aur 30 mint bad main abhi uski **** me hi jhad gaya jab tak o tin bar
jhad chuki thi.
Maine uske kaha ab main tumahari gand marung to o boli nahi bahut dard
ho maine use ulta kiya aur uski ass hole me oil dal ke apna land pelna
suru kiya use dard ho raha tha magar o gand marana chahti thi aur o
maoning kar rahithi assshhhhhaaaasssssh aaaahhhhh
Ab mera land uski gand mar raha tha 20mint tak maine uski gand ke ched
ko drill kar chouda kiya aur hum dono ek sath jhad gaye sham ko jab
hum sone gaye to bilkul miya biwi ki tarah suru ho gaye maine naziya
ke sath puri do din full maja kiya ammi abbu ke aane ke bad bhi hum
roj chudai karte the galti se o praganet ho gayi magar hum dono ne
jald hi ilaj kar ke apna khel jari rakha.
Kuch samay tak mere aur naziya ke bich kuch bhi nahi ho saka iska
karan hamari mammi hia jo aaj kal naziya ki taraf jayada dhyan de rahi
hai isliye hum dono ko mauka hi nahi mil saka aur hum chudai ke liye
taras rahe the.
Sanday ka din tha papa ki chhutti tthi to ammi aur papa dono marketing
karne ke liye nikale us samay tak main so raha tha aur thodi der bad
naziya chai bana ke le aayi aur mujhe jaga kar chai diya mujhe to
malum hi nahi tha ki naziya aur main aaj akele hai is liye maine chup
chap chai li piya aur bathroom fresh hone ke liye chala gaya . Uske
bad jab main bahar aaya to dekha ki naziya ke sath rasoi me koi bhi
nahi hai to maine us se pucha ki ammi aur papa kanha to usne kaha ki o
market gaye hai to maine socha ki aaj mauka mila hai to maine naziya
ko kaha ki mere kamare me aao to usne kaha abhi nahi to main uske pass
jakar use piche se pakad liya aur uske chuchiyon ko masalne laga aur
uski gardan pe kiss karne laga to usne mujh se apne aap ko chuda liya
aur kaha ki aaj nahi to maine kaha ki ek to itane dino ke bad mauka
mila hai us par se tum kah rahi ho aaj nahi kyon kya bat to usne kaha
bhaijan abhi mera mc period chal raha hai to hum isme chudai kar ke
khatare me pad sakte hai kyonki maine suna hai ki is bich chudai karne
se ladkiyan preganent ho jati hai.
Magar mujh se raha nahi gaya aur maine use piche pakad kar kaha ki
upar se to maja le sakte hai to us ne kaha ki sirf upar se andar kuch
nahi. To maine kaha tik hai mere room me chalo to usne kaha ki aap
chalo main aa rahi hoon. Aur main apne room me chala gaya thodi der
bad naziya aayi to maine use turant hi bed pe baitha kar uski
chuchiyon ko masalne laga aur use lip kiss karna suru kiya aur thodi
der bad o garam ho gayi maine uski top utar di aur bra bhi khol diya
ab main uski nangi chuchiyon ko suck karne laga aur apna hath uski
skirt ke andar dal kar panty ke upar se hi uski choot sahlane laga
uski munh se siskariyan nikalne lagi siiiiiiiiiiiisssiii iahahhhhhhhh
aur maine ab apna hath uski panty ke andar dal kar uski choot ke bal
ke sath khelane laga aur usne mera hath pakad ke kaha aapne kaha hai
ki upar se maine kaha ki hath se kya hoga to usne mujhe mana nahi kiya
aur maine apna kam jari rakha thodi der uski jhat se khelane ke bad
maine apni ungli uski choot me dal di aur andar bahar karne laga ab o
puri tarah garam ho chuki thi maine dhire se uski skirt utar di to
usne kaha ki kya kar rahe ho to maine kaha ki maine tumko bahut dino
se nangi nahi dekha hai to usne kuch nahi kaha aur mujhe apna kam
karne diya ab maine uski gili **** se apna hath nikal kar uski
chuchiyon par rakha to maine dekha ki uske niples tan gaye the to
