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चूत की पूजा ( choot ki pooja )

Sunday, December 21, 2014

न जाने कब से यह मेरे ख्याल में बस गया था मुझे याद तक नहीं, लेकिन अब 35 साल की उम्र में उस ख्वाहिश को पूरा करने की मैंने ठान ली थी। जीवन तो बस एक बार मिला है तो उसमें ही अपनी चाहतों और आरजू को पूरा करना है। क्या इच्छा थी यह तो बताना मैं भूल ही गया। तो सुनिए। मेरी इच्छा थी कि दुनिया की हर तरह की चूत और चूची का मज़ा लूँ ! गोरी बुर, सांवली बुर, काली बुर, जापानी बुर, चाइनीज़ बुर !
यूँ समझ लीजिये कि हर तरह की बुर का स्वाद चखना चाहता था। हर तरह की चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता था।
लेकिन मेरी शुरुआत तो देशी चूत से हुई थी, उस समय मैं सिर्फ बाईस साल का था। मेरे पड़ोस में एक महिला रहती थी, उनका नाम था अनीता और उन्हें मैं अनीता आंटी कहता था। अनीता आंटी की उम्र 45-50 के बीच रही होगी, सांवले रंग की और लम्बे लम्बे रेशमी बाल के अलावा उनके चूतड़ काफी बड़े थे, चूचियों का आकार भी तरबूज के बराबर लगता था। मैं अक्सर अनीता आंटी का नाम लेकर हस्तमैथुन करता था।
एक शाम को मैं अपना कमरा बंद करके के मूठ मार रहा था। मैं जोर जोर से अपने आप बोले जा रहा था-
यह रही अनीता आंटी की चूत और मेरा लंड ...
आहा ओहो ! आंटी चूत में ले ले मेरा लंड ...
यह गया तेरी बुर में मेरा लौड़ा पूरा सात इंच ...
चाची का चूची .. हाय हाय .. चोद लिया ...
अनीता .. पेलने दे न ... क्या चूत है ... !
अनीता चाची का क्या गांड है ...!
और इसी के साथ मेरा लंड झड़ गया।
फिर बेल बजी ...मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने अनीता आंटी खड़ी थी, लाल रंग की साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में, गुस्से से लाल !
उन्होंने अंदर आकर दरवाज़ा बंद कर लिया और फिर बोली- क्यों बे हरामी ! क्या बोल रहा था? गन्दी गन्दी बात करता है मेरे बारे में? मेरा चूत लेगा ? देखी है मेरी चूत तूने...? है दम तेरी गांड में इतनी ?
और फिर आंटी ने अपनी साड़ी उठा दी। नीचे कोई पैंटी-वैन्टी नहीं थी, दो सुडौल जांघों के बीच एक शानदार चूत थी : बिलकुल तराशी हुई :बिल्कुल गोरी-चिट्टी, साफ़, एक भी बाल या झांट का नामो-निशान नहीं, बुर की दरार बिल्कुल चिपकी हुई !
ऐसा मालूम होता था जैसे गुलाब की दो पंखुड़ियाँ आपस में लिपटी हुई हों..
हे भगवान ! इतनी सुंदर चूत, इतनी रसीली बुर, इतनी चिकनी योनि !
भग्नासा करीब १ इंच लम्बी होगी।
वैसे तो मैंने छुप छुप कर स्कूल के बाथरूम में सौ से अधिक चूत के दर्शन किए होंगे, मैडम अनामिका की गोरी और रेशमी झांट वाली बुर से लेकर मैडम उर्मिला की हाथी के जैसी फैली हुई चूत ! मेरी क्लास की पूजा की कुंवारी चूत और मीता के काली किन्तु रसदार चूत।
लेकिन ऐसा सुंदर चूत तो पहली बार देखी थी।
आंटी, आपकी चूत तो अति सुंदर है, मैं इसकी पूजा करना चाहता हूँ .. यानि चूत पूजा ! मैं एकदम से बोल पड़ा।
"ठीक है ! यह कह कर आंटी सामने वाले सोफ़े पर टांगें फैला कर बैठ गई।
अब उनकी बुर के अंदर का गुलाबी और गीला हिस्सा भी दिख रहा था।
मैं पूजा की थाली लेकर आया, सबसे पहले सिन्दूर से आंटी की बुर का तिलक किया, फिर फूल चढ़ाए उनकी चूत पर, उसके बाद मैंने एक लोटा जल चढ़ाया।
अंत में दो अगरबत्ती जला कर बुर में खोंस दी और फिर हाथ जोड़ कर
बुर देवी की जय ! चूत देवी की जय !
कहने लगा ..
आंटी बोली- रुको मुझे मूतना है !
"तो मूतिये आंटी जी ! यह तो मेरे लिए प्रसाद है, चूतामृत यानि बुर का अमृत !"
आंटी खड़ी हो कर मूतने लगी, मैं झुक कर उनका मूत पीने लगा। मूत से मेरा चेहरा भीग गया था। उसके बाद आंटी की आज्ञा से मैंने उनकी योनि का स्वाद चखा। उनकी चिकनी चूत को पहले चाटने लगा और फिर जीभ से अंदर का नमकीन पानी पीने लगा .. चिप चिपा और नमकीन ..
आंटी सिसकारियाँ लेती रही और मैं उनकी बूर को चूसता रहा जैसे कोई लॉलीपोप हो.. मैं आनंद-विभोर होकर कहते जा रहा था- वाह रसगुल्ले सरीखी बुर !
फिर मैंने सम्भोग की इज़ाज़त मांगी !
आंटी ने कहा- चोद ले .. बुर ..गांड दोनों ..लेकिन ध्यान से !
मैं अपने लंड को हाथ में थाम कर बुर पर रगड़ने लगा .. और वोह सिसकारने लगी- डाल दे बेटा अपनी आंटी की चूत में अपना लंड !
अभी लो आंटी ! यह कह कर मैंने अपना लंड घुसा दिया और घुच घुच करके चोदने लगा।
"और जोर से चोद.. "
"लो आंटी ! मेरा लंड लो.. अब गांड की बारी !"
कभी गांड और कभी बुर करते हुए मैं आंटी को चोदता रहा करीब तीन घंटे तक ...
आंटी साथ में गाना गा रही थी :
तेरा लंड मेरी बुर ...
अंदर उसके डालो ज़रूर ...
चोदो चोदो, जोर से चोदो ...
अपने लंड से बुर को खोदो ...
गांड में भी इसे घुसा दो ...
फिर अपना धात गिरा दो ...
इस गाने के साथ आंटी घोड़ी बन चुकी थी और और मैं खड़ा होकर पीछे चोद रहा था। मेरा लंड चोद चोद कर लाल हो चुका था.. नौ इंच लम्बे और मोटे लंड की हर नस दिख रही थी। मेरा लंड आंटी की चूत के रस में गीला हो कर चमक रहा था।
जोर लगा के हईसा ...
चोदो मुझ को अईसा ...
बुर मेरी फट जाये ...
गांड मेरी थर्राए ...
आंटी ने नया गाना शुरू कर दिया।
मैं भी नये जोश के साथ आंटी की तरबूज जैसे चूचियों को दबाते हुए और तेज़ी से बुर को चोदने लगा .. बीच बीच में गांड में भी लंड डाल देता ... और आंटी चिहुंक जाती ..
चुदाई करते हुए रात के ग्यारह बज चुके थे और सन्नाटे में घपच-घपच और घुच-घुच की आवाज़ आ रही थी ..
यह चुदने की आवाज़ थी ... यह आवाज़ योनि और लिंग के संगम की थी ...
यह आवाज़ एक संगीत तरह मेरे कानों में गूँज रही थी और मैंने अपने लंड की गति बढ़ा दी।
आंटी ख़ुशी के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी- चोदो ... चोदो ... राजा ! चूत मेरी चोदो 

शादीशुदा विवाहित महिला का यौवन - Hindi sex story

Wednesday, September 24, 2014

दोस्तो मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये
है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है
उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर
काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है।
हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं
पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में
होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ
जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है उसकी बात कुछ
अलग ही होती है अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार
आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे।
राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में
प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की
तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से
सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के
बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें
घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले
लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं
पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल
स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी
कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़
ही नहीं लगता था।

मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति
किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के
और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी।
मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे
सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो
गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर
कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो।
मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन
किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा
मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा
तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के
लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया
था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी
और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे
खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया
कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो
टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में
देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता
तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना। मैने
थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया। रीता - ये क्या कर
रहे हो। कहाँ देख रहे हो? मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ। रीता - बड़े
समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर
हाथ रख दिया।रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है। वो बोली -
अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन
की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है।
पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा।
लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया
है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात उन्होंने कह दी।
मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके
होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करते रहे और
फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और
ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी। सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म
को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर
दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी तरह खड़े हो गये।रीता - पहले कभी
संभोग किया है। मैंने कहा - नहीं।तो फिर तो तुम अभी कच्चे हो,,, ये कहते हुए
उन्होंने मेरी पैंट उतार दी मैंने अंडरवेर नहीं पहना था और मेरा एक बार
स्खलित भी हो गया था। गीली पैंट देख कर रीता बोली। रीता - बस इतने में ही झड़
गया। तो तुम क्या करोगे। मैंने कहा - पहली बार किसी शादीशुदा को नग्न देखकर
ये झड़ गया। अभी दस बार और झड़ सकता है। तब मैंने कहा - मुझे आपकी योनि देखनी
है। वो बेड पर लेट गयी और अपनी टांगे खोल दी। मैंने पहली बार किसी चूत को
देखा था मैंने सीधा उसे चाटना शुरू कर दिया । रीता - अरे बड़े बेकाबू हो। चलो
कोई बात नहीं। पहली बार तो ऐसा ही होता है। मैंने अपनी जीभ उनकी योनि में
फिरानी शुरू कर दी। वो सिसकने लगी। मैंने जीभ को और अंदर डालना शुरू कर
दिया।रीता - अरे ऐसे चूसोगे तो मैं झड़ जाउंगी। मैंने स्पीड थोड़ी कम कर दी
और उनके ऊपर आकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। रीता - मुझे तुम्हारे लिंग का
टेस्ट करना है। मैंने कहा तो आ जाओ सिक्स नाइन की पोज़िशन में रीता - वो क्या
है। मैंने कहा - ब्लू फिल्म्स नहीं देखी क्या कभी। रीता - वो तो तुम किड्स
देखते हो। हम तो वो सब असली में करते हैं। और मैंने उनको सिक्स नाइन की
पोज़िशन में लाकर अपना लिंग उनके मुँह में डाल दिया और उनकी योनि चाटने लगा।
हम दोनो ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैंने देखा कि उनकी टाँगे कसती जा रही हैं
और एक दम उनकी योनि ने इतनी ज़ोर से मेरे मुँह पर अपना पानी झाड़ दिया कि
मेरा पूरा मुँह गीला हो गया। मैंने ऐसा पहले कभी ब्लू फिल्म्स में भी नहीं
देखा था।रीता - देखा लड़के इतना तुम्हारा दस बार में भी नहीं झड़ सकता जितना
हम एक बार में निकाल देते हैं। मैं बोला - इसके स्वाद में तो मज़ा आ गया और
कहा कि मेरा वीर्य भी तो चख कर देखो लो उन्होंने कहा - तो आ जाओ - पहले
उन्होंने मेरा लिंग अपने बूब्स में दबा कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मुझे
मज़ा आने लगा। मेरा लिंग और कड़ा हो गया। तब उन्होने मेरे सुपाड़े को अपने
मुँह में ले लिया। धीरे धीरे वो उसे पूरा निगलने लगी। मेरी उत्तेजना चरम पर
जाने लगी और बंदूक की तरह मैंने उनके मुँह के अंदर वीर्य की धार मार दी। रीता
- ये तो अमृत से भी ज़्यादा स्वाद है। मज़ा आ गया। पर अब मेरी प्यास कौन शांत
करेगा। तुम तो दो बार झड़ चुके हो।अब तो तुम्हारा खड़ा नहीं रहेगा ज़्यादा
देर। मैंने कहा - मैं तो अभी पहले की तरह ही हूं और कई बार और मूठ की धार
छोड़ सकता हूं। पर आपका नहीं पता, इतना ज़्यादा झाड़ा है आपने, अब भी है
उत्तेजना आपमें बाकी?रीता - औरत की प्यास को मर्द कभी समझे ही नहीं। मेरा
शरीर जल्दी हुई मशाल की तरह है। तुम जैसे लड़को के तो कई लंड ‍जला सकता
है।मैंने कहा - ऐसी बात तो आ जाओ एक बार और मेरे लंड की गिरफ़्त में।रीता -
काफ़ी जल्दी काफ़ी कुछ सीख रहे हो मैंने कहा - आपका स्टूडेंट हूं ना रीता -
आओ कितने दिनों से ये सील टूटी नहीं है आओ इसे तार - तार कर दो।मैने अपना
सूपाड़ा उनकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उस पर फेरने लगा। रीता - तुम तो
मुझे जला दोगे। प्लीज़ अब अंदर डाल दो।मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया पर मेरा
इतना मोटा और कड़ा था कि अंदर नहीं जा रहा था आसानी से। मैंने ज़ोर लगाया तो
उनकी चीख निकल गयी। पर लंड अंदर नहीं गया और चूत से खून निकालने लगा। रीता -
सही में तुम तो मर्द से कुछ ज़्यादा ही हो। खून निकाल दिया मेरी चूत से पर
अंदर नहीं गया। थोड़ी सा झाग लगा कर साबुन का फिर कोशिश करो। मैं बाथरूम से
साबुन का झाग ले कर आया और उसे लॅंड पर मसल लिया। अब मैंने ज़ोर लगाना शुरू
किया। रीता दर्द से चिल्लाने लगी और मैंने फिर पूरी ताक़त लगा कर एक ज़ोर का
झटका दिया और मेरा लंड चूत से खून के छींटे मेरे मुँह पर मारते हुए अंदर चला
गया। रीता की साँस गले में ही अटक गयी। रीता - बड़ा दर्द हो रहा है पर ऐसा
मज़ा भी कभी नहीं आया। अब तो मेरी चूत को जला दो एक दम।मैंने झटके बढ़ने शुरू
कर दिए। उनके मुँह से उउऊहह आअहह आआआअहह की आवाज़ें तेज आ गयी।रीता - और ज़ोर
से, और ज़ोर से, फाड़ दो मुझे और मेरी चूत को मैने झटके बढ़ाने शुरू कर दिए और
उनकी चूची चूसनी शुरु कर दी। उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी और तब मैंने ध्यान
दिया उनके बूब्स और कड़े हो गये तब मुझे लगने लगा कि अब ये झड़ने वाली है
मैने झटके तेज कर दिए और तभी मेरा झड़ गया पर मैंने झटके देने चालू रखे और वो
इतनी गरम हो गयी कि उनका भी झड़ गया मैंने उनके पानी को अपने मुँह पर मसल
लिया और हम दोनो ठंडे पड़ गये। मैं उनके साथ ही उनके बिस्तर पर लेटा रहा कुछ
देर तक उनके साथ चिपक कर। अभी भी हम दोनो अपने जिस्म की सिरहन महसूस कर रहे
थे। रीता - तुम्हारा वीर्य तो मेरी चूत मे अंदर चला गया, अगर मैं प्रेग्नेंट
हो गयी तो, मैंने कहा चिंता मत करो बाज़ार में कई गोलियाँ आती है जो ऐसा होने
पर भी प्रेग्नेन्सी रोक देती है।वो ले लेना और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर
बाज़ार चला गया गोलियाँ लाने। अब ये सिलसिला कई दिनों तक चला।

एक व्यक्तिगत अनुभव

मैं कॉलेज़ का विद्यार्थी हूँ और मेरे कॉलेज में नया बैच आया था। उन्हीं में
एक लड़की थी शीना ! दिखने में अच्छी थी पर कभी मैंने उसके बार में गलत नहीं
सोचा था क्यूँकि एक तो मैं सीनियर और दूसरा उस लड़की की आवाज़ इतनी मधुर है कि
कोई भी उससे बात करके ही खुश हो जाये। वो मेरे से काफी घुल मिल गई थी,
धीरे-धीरे एक दूसरे के घर भी आना-जाना चालू हो गया। वो मेरे घर के पास में ही
रहती थी।
परीक्षा का समय करीब आने लगा था। एक दिन उसने मुझे कॉल किया और बोली- सर,
मुझे एक विषय में दिक्कत आ रही है, कल मेरा प्रैक्टिकल है, मुझे पढ़ा दीजिये !
मैंने कहा- इतनी रात में?वो बोली- सर, प्लीज़ !
मैं अपने घर वालों से आज्ञा लेकर उसके घर चला गया। उस दिन मैंने उसे पहली बार
नाइटी में देखा था वो भी गुलाबी रंग की ! क्या गज़ब लग रही थी !


जुलाई के महीने में काफ़ी गर्मी हो जाती है, मुझे भी गर्मी लग रही थी तो मैंने
उससे बोला और उसने एसी चला दिया। मैं उसके बैठ गया, पढ़ाते-पढ़ाते मुझे नींद की
झपकी आने लगी और मैं सो गया। जब उसने मुझे देखा तो मुझे आवाज़ दी पर मैं जागा
ही नहीं। तब उसने मुझे हिलाया। उस दिन पहली बार मुझे उसने मुझे छुआ था, क्या
नाज़ुक स्पर्श था उसका !

खैर मैं उठा और अपना चेहरा धोया ताकि नींद न आए। मैं आकर उसे दोबारा पढ़ाने
लगा और उसका सब काम ख़त्म करवाकर अपने घर वापिस आकर सो गया। उस दिन से वो
मेरे सपनों में आने लगी। मुझे लगा यह सब गलत है तो मैंने उससे बात करना बंद
कर दिया लेकिन उसे अच्छा नहीं लगा कि मैं उसे नज़रंदाज़ करूँ ! क्यूंकि जब भी
वो मेरे सामने आती थी, मैं उस जगह से ही हट जाता था।

लेकिन एक दिन वो मेरे घर ही आ गई, मेरी मम्मी से पूछा कि मैं कहाँ हूँ तो
मम्मी ने बोला- अपने कमरे में !

वो अंदर आ गई और मैं एकदम से उसे यहाँ देखकर फंस गया, मैंने सोचा- बेटा अब
कहां जाओगे !

उसने मुझसे पूछा- क्या बात है आप मुझे नज़रंअदाज़ क्यूँ कर रहे हो?

तो मैंने उससे बोला- मैं नज़रंदाज़ नहीं कर रहा हूँ ! बस थोड़ा व्यस्त था !

तो बोलने लगी- नज़रअंदाज़ करने में और व्यस्त होने में बहुत फर्क है ! मैं सब
समझती हूँ, आप मुझसे बात ही नहीं करना चाहते हो !

और रोने सा चेहरा बना लिया !

अब दोस्तो, मैं भी तो इन्सान ही हूँ न ! क्या करता ! फिसल गया !

मैं उससे बोला- चलो ! कहीं घूम कर आते हैं !

और हम घूमने के लिए निकल गए। तब उसने मुझसे दोबारा से पूछा- आप मुझे से बात
क्यूँ नहीं कर रहे थे?

मैं फिर से टालने की कोशिश करने लगा, वो मुझसे जिद्द करने लगी- सही सही बताओ
कि क्या बात है?

तब मैंने उसे बता दिया कि ऐसी-ऐसी बात है ! इसलिए मैं तुम्हें नज़रंअदाज़ कर
रहा था !

तो वो शरमा गई और मुझसे बोलने लगी- आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो !

खैर कुछ दिन बीत गए, एक दिन दोपहर में उसका कॉल आया- आप क्या कर रहे हो?

मैं बोला- कुछ नहीं ! मूवी देख रहा हूँ !

वो बोली- मैं घर पर अकेली हूँ और बोर हो रही हूँ ! आप आ जाओ, यहीं बैठ कर
देखते हैं ना मूवी !

तो मैंने बोला- ठीक है !

और मैं डीवीडी लेकर उसके घर चला गया। डीवीडी प्लेयर मैं डीवीडी लगा कर हम
दोनों मूवी देखने लगे। मूवी में ऐक्टर इमरान हाश्मी था तो उसका एक सीन आ गया
और वो इतना जबरदस्त सीन था कि मेरी तो हालत ही ख़राब हो गई। मैंने शीना की
तरफ देखा तो उसकी भी हालत ख़राब हो चुकी थी।

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?

तो उसने मुझसे बोला- राज, आई लव यू !

मैं उससे ऐसी बात सुनकर हक्का-बक्का रह गया। मेरा तो उस पर उसी दिन दिल आ गया
था। खैर मैंने उसको गले लगा लिया और उसे चूमने लगा इमरान हाश्मी स्टाइल में !

और पता नहीं क्या हुआ कि मेरे हाथ अपना आप उसके वक्ष पर पहुँच गए, उसके नरम
स्तनों का अनुभव क्या गज़ब था कि बयान नहीं कर सकता !