maine socha ki ab ye garam ho gayi hai aur mujhe chodane ke liye mauka
mil jayega maine dhire se uski panty bhi utar di aur uski choot ke
upar apna munh rakh diya to bilkul tadap gayi aur mere bal pakad kar
apni choot me mera munh dabane lagi ab lag raha tha ki use bhi dar
nahi tha aur o dhire se mere land ko paint ke upar se pakad kar
sahlane lagi ab maine apna paint utar diya aur shirt bhi ab main sirf
underwear me tha aur usne mera land apne hath me lekar sahlane lagi
main uski choot chus raha tha aur o pagal huyi ja rahi thi maine use
bed pe lita diya aur uske upar chada to usne mujhe mana nahi kiya main
samjha gaya ki ab ye puri tarah se garam hai aur chudane ko taiyar hai
to maine uske tangey faila di aur bich me baith kar apna land uski
**** ki taraf bada diya to usne mere land ko hath me pakad kar apni
choot pe ragarne lagi aur maine apna land uski choot ke upar paya to
uski choot gili aur garam thi maine bhi ek jor ka dhakka mar diya aur
mera mota land sat se uski choot me adha andar ho gaya to o chikh uti
uiiiiiiiiiiiiiiiiii iiiiiiiiiiiiiisi iiiiiaaahhhhhhhh . Toda dhire magar
kuch ho gaya to maine kaha ki kuch nahi hoga aur maine use chodna suru
kiya aur dhakke marna suru kiya to uske munh se aawaj aane lagi
ahhhhssssssshhhh aur chodo aur main use chodta raha aur uski **** se
aawaj aane lagi pachc pachh aur main thodi der ke bad full speed se
use chodane laga karib 20 mint bad wo jhadane wali thi to usne mujhe
kas kar pakad liya aaur maine bhi speed aur bada di aur use jor jor se
chodane laga mera pura land uski yoni tak ja raha tha aur bahar aaraha
tha aur use maja bhi aa raha tha main bhi bahut khus tha kyonki bahut
dino ke bad main naziya ko chod raha tha main use chodate huye aachank
o jhad gayi aur mujhe kas ke pakad liya aur main bhi jhadne wala tha
ki usne mujhe itani jor se pakda ki main apna land bahar nahi nikal
paya aur uski choot me hi apna virya gira diya aur uski choot mere
virya se bhar kar bahane lagi . Aur main uski chuchiyon ke upar sar
rakh kar thodi der aaram karane laga jab hum thande huye to humko hosh
aaya ki hum logo ne kya galti ki hai aur o rone lagi ki is time pe hum
logo ko aisa nahi karna tha agar kuch ho gaya to main kya karoongi to
maine use kaha ki galati hum dono se huyi hai ab jo bhi hoga dekh lenge .
Aur ek mahine bad jab naziya ka mc prieod ka time tha to usne mujhe
kaha ki mera period nahi aaraha hai lagta hai ki main preganent ho
chuki hoon ab kya hoga to maine kaha ki tum daro mat main kuch karta
hoon aur maine ek doctor se advice li to usne mujhe pregancy strip ke
bare me bataya diya to maine medical se pregancy strip kharida aur
naziya se kaha ki subah ut kar jab tum pesab karna to use kisi botal
me rakh lena aur usne mujhe apni pesab botal me rakh kar diya aur main
apne teris par ja kar uski choot se nikale pesab me o strip dal diya
to uska color pink ho gaya jis se mujhe malum ho gaya ki naziya
preganent ho gayi hai . Tab maine doctor se bat ki to usne mujhe
aboration ke bare me batya aur kaha ki agar 1st moth hai to tablet se
kam ho jayega aur usne mujhe un tablets ke nam diye aur maine o tablet
naziya ko diya aur 2-3 dino me naziya ke choot se bahut sara khoon
nikla to usne mujhe batya aur .us rat maine naziya ki jam kar chudai
ki aur hum khus ho kar so gaye ab hum savdhani se chudai karte hai aur
condum ka use bhi karte hai .
 

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