दोस्तो, एक बात बता दूँ- सेक्स ऐसी चीज़ है जिसे आप जिसे आराम से करोगे उतना
ही ज्यादा मज़ा आएगा। मतलब हर एक शॉट की गर्मी का अनुभव करो। कभी भी आपने
शादीशुदा लोगों को फटाफट सेक्स करते नहीं देखा होगा और ना ही कभी सुना होगा।
वास्तव में जब तक एक दूसरे की भावना को नहीं समझते, मज़ा नहीं आता ! ये
तेज़-तेज़ शॉट्स साला सब ब्लू फिल्मों से देख-देख कर लोग करने लगते हैं,
इसमें कोई सेक्स का मज़ा नहीं आता है। दोस्तो, बल्कि आप जल्दी थक भी जाते हो
सेक्स का मज़ा ही आराम से एकदम चाय की चुस्की के जैसे जितने आराम से करोगे
उतना ज्यादा मज़ा बढ़ता है।

खैर जब मैंने उसके स्तन दबाये तो उसे इतने मज़ा आने लगा कि उसने मुझे जोर से
अपने बाँहों में जकड़ लिया और हम एक दूसरे को चूमते हुए ही बेड पर लेट गए और
काफी देर तक ऐसे ही पड़े रहे। अब अचानक मेरा सेल बजा और मेरा ध्यान टूटा, और
किसी जरुरी काम की वजह से जाना पड़ गया।

मैं वहाँ से चला आया।

कहते हैं ना जो होता है अच्छे के लिए होता है !

मेरा काम हो जाने के बाद मैंने उसे काल करके पूछा- क्या कर रही हो?

तो उसने मुझे बोला- आज रात को मम्मी-पापा कोई नहीं है, आप आ जाओ ! यहाँ आओ
प्लीज़ !

मैंने बोला- ठीक है !

मैंने अपने घर जाकर खाना खाया और अपनी किताबें और एक कंडोम का पैकेट लेकर
उसके घर चल दिया। जब उसके घर पहुंचा तो वो खाना बना रही थी। वो मुझसे खाना
खाने का बोलने लगी।

मैंने बोला- नहीं, मैं खाकर आया हूँ !

तो बोलने लगी- नहीं थोड़ा तो खाना पड़ेगा ! मैं आपके लिए बना रही हूँ !

फिर उसके इतना कहने पर मैंने बोला- ठीक है, थोड़ा खा लूँगा !

जब खाना बन गया तो उसने बोला- मैं नहा कर आती हूँ !

तो मैंने सोचा- चलो, मैं भी साथ मैं ही नहा लेता हूँ !

और उसके साथ बाथरूम में चला गया और पहले तो कपड़े उतारे फिर शॉवर चालू किया।
हम दोनों ने साथ में शॉवर लिया। नहाने के बाद मैंने उसे अपनी बाँहों में
उठाया और बेड पर ले जाकर लेटा दिया। उसका पूरा शरीर तौलिए से पौंछ दिया। फिर
रसोई में जाकर फ़्रिज से एक बर्फ़ का टुकड़ा ले आया और उसके टॉप पर बर्फ फेरने
लगा और उसका पानी चूसने लगा और धीरे-धीरे नीचे उतरने लगा- स्तन, फिर नाभि !
सबसे ज्यादा मज़ा यहीं आता है दोस्तो ! नाभि में पानी भर के पिया। जब नीचे
उतरा तो उसकी चूत की गर्मी से बर्फ १० सेकंड में ही पानी हो गई। मैं उसकी चूत
को चाटने लगा। क्या टेस्ट था दोस्तो ! आप सोच भी नहीं सकते हो ! उस समय
निकलने वाली आवाजें इतना मज़ा देती हैं कि पूछो मत ! जोश चार गुना बढ़ जाता है।
सेक्स ऐसी चीज़ है जिसे आप जब तक खुद सही ढंग से करोगे नहीं तो मज़ा नहीं आएगा।

मैंने उसे इतना ज्यादा चाट चाट कर बेहाल कर दिया था कि वो बस आऽऽआ अह करती रह
गई, लेटे-लेटे आहें ही भरती रही और मेरे सर के बालों को नोचने लगी। कुछ ही
देर में वो स्खलित हो गई। मैंने उसके पूरे रतिरस को चूस लिया और उसके बगल से
जाकर लेट गया।

फिर वो उठी, मेरे लंड को हाथ में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी और उसके
बाद उसे लॉलीपोप के जैसे चूसने लगी। धीरे धीरे लंड महाराज अपनी असली औकात में
आ गए और फनफनाने लगे खड़े होकर !

वो एकदम से डर गई- ये क्या हो गया ?

मैंने उसे प्यार से समझाया कि कुछ नहीं, यही तो मज़ा है इसका असली ! पगली ! और
उसे चूसने के लिए कहता रहा। जब बहुत देर हो गई तो मैंने उसको बगल से लिटाया
और उसके पैरों को अपने कंधे पर रखने के बाद अपने लंड पर एक कंडोम चढ़ाया। फिर
उसकी चूत पर थोड़ी देर तक धीरे धीरे ऊपर ही रगड़ता रहा तो वो कराहने लगी-
आह्ह्ह प्ल्ज्ज्ज़ अब डाल दो ! रहा नहीं जाता है मुझसे ! मैंने कहा- सब्र करो
जानू ! सब्र का फल मीठा होता है !

और एकदम से एक तगड़ा शॉट लगा दिया। वो इसके लिए अभी तैयार नहीं थी और एकदम से
दर्द के मारे बहुत जोर से चीख पड़ी- आआह्छ !

मैंने जल्दी से उसके होटों को अपने होठों से दबा लिया और थोड़ी देर आराम से
पड़ा रहा। थोड़ी देर के बाद उसने जब सांस ली तो मैंने एक और तगड़ा झटका लगा
दिया और उसकी चीख निकल गई- आआआअह्ह्ह्ह माआआआ !

उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे।

मैंने कहा- यदि कोई तकलीफ़ है तो रहने दो !

तो बोली- नहीं, आराम से करो बस !

मैंने धीरे-धीरे करके अपना ७″ का लंड पूरा अंदर कर दिया और हर एक शॉट के मज़े
लेने लग गया- अ आया !

उससे पूछा- क्यूँ तुम्हें भी मज़ा आ रहा है ना?

तो बोली- जान ! हाँ ऐसा मज़ा कभी नहीं आया आआअह्ह्ह्ह्ह ! ऐसा सुख किसी चीज़
में नहीं है, जानू, तुम बहुत ही बढ़िया कर रहे हो !

और धीरे धीरे करके मैंने स्पीड बढ़ा दी और करीब 15 मिनट के बाद मैं स्खलित हो
गया। इतनी देर में वो भी दो बार डिस्चार्ज हो चुकी थी। फिर मैं उसे अपनी
बाँहों में जकड़ कर बगल में लेट गया और थोड़ी खामोशी का मज़ा लेने लग गया। फिर
मैंने उसे जोर से चूम लिया गालों पर ! उसने भी लेटे-लेटे मेरी छाती के बालों
में ऊँगली घुमाना चालू कर दी।

दोस्तो, ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं जन्नत में घूम रहा हूँ।

जब हम बिस्तर से उठे तो बिस्तर पर खून के लाल-लाल निशान बन गए थे। वो देख कर
डर गई।

उसके बाद हम एक साथ नहाये, खाना खाया और फिर लेट गए। उस रात मैंने उसे 3-4
बार चोदा। सुबह जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे किस दिया और बोलने लगी- आगे जब
भी मौका मिलेगा हम यह करेंगे !

अब मेरी पढ़ाई ख़त्म हो चुकी है, मैंने उसके साथ कई बार सेक्स किया और किस्मत
कि उसके बाद मुझे दो और लड़कियों से सेक्स करने का मौका मिला, कभी किसी और
दिन सुनाऊंगा उनकी बातें।

Chacha Ki Ladki - Download hindi sex story

Thursday, September 11, 2014

Hi, mera naam raj hai.ye bat us samay ki hai jab main 28 sal ka tha. Mere chacha ki ladaki ka naam shalu hai. Wo us samay 23 ki thi aur 2 sal pahale uski shadi hui thi.lekin usko bacha nahin hone ke karan uski sas ne lad jhagd kar usko mayke bhej diya. Aur talak ka notice bhej diya.isliye wo bahut hi udas rahati thi.har samay talak ki chinta aur udhar chut ki aag. Ek din wo hamare ghar aai .us samay ghar par aur koi nahin tha.maine use baithaya aur chai pilai. Uske bad just simply poocha 'shalu teri problem kya hai. Usne kaha bacha nahin hone ke karan wo log mujhe talak de rahe hain. Maine poocha bacha kyon nahin ho raha, tum doctor ko dikhao,to usne bataya mere me koi kharabi nahin hai. Aur bhaiya bacha kya ungali se hoga, wo kuch karate hi nahin,karana chahate hain to bhi nahin hota.maine kaha tab talak karake doosari shadi kar lo.wo boli bhiya ek to pitaji ki meri doosari shadi karane ki haisiyat nahin hai, dosare main unse badala lena chahati hoon kyonki unhone jan bujh kar ek kuwari ladaki ki jindagi kyon barbad ki.main bola bat to thik hai lekin ye to tabhi hoga jab wo tujhe le jayenge. Bina bacha hue wo le nahin jayenge. Itana sun kar wo bebasi se majboor hokar rone lagi. Boli meri to takdir hi kharab hai bhaiya, mujhe koi rasta nahin dikh raha hai. Akhir me main jahar khakar jan de doongi.

Main use santawana dene ke liye apani bahon me lekar puchkarne laga aur chup karane ki koshish karane laga.to wo awesh me aakar aur jor se lipat gai. Eka ek use un dino ki bat yaad aa gai jab hum log bahut chote the aur gudda gudia khela karate the. Aur us khel me main hamesha uska dulha banata tha.aur hum log khali ragada ragadi karte the, kyonki aur kuch aata bhi nahin tha . Un lino ko yaad karake wo boli, bhaiya ek bat kahoon, main bola ' haan kaho.wo boli bachpan me aap hamesha mere dulha banate the , aaj mujhe sach me aapki jaroorat hai, ek yahi rasta mujhe dikh raha hai meri musibat ko hal karane ka ki aap mujhe ek bacha de do.main bola bachpan ki bat alag hai ,tu pagal hai ye kaise ho sakata hai, akhir tu meri bahan lagati hai.wo boli bhaiya ye bat himmat karake itana khul kar maine aapko kah di,har kisi se to nahin kah sakati.phir main kisase sambadh karoon.ghar se bahar ke aadmi se karoongi to bahut badnami hogi.bhiya tumhe ye kam karana hi hoga ,meri jindagi ka sawal hai ,nahin main sachmuch jahar kha loongi.aise kaha kar wo aur jor se rone lagi. Maine ghabrakar kar use chup karane ke liye jor se lipata liya aur uski pith aur bal sahala kar matha chumane laga. Aur yahi par gazab ho gaya. Wo buri tarah se mere se lipat gai aur mujhe pagalon ki tarah muh par galo par hotho ko chumane lagi.khub kas kar lipat kar mere sine me sir chupa liya.

Garam garam chumme lene se mera lund khada ho gaya tha ,akhir main bhi to jawan tha. Usne meri pith par hath sahalate hue dusara hath dhire dhire aage se lejakar mera lund pakad liya aur masalane lagi. Us samay main lungi me tha. Aur uske niche underwear nahin tha. Usne lungi ke anader hath dal kar lund ko bahar nikala.mera mota tagada lund dekh kar uski aankho me ajib si chamak aa gai aur achanak niche jhuk kar lund chum liya. Lund ek dam se phanphana utha aur lohe ki tarah kada ho gaya. Wo mere kan me boli bhaiya ab mat tadpao, jaladi se aa jao ,bardast nahin ho raha hai.main bhi pura garam ho chuka tha so usko bed par le gaya.pahale uski saree utari phir bloue. Bra kholate hi wo thoda sharmai,chuchu par hath rakh liya. Maine hath hata kar chuchi ko muh me le liya aur dhire dhiire nipple ko chusane laga,wowwwwwwwwwwww kya mast chuchi thi.lagata tha uske sale gandu pati ne kabhi chui hi nahin thi .30 size ki santare ki tarah kadi aur gudgudi .thodi der chusate hi uski shari sharam bhag gai aur jor jor se siskane lagi hi bhaiya jaladi kijiye .haiiiiiiiiiiii main mar jaoongi. Uski aankhe masti se lal ho gai thi. Usne mera hath pakad kar chut par rakh diya .maine turant uske peticot ka nada khola aur peticot nikalane laga to sharam se palat gai. Maine khinch kar peticot tango se nikal diya aur apani lungi bhi khol kar phenk di. Ab hum dono bilkul nange the. Maine uske chutar par chumma liya to wo sidhi ho gai. Maine uski tange chodi karake chut par honth rakh kar uski chut ka tit chusane laga.maine jitani chut chodi hain sabako pahale chat kar taiyr karata tha kyonki ek to chut chatane se ladaki puri garam hokar sath me jhar jati hai dusare us mard ki diwani ho jati hai.

Chut chatate hi wo puri pagal ho gai aur mere sir ke bal pakad kar apne upar khinch liya. Chut se bahut ras tapak raha tha .kitana to main pi gaya tha. Bahut mast khusbudar chut thi. Chut ki khusaboo lete hi lund aur kada ho gaya.lund ka supada uski chut oar rakha to uska sara badan kampane laga aur boli jaladi ghusa dijiye bhaiya.chut to chatane se aur chut ke ras ki wajaha se puri gili thi phir bhi hath me thuk lekar maine lund paer aur laga liya aur chut ke ched me sata kar dhakka mara to lund phisal kar supara ander chala gaya. Wo ekdam chilai aaaaaaaahhhhhhhhh aur sarir kada kar liya, main uske upar let gaya uske hontho ko muha me lekar jeebh uske muh me dal di wo bhi meri jeebh chusane lagi. 1 minute bad maine thoda upar hokar dusara tej dhakka lagaya kyonki lund itana kada ho gaya tha ki rookana muskil tha. Tej dakke se adhe se jyada lund jhatake se ander to gaya lekin wo bahut jor se chilai haiiiiiiiiii mar gai bhayaaa.,dhire are nikaliye main mar gai maaaaaaaaa. Lekin maine pairo me kaichi dal rakhi thi wo lund to nahin nikal pai lekin kasmasati rahi. Maine phir chummaa lekar puchkara 'kya hua thoda aur hai bas. Wo boli bhaiya pahali bar hai na isliye thoda dhire dhire kijiye na. Mujhe surprise hua .bola kya matlab to boli bhaiya main aaj tak kuwari hoon ,unka lund khada hi nahin hota tha. Kabhi thoda bahut hua bhi to bahar hi jhar jata tha ander jane ki nobat hi nahin aai.maine chumma chati aur baton me uljha kar moka dekh kar ek akhiri jora ka dhakka mar diya aur mera lund uski kuwari kachi chut ko phadata hua pura ghus kar uski bache dani me lag gaya.

Wo bahut tadapi lekin main savdhan tha, usko kas kar daboch liya tha aur lund ko bahar nahin nikalane diya. Itani umar aur puri aurat hone ke bawjood wo dard se rone lagi thi.maine pure chehare par chuma. Chuchi chusi ,ek hath se uske chutad sahalaye tab usko thoda aram mila .karib 5 minute bad maine pucha dard kam hua wo boli haan thoda hai. Maine dhire se lund bahar karake halke halke dhakke lagane chalu kiye . Dhire dhire usko bhi dard ki jagah maja aane laga to boli thoda jor se dhakka lagaiye. Maine dhire dhire raftar badha di aur last me pura humach kar chodana chalu kiya to wo tange upar karke chudwane lagi aur pagalon ki tarah bol rahi thi hai bhiya aaj puri rat kas kar chod do haiiiiiiiiiiii main apki ho gaiiii aaj se main apki hoon bhaiya mere pet me aaaj hi apana bacha dal doooooo. Haiii aur jor jor se chodiyeeeeee aise kahate hue wo jhatake se lipat gai aur muha se awaj nikali aaabhaiyyyyaaaaaaayyyye kyaaaaamainnn marrrrr gaiiiiiireeeeeeeeeee ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh aur wo puri tarah jindagi me pahali bar jhar gai. Uski chut itani garam ho gai thi ki 4-5 jor jor se dhakke lagane ke bad main bhi jhar gaya aur uski chut ko apane virya se pura bhar diya.wo khub kas kar mere se lipat gai aur kan me boli bhaiya abhi bahar mat nikalana. Bacha hone ke liye aapka pura pani bache dani me jana jaroori hai. Main uski chut me lund dale uske upae hi let gaya . Aur use chumane laga , ek hath niche le jakar chut ko tatol kar dekha to mere hath me khun lag gaya. Mujhe phir surprise hua to wo boli bhiya ab to apko biswas ho gaya na .maine apko bina chudi chut di hoon main bola haan shalu aaj se tu meri jan hai tu meri rani hai kyonki tune apana kuwara sharir mujhe arpan kiya hai. Wo bhi khush ho gai .15-20 minute bad uske upar e utha ,uski chut ne sara pani ander sokh liya tha ,phir thoda bahut bahar aaya usme pura khun laga tha.

Niche chadder par bhi khoon lag gaya tha. Wo thi aur mere lund ko saf karake chumma liya phir apani chut saf ki. Uske bad us rat ko maine use 5 bar choda subah 4 baje hum dono nange hi lipat kar soye . Uske bad to maine use lagatr 3 sal tak chod kar 2 bache paida kiye. Pahali bar me hi usko garabh (pet) rah gaya tha. To bahane se uske pati ko bulaya ek rat ke liye. Wo kar to kuch nahin paya lekin jab use pata chal ki wo garabhwati ho gai hai to khusi se ghar le gaya. Shayad use apani kamjori ka pata tha ,use ye bhi achi tarah pata tha kia ye bacha uska nahin hai phir bhi isiliye chup raha.ab wo apani sasural me khush hai.aur usne apana ilaj bhi kara liya hai. Use pakka to nahin malum lekin shak pura hai ki dono bache mere hain karan ki dono ki shakal mere se milatai hai. Ab dikkat ye hai wo mujhe apane yahan aane nahin deta aur shalu ko bhi nahin bhejata, aur ek samasya ho gai hai ki main kisi bhi ladaki ko tabhi kas kar chod pata hoon jab wo chudwate samay shalu ki tarah hai bhiyaaaaaaaa kah kar bole. Isliye jo bhi jaroorat mand bahan meri story ko padhe wo mujhe contact kar sakati hai. Uski bhi jaroorat puri ho jayegi aur mujhe shalu ke badale me chodane ko bahan mil jayegi. Please bina hichak mail karein. Incest_man2k@yahoo.com. Puri secrecy aur full satisfication ka wayada hai. Rat ko rukane me bhi koi problem nahin hogi. Aur koi charge nahin hai.sabhi bahano ki free sewa ke liye . Aapka apana incest_man (bhai logo ye meri jeewan ki sachai hai koi kahani nahin hai. Isliye mujhe mail karen isme meri galati kahan par hai)aur aap bhai logo , agar ladaki ko chod kar use apana diwana banana ho to uske liye kya tantra kirya aur upay karana chahiye ,janane ke liye mail karin.

Aawargi ka maza: Real sex hindi story

Saturday, July 26, 2014

Hi Mera naam Sakshi hai aur meri shadi aaj se 3 saal pehle Vimal se hui thee. Vimal meri maa ki saheli ka beta hai. Vo ek business company mein job karta hai aur aksar tour par rehta hai. Hamari sex life theek thak chal rahi thee. Shadi se pehle main bilkul kunwari thee, yani kissi mard ne mujhe choda na tha. Mera rang gora hai, kad 5 feet 5 inch aur jism bhara hua hai. Meri chuchi 36C hai aur hips 36 inch aur kamar 28 inch hai. Shadi se pehle meri ek saheli thee Shashi jo ki meri saheli bhi thee aur Vimal ki chacheri behan bhi thee.
Shashi ki shadi aaj se do saal pehle Avinash se hui thee. Avinash bhi touring job par tha. Shashi ek chalu ladki thee jisska kai ladkon ke saath affair chal raha tha. Usska sasural Delhi mein tha lekin ab uske pati ka transfer hamare shahar yani Gurgaon mein ho gaya tha. Mujhe Shashi ka phone aaya,” Sali Bindu, main tere shahar aa rahi hoon. Khub maze karenge dono.
Agar Vimal bhaiya se man bhar gaya ho to mere pass bahut hatte katte yaar hain jo meri tasali khub achhi tarah karwate hain. Agar Vimal bhaiya ke lund se bore ho gayi ho to bata dena. Main iss itwar ko pahunch rahi hoon. Mere address likh lo, wahin milte hai. Aur bata Vimal bhaiya ka 6 inch ka lund abhi tak tujhe khush rakh raha hai ya nahin?” Main Shashi ki baat sun kar sharam se lal ho rahi thee aur kahin Vimal na sun le iss liye boli,” Achha yaar milte hain.
“Kisska phone tha, Bindu?” Vimal ne poochha.”Meri saheli aur aapki behan Shashi ka. Avinash ki transfer bhi Gurgaon mein ho gayi hai. Jald hi vo yahan aa rahe hain.” Achanak hi meri nazar Vimal ki pant ke samne wale hisse par gayi jahan mujhe nazar aa raha tha ki usska lund khada ho raha tha,” Achha, tab to achha hai, teri saheli aa jayegi aur tera man bhi behal jayega. Shashi bahut hansmukh ladki hai.
Achhi company mil jayegi hum logon ko.” Vimal savbhavik hi baat kar raha tha leikn mujhe laga ki vo shayad Shashi ke prati akarshit ho raha hai. Meri ankhon ke samne Shashi ka mansal jism ubhar aaya. Meri saheli ke nitambh bhare thay jinko aksar maine apne pati ko niharte huye dekha tha. Aaj kal meri aur Vimal ki sex life boriat bhari ho chuki thee, lekin Shashi ke naam par mere tharki pati ka lund tan gaya tha. Khair dekhen ge kia hota hai.
Mere ghar mein meri maa aur chhota bhai Sanjay hain. Sanjay 20 saal ka hai aur Maa ka naam Rajni hai jo koi 46 saal ki hai. Pita ji ka dehant ho chuka hai. Shashi ke ghar mein usska bhai Jimmy, behasn
Itwar ke din main aur Vimal Shashi ko milne gaye. Shashi ne bahut tight jeans pehni hui thee jiss se usske nitambh bahut ubhare huye thay. Blue jeans ke uppar ussne safed Tshirt pehni hui thee jiss mein usske bhari vaksh bahir aane ko tadap rahe thay. Usske nipple kapde se bahir nikalne ko betab dikh rahe thay. “Vimal Bhaiya, kaise ho, apni Shashi ki kabhi yaad nahin aayi, Bhaiya? Aap to humko bhool hi gaye lagate ho.”Kehte huye Shashi mere pati ke gale lag gayi aur Vimal ne ussko alingan mein le liya. Dono esse mil rahe thay jaise bichhade ashik mil rahe hon.
Avinash ne isska bilkul bura nahin mana aur vo meri taraf badha aur main usski bahon mein sama gayi,” Jijja ji, kia haal hai? Aap ne to kabhi phone bhi nahin kia. Kia baat hai ki Shashi ne essa kia jadu kar dia hai jo hum yaad hi na rahe, Jijja ji?” Avinash ne mujhe alingan mein lekar pyar se meri peeth par haath fera,” Kia bataun, Bindu kaam mein itna vyast ho gaya tha ki time hi nahin mila. Ab aram se milenge. Bas iss hafte mujhe tour par jana hai, agle week main free hoon.
Vimal Bhaiya aap free honge agle week? Yaar party karenge, issi bahane hamari biwian khush ho jayengi aur hum bhi do do peg pee lenge” Vimal hans kar bola,” Theek hai main bhi iss hafte tour kar leta hoon aur agla hafta free rakh leta hoon.”
Maine dekha ki Vimal ka haath Shashi ki chuchi par reng raha tha. Udhar Avinash ne bhi meri chuchi ko anjane mein daba diya. Mere jism mein ek current sa laga aur main thar thara gayi. Thodi der mein Vimal aur Avi peene lag pade aur hum dono sahelian gappen marne lag padi. “Ab bata, meri banno, koi naya yaar banaya ki nahin? Aur ya fir sirf bhaiya se hi chudwa rahi hai? Bhaiya to naye shikar ki talash mein lag rahe hai. Bindu meri rani, mard ek aurat se bandh kar nahin reh sakta!!” Main hans kar boli,” Aur tere jaisi chalu ladki ek mard se khush nahin reh sakti!! Ab yahan mere pati ko patane aayi hai? Sali. yaad rakhna Vimal tera bhai bhi hai.
Kahin apni adat se majbur ho kar mere pati ko behnchod hi na bana dena, verna main bhi tere pati ko pata loongi!!” Shashi mere gale mein bahen dalti hui boli,” Bindu, meri rani, tera pati to hai hi behnchod. Na jane kab se behan behan bol kar mere saath thark karta raha hai. Abhi bhi bhaiya meri chuchi par haath fer rahe thay.
Aur fir mard ka koi dharam nahin hota. Jahan aurat dekhi, chodne ki plan bana lete hain ye log. Avinash kaun sa kam hai. Agar mauka mile to abhi tujhe chod dale. Mard zaat to hoti hi hai kutta. Aur main hoon sex se bhari hui kuttia jisski tasali ek lund nahin karwa sakta. Meri jaan tu bata koi yaar banaya hai ki nahin?”
Maine bata diya ki Vimal ke saath sex mein ab vo maza nahin raha, lekin maine koi yaar nahin banaya, banati bhi kasise? “Yaar main to chudayi ki bhookhi hoon aur agar tu bhi sampuran aurat hai to tera bhi man tarah tarah ke lund lena chahata hoga. Hum essa karenge ki tu Avi ko pata lena aur main Vimal bhaiya ko pata loongi. Ek ek bar chudwa kar hum permanent swapping karne ka mahaul bana lenge. Jab Avi tujhe aur Vimal mujhe chodna chahega to hum dono ye kaam khulam khula karne ki sharat rakhenge. Bas fir to sab hamam mein nange ho jayenge.
Usske baad hamari chandi hojayegi meri rani. Delhi mein mere yaar Raghu, Jagan, Veeru aur Shahid rehte hai, sabhi ke saath aish karwayungi tujhe. Raghu aur Jagan ka to 10-10 inch ka lauda hai, meri jaan chudayi kia hoti hai tujhe pata chal jayega. Teri chut ka bhosda na ban jaye to kehna”
Maine to Shashi ki baat sun kar dang hi reh gayi. Meri chut se bhi pani behne laga aur mujhe apni chuchi par Avi Jijja ke haath ab bhi sparsh karte mehsoos hone lage.”Shashi sali tu bahut gandi hai, bilkul randi, ek dum kutti. Tu pata legi Vimal ko?” Shashi tesh mein a kar boli” Sali, agar sharat laga lo to 5 minute mein Vimal ko behanchod na bana diya to mera naam badal dena. 5 minute mein vo mujhe chodega bhi aur didi bhi bolega. Tu ghabra mat bas apne jijja ko patane ki soch. Khair ek plan hai mere pass. Hum bhi andar ja kar sharab pee leti hain aur nashe ka bahana bana kar aj hi pati badalne ka kaam kar leti hain” Main kuchh samajh na saki to boli,”Vo kaise?” Shashi boli,”Ye mujh par chhod de”
Hum dono jab andar gayi to Shashi shararat se boli,”Avi, yaar hum ko bhi mehfil mein shamil nahin karoge? Bhaiya kia hum ko sharab offer nahin karoge?” Shashi jan bujh kar apni gaand matakati hui Vimal ke samne gayi aur usski janghon par haath firati hui baat karne lagi. Mera pallu bhi sarak gaya aur Avi mere nange uroz ek bhookhe janwar ki tarah dekhne laga.”Mera bhi man kar raha hai ki main ek peg pee hi loon. Peena koi mardon ka hi adhikar nahin hai, kion Jijju?” Kehte huye main aage ki taraf aur jhuk gayi jiss se meri chuchi Avi ke samne puri nangi ho gayi.
Udhar Vimal ne bhi Shashi ko apni taraf kheench liya aur Shashi ne apna sir usske seene par rakh diya.”Mujhe koi etraz nahin agar tum log peena chahte ho, kion Avinash. Ho jaye thodi se masti. Lekin meri behna, kahin pee kar behak mat jana!!” Shashi ne bhi apni bahen Vimal ke gale mein dalte huye kaha,”Bhaiya agar behak bhi gayi to kia hoga? Yahan main aapki behan hoon aur Bindu lagati hai Avi ki sali! Bhai behan mein koi bhed hota nahin aur sali to hoti hi adhi gharwali!Kion Avi?” Vo bas hans pada aur mere kandhon par haath ferne laga. Mera badan ab sex ki aag se jalne lag pada tha.
“Bhaiya humko bhi do na. Main glass le kar aayi,” Shashi kitchen se glass lene chali gayi. Jab vo chal rahi thee to Vimal bina kissi sharam ke Shashi ke madak kulhe nihar raha tha aur ye Avi bhi dekh raha tha. “Vimal yaar tu to bahut besharam ho gaya hai, behnchod apni behan ki gaand ghoor rahe ho? Sale Shashi meri patni hai!! Bindu yahan hai, ussko dekh achhi tarah.” Vimal bhi hans kar bola, “Avi, mere yaar yaaron mein tera kia aur mera kia. Jo mera hai vo tera hai aur jo tera hai vo mera hai. Ab terri patni par mera bhi to kuchh hak hai ki nahin? Jab tu Bindu ko alingan mein le raha tha to maine kuchh bola? Yaaron mein sab kuchh baant liya jata hai agar kissi ko etraz na ho. Chal ek aur peg bana. Aaj ka din yaadgar bana dete hain”
Tabhi Shashi aa gayi aur ussne do peg bana liye. Main bahut kam peeti hun aur mujhe jaldi hi nasha ho jata hai. Sharab kadwi thee to maine kaha,” Shashi saath mein kuchh namkeen nahin hai? Ye bahut kadwi hai” maine ghunt bharte huye kaha. Shashi boli,” Chal hum kitchen mein ja kar eggs fry kar leti hai, ye bhi kha lenge. Kion Avi eggs khayoge? ” Avi hans kar bola,”Jaane man aaj to tum logon ko kha jane ka man kar raha hai. Agar khila hi hai to apne aam chuswa lo hum dono se, kion Vimal? Aur aapko kuchh khana hai to hamare kele hazir hain!!!” Mera to sharam se bura haal ho gaya usski besharami ki baat sun kar. “Haan kha lengi aapke kele bhi Avi. Lekin agar kele mein dum na hua to?Vaise main aur Bindu bhi bahut bhukhi hain. Hum kele ke saath aapke lukath bhi chus lengi!!”
Sabhi hans pade aur main aur Shashi kitchen mein eggs fry karne lagi. Shashi ne mere blouse mein haath dal kar meri chuchi masal dali aur boli,”Bindu, meri jaan, kion na aaj hi pati badal kar taste kia jaye. Avi aur Vimal ab nashe mein hain. Humko kuch karne ki zarurat nahin hai. Vimal bhaiya to kab se mujhe sexy nazaron se ghur rahe hain aur Avi to kalpna mein tere kapde uttar raha hai. Kion na dekha jaye ki Vimal ko main kaisi lagati hoon aur tujhe Avi ka lund kaise lagata hai. Ek baar khul gaye to hum log bina kissi dar ke free sex ki duniya mein parvesh kar sakte hain. Meri rani aaj kal group sex ka bahut fashion hai. Khub maze karenge!! OK?” Mere andar to ek aag bhadak uthi thee.
Mujhe Avi ek kamuk mard nazar aa raha tha aur meri chut ne pani chhodna shuru kar diya tha. Utejna mein aa kar maine Shashi ko alingan mein le liya aur usske honthon ko chumne lagi. “Sali tumne mujhe aaj bahut garam kar diya hai, aur upper se sharab ka nasha, aaj jo hona hai ho jane do!! Mujhe apne pati ke saath chudayi kar lene de au=r tu mere pati se chudwa le, sakhi!!” Kehte huye maine Shashi ki chuchi masal dali. Meri saans bahut tezi se chal rahi thee. Mera apne aap par kabu na raha.
“Chal Bindu, pehle hum kapde badal len. Iss se kam asan ho jaye ga.” Shashi mujhe apne room mein le gayi aur ussne sare kapde uttar kar ek khula hua ghutno tak pahunchane wala pajama aur bina bazu ki shirt pehan li aur mujhe bhi essi hi ek aur dress de dee. Pajama aur shirt ke nee chey hum bilkul nangi thee. Maine dekha ki Shashi ne bhi meri tarah apni chut tazi shave ki hui thee. Jab maine apni sari aur blouse uttara to vo masti se bhar gayi aur meri chut ko muthi mein bhar kar kas diya,” Areee madarchod tu bhi bahut utejit hao gayi hai mere pati ko chodne ke vichar se.
Avi theek chodega tujhe meri banno!! Sali teri chut to gaga jamuna bha rahi hai!!Mere liye bhi pati badalne ka pehla mauka hai. Andar ja kar dekhte hain in kapdon mein kia bomb girati hai tu mere pati dev par?” Shirt ka gala itna low cut tha ki kalpna ki koi zarurat na bachi thee. Jab main andar jane ke liya mudi to Shashi ne mere nitambh par zor se chanta mara to meri cheekh nikal gayi,”Ohhhh Shashi sali kutti, mar kion rahi hai sali?” Shashi sharat se muskurati hui boli,'Kioon ki mere pati teri double roti jaisi gaand par chante zarur marenge aur shayad tere pichhwade ka bhi mahurat kar den. Bhari gaand ka bahut rasiya hai Avi!”
Jab hum kamre mein gayi to mardon ki ankhen khuli ki khuli reh gayi. Vimal ke muh se nikal gaya,”Ohhh bhenchod kitni sexy hain ye dono auraten!!!” Avi bas dekhta hi reh gaya. “Yaar garmi bahut thee to hum ne change kar liya. Pasine se bheeg rahi thee hum dono. Tum to yahana AC mein baithe ho hum auraton ko kitchen mein kam karna padta hai. Mere to boobs se pasina neechey tak ja raha tha. Ohhhh Bindu yahan aram hai, baith jayo aur sharab ke maze lo” Tabhi Vimal ke taash utha li aur bola,'Chalo cards khelte hain. Sabhi ka manoranjan ho jayega, kion Bindu khelogi?” Main bhi ab iss sex ki game mein shamil hone ko taiyar thee. “Vimal yaar aaj jo game bhi khelo ge main saath hoon. Mujhe lagta hai ki aaj ka din hum bhula nahin payenge. Lekin game ki sharat kia hogi/ Harne wala kitne paise dega jitne wale ko? Bhai mere pass to bas 500 rupaye hain! Maine kaha to Avi bol utha,” Meri pyari sali sahiba, angrez log ek game khelte hain, STRIP POKER. Wo hi kion na khela jaye? Jo harta hai, apne jism se ek kapda uttare ga. Shashi ko ye game pasand hai, kion Shashi?” Shashi hans padi,' Yaar nangi to hona hi hai, fir taash ki game mein kion na hua jaye?”
Mujhe laga ki Avi aur Vimal bhi vo hi plan bana chukey thay jo main aur Shashi bana kar aaye thay. Hum charon baith gaye aur Vimal ne cards baant diye,” Bindu, abhi se soch lo, agar haar gayi to sabhi ke samne kapde uttarne padenge” Main bhi ab sharab ke nashe mein thee. “Pati dev ko agar apni patni ko nanga dikhane mein koi sharam nahin hai to patni ko kia etraz hoga, Pati dev?” Sabhi hans pade. Pehli game Vimal hara. Shashi ne aage badh kar kaha, Vimal Bhaiya ki pants uttari jayen, theek hai?” Hum sabhi ne manzuri de dee aur Shashi ne Vimal ki pant ki belt kholi aur neechey sarka dee. Mera pati ab kachha pehne huye baitha tha. Ussko koi sharam nahin thee kion ki usska lund tana hua tha. Shashi ne Vimal ki jangghon par haath fera to Avi bol utha” Shashi meri rani, Vimal ka to pehle hi khada hai, agar tumne haath fera to kahin chhoot hi na jaye!!” Sabhi hans pade.
Dusri game mein haar hui Shashi ki. Avi ne kaha,” Vimal yaar ab bari teri hai. Le lo badla meri biwi se. Meri mano to isska pajama uttar do. Kam se kam apni behan ki chut ke darshan to kar lo!!” Vimal muskurate huye utha,” Theek hai yaar agar tu apni biwi ki chut dikhwana chahta hai to dekh hi lete hain. Kian Shashi, meri behna, kahin neechey panty to nahin pehan rakhi?” Shashi bhi besharami se boli,” Bhaiya, apni behan ki chut dekhne ka shauk hai to pajama uttar kar hi dekhni hogi. Mujhe bhi lagata hai ki tum bahut barson se meri chut ke didar karne ke ichhuk ho, kion Bindi se dil nahin bhara?”
Vimal ne Shashi ko honthon par kiss kia aur fir pajame ka elastic kheench diya. Jab vo elastic neechey sarka raha tha to ussne jan bujh kar unglian usski phuli hui chut par ragad dalin. Avi muskrate huye bola”Vimal sale tu harami ka harami raha, sale Shashi ki chut sparsh karne ki ijazat tujhe kiss ne di? Sale apni behan ki chut par hath ferte huye kaisa laga?” Shashi boli,” Avi, main apni chut par jisska haath firana chahti hoon fira sakti hoon, mere Vimal Bhaiya se shikayat mat karna, jab teri bari aayegi to Bindu par haath saaf kar lena!!”
Teesri bazi Avi hara. Vimal ne mujhe usski pant uttarne ko bola. Jab maine usski pant uttari to vo bola,” Sahashi, teri saheli ke haath se nange hona maze ki baat hai,” Tabhi mere haath Avi ke nange lund se ja takraye,”Uiieee, ye kia? Aapne kachha nahin pehna?” Avi hans pada,”Kion sali sahiba, hamara hathiyar pasand nahin aaya jo cheekh mar dee aapne? Aapki sakhi to kafi khush hai isski performance se!!” Usska lund kissi naag devta ki tarah funkar raha tha. Avi ne jan bujh kar pant ke neechey kuchh na pehna tha. Usska lund Vimal ke lund se thoda bada tha. Agli game fir Shashi har gayi aur bina kuchh bole Vimal ne usski shirt uttar dali.
Shashi ke mote mote mammey sab ke samne thay aur meri sakhi madezat nangi ho gayi. Vimal ne aage jhuk kar usske nipple ko chum liya. “Behnchod Vimal, ye foul hai. Madarchod teri biwi ek bhi game na hari aur meri ko tu nanga kar chuke ho aur ye hi nahin sale apni behan ka doodh bhi pee rahe ho!!!” Vimal bola” Avi yaar himmat hai to meri biwi ko hara do aur kar do nanga, mujhe koi etraz nahin. Meribiwi bhi hum sabhi ke barabar hi hai”
Ab ki bari main haari to sabhi bahut khush huye. “Sali sahiba ab aayi hamari bari. Main bhi teri shirt uttar kar nanga karta hoon tujhe. Dekhun to sahi ki chuchi patni ki adhik sexy hai ya sali ki?” Avi ke haathon ne pehle to meri chuchi ko achhi tarah tatola. Meri chuchi pathar ki tarah kadi ho gayi. Kasam se Avi ka haath lagate hi main pagal ho gayi. Meri shirt uttar kar jab ussne meri chuchi ko kiss kia to main chudasi ho gayi aur chahti thee ki aaj mujhe Avi chod dale. Meri chuchi gulabi ho gayi,”ooooohhhhhh, Avi mat karo, pleaseeeeeeee” Avi ne mujhe honthon par kiss kia aur bola,”Sali sahiba, jab aapne haath laga kar mere lund ko diwana banaya tha, bhul gai? Abhi to aapki chut ko nanga karna baki hai”
Fir Hara Avi aur Vimal ne mujhe kaha, Bindu, darling, ab apne jija ko kar do pura nanga. Uttar do isski kameez bhi” Maine vaise hi kia. Avi ka seena kale balon se dhaka hua tha aur jab ussne muhe apne sene se lagaya to meri kadak chuchi usske sparsh se phatne ko aa gayi. Avi ne ek haath mere pajame mein dal kar meri chut ko sparsh kia to meri siskari nikal gayi. Meri chut se pani ki dhara beh rahi thee. “Sali sahiba, aapki chut to pagal hui ja rahi hai. Kion na isska ilaj main pane lund se kar doon? Vimal yaar aaj meri baat man lo, please. Tum Shashi ko chodo aur mujhe Bindu ko chod lene do.
Itni garam chudasi maine aj tak nahin dekhi. Agar kissi ko etraz hai to abhi bol de” Vimal aur Shashi ne han bol dee. Vo hairan huye jab maine kaha,”Mujhe etraz hai, Jijja ji! Mujhe aaj ki partners badalne ki scheme par etraz hai. Agar karna hi hai to faisla ho jaye ki ye arrange,ment hamesha ke liye hoga. Hum charon apas mein kissi ke saath bhi, jab chahen jo karna ho kar sakte hain. Agar manzur hai to bolo. Avi ne meri chuchi ko chumte huye kaha” Sali sahiba, aapne to mere man ki baat kar dali. Lekin shayad Vimal ko roz roz apni behan chodna pasand na aaye” Vimal ne Shashi ko apni godi mein uthate huye kaha,” Agar hara ye program achha hai to fir iss me koi etraz kion? Chalo ek peg aur banayo hamare iss naye rishte ke liye. Aj pata chal jayega ki ghar ki chut kitni swad hoti hai”
Shasi uthi aur peg bana kar le aayi. Avi ne mujhe apni god mein bitha liya aur Shashi Vimal ki god mein ja baithi. Vimal ke siva hum sabhi nange thay. Avi ka lund meri gaand mein ghusne ki koshish kar raha tha. Jab maine dekha to Vimal Shashi ki chut ko haathon se ragad raha tha aur jab usske glass se kuchh sharan Shashi ki chuchi par giri to Vimal ussko chatne laga,” Ohhhh mere bhai…ye kia kar rahe ho…main to kab se jal rahi hoon…chus lo meri chuchi…aaaahhhh..chuso bhaiya,,,hai…main mar gayi…meri chut ek shola bani hui hai…..bas karo bhaiya…ab nahin raha jata….pel dalo apna papi lund apni behan ki chut mein….main mariiiiiiii…..uuufffffff..Bhaiyaaaaaaaaa chod dalo mujhe…ooooo bhenchodddddd”
Avi ne ab sharab apne lund ke supade par gira dali aur mujhe chatne ko bola. Usska supada uthak baithak kar raha tha aur jab mein ussko chatne ke liye jhuki to ussne lund meri muhn mein dali diya. Maine ankhen band kar ke lund chusna shuru kar diya aur usske andkosh haathon mein le kar masalne lagi.
Avi mere mukh ko kissi chut ki tarah chodne laga,”Ohhhhhh bhenchod Bindu….bilkul raand hai tu….meri patni jaisi raand hai tu jo apne bhai se chudwane ko tadap rahi hai…aaaaahhhhhh….ruk jayo varna main jhad jaunga….teri maa ki chut sali bas kar!!!” Main bhi Avi ko jhadne nahin dena chahti thee. Iss liye ruk gayi. Vimal humko hamare double bed par ja kar ek saath chudayi shuru karni chahiye. Vahan main tujhe apni behan ko chodte dekhna chahta hoo, chahe vo meri biwi hi hai!!”
Vimal ne Shashi ka nanga jism bahon mein utha liya aur ussko bed par le gaya. Avi ne mujhe utha liya aur main aur Shashi saath saath nangi bed par let gayi. Dono mard logon ke lund rod ki tarah khade thay.” Sali sahiba main tujhe ghodi bana kar chodna chahta hoon kion ki aapki gaand mujhe bahut sexy lagati hai. Main apna lund peechhey se aapki chut mein jata hua dekhna chahta hoon” Main apne mard ke hukam ki palna karti hui ghodi ban kar haathon autr ghutno par jhuk gayi.
“Han mere harami pati dev main janti thi tu yahi karega!! Ab meri saheli ki gaand bhi chat le kion ke tujhe usski gaand mein bhi ghusna hai thodi der baad!!!” Shashi boli aur fir Vimal ki taraf mudi,' Mujhe kia hukam hai Bhaiya? Mujhe bhi ghodi banayoge kia? Agar ghodi banayoge to bhi theek hai kion ki kam se kam bhenchod bante wakt bhen ki shakal nahin dekh payoge!!” Shashi boli.
Vimal ne kaha, 'Behna, bhenchod roz roz to bana nahin jata. Kab se tamana thee tujhe chodne ki. Pehli bar to dekhna chahta hoon ki meri behna bhi chudayi ke liye taiyar hai apne bhaiya se? Meri lado behna, main chahta hoon ki tum mere upper chadh kar mujhe bhenchod banayo. Main apni behan ki chut mein apna lund jata hua dekhna chahta hoon. Lekin pehle ek bar apni chut mere mukh se laga kar apni namkeen chut ka swad to chakha do meri behna, apni chut ko meri zuban par rakh do, please” Vimal let gaya aur Shashi usske upper chadh karapni chut chatwane lagi.
Avi ne peechhey ja kar ek ungli Shashi ki gaand mein dal dee aur chodne laga ussko ungli se.”Avi maderchod, hat ja…sale tujhe Bindu jaisi hasin aurat mili hai aur tu hum bhai bhen ko aram se chudayi nahin karne de rahe. Lagata ahi kissi din bhaiya se teri gaand marwani padegi mujhe” Shashi ki gaand tezi se upper neechey ho rahi thee.
Asal chudayi ki stage saj chuki thee. Avi mere peechhey jhuka aur apni zuban ko meri gaand mein ghusa kar chatne laga. Meri gaand aaj tak kunwari thee. Ek naya anand mere badan ko aa raha tha. Udhar Shashi ab uthi aur apni dono janghon ko faila kar Vimal ke lund par sawar hone lagi. Vimal ne apne haath usski chuchi par kas diye aur Shashi ne usska lund haath mein pakad kar apni chut par rakh diya aur neechey hone lagi.
Avi ne bhi ab gaand chatna band kar diya aur mere upper chadh gaya. Avi ka supada kissi aag ke shole jaisa garam tha. Ussne mere nitambh ko failaya aur janghon ke beech se lund meri chut emin pel diya.'aaaaaaaa….Bhaiyaaaaaaa….andar ja raha hai tera lund…ooooohhhh behnchod ban gaye tum Vimal bhaiya..teri behan chud rahi hai tujh se aj….shabash mere bhai!!”
Lagat tha ki Vimal ka lund Shashi kichut ki jad tak sama gaya tha. Avi ka supada bhi mere andar ja chuka tha aur main anand sagar mein gote laga rahi thee,” Urrrrggghhhh…….dal do jija…chod lo apni sali ko…..maderchod ek hi bar mein ghusa do Jija…mat roko…pelo mujhe….uuusssiiiii …mar gayiii meri maa….aaaaaaaa…pelo Jijjjjjjaaaaaa!!” Avi ne ab ek hi jhatke mein pura lund pel diya. Usska lund meri chut mein buri tarah fit ho gaya aur vo mujhe kuttia ki tarah chodne laga. Main bhi apni kamar uchka kar apni gaand usske lund par marne lagi.
Kamra fach fach ki awazon se goonj utha. Ek bed par hum char log jannat ki sair kar rahe thay. Vimal ne apni behan ke kulhe jakad liye aur neechey se chodne laga. Avi bhi ab ek kutte ki tarah haanf raha tha. 'Avi maderchod thak gaye? Dekho mera pati kaise chod raha hai teri patni ko? Tujh mein dum nahin hai kia? Sale chod apni sali sahiba ko zor se…zor se….andar tak pel apna lund Jijjaaaaaaa!!!”
Avi ne mere bal pakad liye aur ghode ki lagam ki tarah kheench kar mujhe chodne laga. Ab usska lund meri kokh se takrane laga. Bazu mein apni saheli aur apne pati ko dekh kar meri utejna ki koi seema na rahi aur main jharne lagi.'Ohhh jor se chodo…main jhadeee…Avi chod mujhe…aaaahhhh….main jhar rahi hoooooo.!!!” Avi ne bhi dhake tez kar diye.
Mujhe laga ki vo bhi manzil ke nazdeek hai. Achanak lund ras ki garam dhara meri chut mein girne lagi aur mera chut ras Avi jijja ke lund ras se mil gaya. Udhar Shashi ne ek cheekh mari aur Vimal par dher ho gayi. Charon jhad chukey thay.

भाभी और उसकी बहन के साथ सेक्स

Wednesday, July 23, 2014

मैं आप को एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की ३ साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?
तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई-आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽऊऊऊऊम्मम्मम्मम्मम्म ।
मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि ८ इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- मुकेश तुम कब आये?
मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।
मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।
लेकिन एक दिन अचानक मेरे सेल पे भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे घर आने को कहा। मुझे लगा कि शायद भाभी को कोई काम होगा इसलिये बुलाया है, मैं घर पहुँचा, मैंने दरवाज़े पर घण्टी बजाई, भाभी ने गेट खोला और मुझे अंदर आने को कहा। मैंने भाभी से पूछा कि श्वेता कहाँ है?
तो वो बोली- अपनी सहेली के घर गई है।
उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने को कहा और मैं उनके पीछे चला गया।
मैंने वहाँ एक १८-१९ साल की लड़की को देखा। मैंने भाभी से पूछा- यह कौन है?
तो भाभी बोली- ये मेरे मामा की लड़की है, कल ही शिमला से आई है। उसका नाम रानी है।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी ! कुछ काम था जो आपने मुझे याद किया?
तो भाभी बोली- क्या काम होगा, तभी बुला सकती हूँ क्या?
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि भाभी क्या चाहती हैं मुझसे। फिर मैं रानी से बातें करने लगा और धीरे धीरे वहो मेरे करीब आने लगी । उसने मेरे लण्ड पे हाथ रखा मेरा, लण्ड खड़ा हो गया। मैं बेकाबू हो गया, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। मुझे कुछ ख्याल नहीं था कि मैं कहाँ और किसके घर में हूँ।
मुझमें और जोश आने लगा, मैं उसके स्तन जो कि काफ़ी छोटे और नरम थे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। वो मुझसे कहने लगी- धीरे करो मुकेश !
मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लण्ड बहुत तड़प रहा था। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किए और सारे कपड़े उतार दिये। उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये, बस अण्डरवीयर उतरना बाकी था।
उसमें भी काफ़ी जोश आ चु्का था, उसने मेरा अण्डरवीयर फ़ाड़ दिया और कहने लगी- जल्दी डालो मुकेश जल्दी डालो ! मुझसे रहा नहीं जा रहा !
मैंने उसकी छोटी सी चूत में अपना लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्लाई- मुकेश ! आऽऽऽऽआआआअह्हह्हह बाहर निकालो !
इतने मैं भाभी आ गई और उन्होंने हम दोनो को नंगा देखा तो उनमें भी जोश आ गया और वो भी अपने कपड़े उतारने लगी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है।
फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पे धकेल दिया और मेरे ऊपर रानी को बैठाया और कहने लगी- अपना लण्ड इसकी चूत में डालो ! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। वो फिर ज़ोर से चिल्लाई- आआऽऽऽऽऽऽह्हह्हह्हह्हह्ह…! मुकेश धीरे !
मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत मारना शुरु कर दिया।
वो चिल्लाने लगी- आआआअ…ह्हह्हह्हह्हह्ह…ई………ऊउ ………………… हाय रे…… !
मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। १०-१२ शॉट के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा, वो डर गई मगर भाभी ने कहा- कुछ नहीं पहली बार ऐसा ही होता है।
उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि भाभी मुझसे कहने लगी- नहीं मुकेश ! रुको ! अभी मैं बाकी हूँ !
मैं उस दिन काफ़ी जोश में था। अब भाभी मेरे ऊपर थी और मैं उनके होंठों पे किस कर रहा था। मुझमें काफ़ी जोश आ रहा था। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
आआआआ…ह्हह्हह्हह्हह………ओ………हज………ह्ह्हह्हह्हह्हह्ह।प………प्पपप्पप्पु……स्सस्सस्सस्सस्स…………ह्हह्हह्हह्हह।
मुझे काफ़ी मजा आ रहा था। उन्होंने मुझमें और जोश ला दिया। फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया।
वो कहने लगी- मुकेश तुम में काफ़ी जोश है ! मेरी प्यास बुझा दो।
मेरे दिलो-दिमाग पे भाभी छा रही थी, मैं भी बेकाबू हो गया था। मैं शॉट मारने लगा।
भाभी आआआआआआअ……न…इ………स……………ए………जी…तु…… कहने लगी।
मैं और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा। उन्हें काफ़ी मजा आ रहा था। वो कम ओन मुकेश …कम ओन मुकेश ………डू इट ! कह रहि थी और मैं पूरे जोश से शॉट मार रहा था, लेकिन इस बार मेरा माल बाहर नहीं आ रहा था। मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।
भाभी आआ…………ह………ह्हह्हह्हहह्हहह……………ऊऊऊऊऊऊऊऊओ…स………सओ……म……ए… मुकेश ! कहे जा रही थी। १५ बार शॉट मारने के बाद मेरा माल निकल गया और फिर कुछ देर के लिये मैं उनसे लिपट गया। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और भाभी से कहा- मैं अब घर जा रहा हूँ !
भाभी कहने लगी- मुकेश आते रहना !
और उसके बाद हमारा सिलसिला ऐसा ही चलता रहा।
लेकिन एक दिन राहुल का तबादला दिल्ली हो गया और हम दोनों जुदा हो गये।
मुझे आज भी भाभी की याद सताती रहती है और साथ साथ रानी कि भी जो शिमला वापिस चली गई।
मुझे आज भी किसी भाभी का या किसी रानी का इन्तज़ार है !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
आपका यह दोस्त मुकेश फिर एक कहानी लेकर आपके सामने जल्द ही हाज़िर होगा !

मेरा पहला अनुभव - First time sex

Sunday, July 20, 2014

प्रिय भाभियों और आंटियों को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम रोनित राणा है और मैं जयपुर से हूँ। मेरा रंग सांवला है, मेरा लंड औसत लम्बाई व मोटाई का है।

दोस्तो, मैं हमेशा से ही आंटियों और भाभियों के प्रति आकर्षित रहा। मुझे उनकी मोटी गांड और मोटे बोबे बहुत पसंद आते हैं। यह जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ यह एक वास्तविक घटना है।

यह बात आज से चार साल पहले की है जब मैं कॉलेज में था मेरा अन्तिम वर्ष था। मुझे एक शादी में कानपुर जाना पड़ा। हमारा एक घर कानपुर में भी है क्यूंकि हमारा बिज़नस कानपुर में भी है। शादी मेरी दूर की मौसी की थी इसलिए उनके और भी परिवार वाले आये हुए थे। मेरी मम्मी की मौसी की बेटी जिसका नाम संतोष था मतलब जो मेरी भी मौसी हुई, वो भी नॉएडा से अपने पति और बेटे के साथ आई हुई थी। क्या बताऊँ दोस्तो, क्या चीज़ थी- उम्र ३३ साल, उसका फिगर ३६-३२-३८ था क्या माल थी वो !

मैं शादी से दो दिन पहले ही कानपुर पहुँच गया था। वो भी शादी की एक रात पहले ही आ गई थी। उससे मेरी पहली मुलाकात थी। तो जब वो आई तो मेरी उससे ज्यादा बात नहीं हुई पर हाँ हम दोनों ने एक दूसरे के इरादे भांप लिए थे।

जितने भी मेहमान आये हुए थे वो सब गेस्ट-हाउस में रुके हुए थे। वो भी वहीं थी। शाम को मेरे पिताजी ने कहा कि मैं वहीं रुक जाऊं क्यूंकि लड़की वाले कानपुर में अनजान थे तो अगर रात में किसी को स्टेशन से लाना हो तो मैं चला जाऊं। खाना खाने के बाद करीब रात नौ बजे हम जवान लोग एक कमरे में बैठ कर अन्ताक्षरी खेल रहे थे। संतोष मेरे बगल में बैठी हुई थी सर्दी होने की वजह से हमने कम्बल ओढ़ रखा था। अचानक मेरे पैर से कोई पैर टकराया मुझे लगा कि किसी का पैर गलती से लग गया होगा, पर ५ मिनट के बाद मुझे फिर महसूस हुआ की कोई पैर मेरे पैर को हौले हौले रगड़ रहा है।

मैंने धीरे से कम्बल उठा के देखा तो मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुआ वो संतोष का पैर था मैंने संतोष की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी। मैं भी कम्बल के अन्दर अपने एक हाथ से उसके हाथ को मसलने लगा मुझे भी मज़ा आ रहा था और उसे भी। थोड़ी देर तक अन्ताक्षरी और हमारा खेल चलता फिर मुझे स्टेशन जाना पड़ा, मन तो नहीं था लेकिन जाना पड़ा। खैर फिर उस रात हमारी मुलाकात नहीं हो पाई क्यूँकि जब तक मैं वापस आया वो सो चुकी थी।

अगले दिन मैंने मौका देख कर उसके होटों को चूम लिया उसने भी मेरा पूरा साथ दिया। बारात आने से कुछ देर पहले वो मेरे पिताजी के पास जा कर बोली कि गेस्ट हाउस में बहुत भीड़ है तो मैं उसे घर ले जा कर तैयार करा लाऊं।

पिताजी ने मुझे बुलाया और उसके साथ घर भेज दिया। मोटरसाईकिल पर भी वो मुझसे ऐसे चिपक कर बैठी कि हमारे बीच में से हवा का भी निकलना मुश्किल था। मैं जल्दी से घर पंहुचा, ताला खोल कर अन्दर पहुँच कर मैंने उससे कहा- आप नहा लो, फिर चलना है !

तो उसने कहा- तुम भी नहा के तैयार हो जाओ !

हमारे घर में दो बाथरूम थे, एक पिताजी के कमरे में और एक गेस्ट रूम में ! माँ अपने कमरे का ताला लगा के गई थी क्यूंकि उसमें गहने और पैसे रखे हुए थे। सो मैं बोला- बाथरूम एक ही है पहले आप नहा लो, फिर मैं नहा लूँगा।

वो बोली- ऐसे तो बहुत लेट हो जायेंगे, क्यूँ न हम साथ में नहा लें !

तो मैं बोला- हम दोनों? आपको शर्म नहीं आएगी?

तो वो बोली- सुबह जब चूम रहे थे तब नहीं आई तो अब क्या आएगी।

यह सुनते ही मैंने उसे झट से पकड़ लिया और चूमने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और बेतहाशा उसके होठों को चूसने लगा। एक हाथ से मैंने उसका सर पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से उसके एक स्तन को सहला रहा था। फिर मैंने उसका कुर्ता उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसे बोबे चूसने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वो सिसकारी भरने लगी- आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ! ओ रोनित खा जाओ इनको, प्लीज चूसो, और जोर से चूसो, इस ब्रा को फाड़ दो और खा जाओ मेरे बोबों को ! ऊऊऊऊम्म्म्म आआआआआअह्ह्ह्ह्हह्ह !

उसने मेरी शर्ट खोल कर मेरे जिस्म से अलग कर दी और फिर मुझे खड़ा करके मेरे जिस्म को चूसने और चाटने लगी। फिर उसने मेरी जींस खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और मैं उसे कुछ कहता उससे पहले वो उसे चूसने और चाटने लगी। आह दोस्तो, क्या बताऊँ वो पहली और आखिरी औरत थी जिसका लंड चूसना मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगा।

फिर मैंने उसको खड़ा किया और फिर से उसके बोबों पर टूट पड़ा। उन्हें जोर से मसला रगड़ा और चूस चूस कर लाल कर दिया। एक दो बार तो मैंने उसके बोबों को काट भी लिया। फिर उसके पेट को चाटते हुए मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार नीचे सरक गई। फिर मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटा।

वो आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊम्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्ष्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईईईइस्स्स्स्स् जैसी आवाज करने लगी। फिर मैंने उसको लेटा कर मैं ६९ पोजिशन में आ गया और उसने झट से मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी, बीच बीच में वो अंडों को भी चूस रही थी और मैं चूत चूसते चूसते उसकी गांड में उंगली भी कर रहा था जो उसे और भी मज़ा दे रहा था।

फिर हम सीधे हुए और मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो वो कहने लगी- प्लीज अब मत तड़पाओ और मेरी चूत में अपना लंड डाल दो !

लेकिन मैं उसे और तड़पाना और भड़काना चाहता था तो मैंने उसकी एक न सुनी। वो कहती रही पर मैंने तो कुछ और ही सोच रखा था। फिर जब उसकी सहनशक्ति जवाब देने लगी तो वो बोली- मादरचोद, अब तो चोद दे ! अब नहीं रुका जाता ! घुसा दे अपना लंड मेरी चूत में ! देख कितनी तड़प रही है मेरी चूत ! बहन के लौड़े, जल्दी से मेरी चूत की भूख को शांत कर दे !

इतना सुनते ही तो मुझे भी जोश आ गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया, उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी और वैसे भी वो एक बच्चे को पैदा कर चुकी थी इसलिए चूत में डालने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

लंड अन्दर जाते ही जैसे हम दोनों की तन और मन को शान्ति मिल गई हो, ऐसा प्रतीत हुआ। फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी चालू की। वो सिस्कारियां भरने लगी और कहने लगी- आआआअह्ह्ह्ह्ह रोनित, मेरी जान ऊऊऊम्म्म्म चोद दे मेरे भोसड़े को ! आज फाड़ डाल आज्ज्ज्ज्ज ईईइस्स्स्स्ईई ऊऊईईई म्म्म्म्म्माआआ कितना मज़ा आ रहा है तेरे लंड में ऊऊऊम्म्म्म्म चोद, मादरचोद चोद इसे ! मुझे अपनी रांड बना ले आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् !

क्यूंकि मेरा पहला अनुभव था तो मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो मेरे ऊपर आ गई और चुदने लगी। जब वो ऊपर नीचे होती तो उसके मोटे मोटे बोबे झूलने लगते और मुझे वो देख कर बड़ा मज़ा आता और मेरा जोश भी दुगना हो जाता था। हमें चुदाई करते हुए आधा घंटा बीत चुका था। वो इस बीच तीन बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने उसको डौगी पोजीशन में लिया और पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। चोदते चोदते मैंने उसकी गांड में थूक लगा कर फिर से उंगली दे डाली और उंगली से गांड को चोदने लगा।

पर मैं भी कहाँ तक संभाल पाता मेरा भी स्खलित होने वाला था। जब मुझे लगने लगा कि अब नहीं रोक सकता तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूं ?

तो वो बोली- मेरे मुहँ में निकालना, मुझे तुम्हारा पानी पीना है !

सो मैंने झट से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया और आखिरी झटकों के साथ उसका मुँह पानी से भर दिया और वो उसे मज़े लेकर पी गई फिर उसने चाट कर मेरा लंड साफ़ किया।

हमें काफी देर हो चुकी थी तो हम जल्दी से साथ में नहाए और जल्दी से तैयार हो के शादी में पहुँच गए।

अगले दिन मैंने मौका निकाल कर उसकी गांड भी मारी, वो मैं अपनी अगली कहानी में बताऊंगा।

Ghar Ki Maharani - New chawat katha

Saturday, July 19, 2014

Main school say ghar aie aur sakht garmee kee wajah say mainay socha hasbe mamool main ghar jaka foran naha loon aur aram karloon. Go keh apnee car main thee laiken garmee to qayamat kee thee. Ghar pohanch kar mainay lunch bhee nahee keya aur apnay kamray main agaiee. Kamra under say band keya aur A.C on keya to maloom huwa keh light naheen thee puray kamray main andhera thaa aur dark curtains kee wajah say kuch bhee nazar nahee araha thaa. Saray kapray uthar daya aur bilkul nangee hogaiee. Aissa pehlee bar naheen keya balkey yeh maira mamool thaa keh main rozana school say wapis aakrar nahathee thee aur aisay hee karma band karkay aur nangee hokar nahanay chlee jathee thee. Mairee umar 16 sal kee thee aur main aik aam see larkee thee uswaqt bhee aur ab bhee. Color bhee saf naheen thaa aur na hee jism main koee khas kashis thee. Han main lambay qad kee motee see larkee thee. Dar asal ham sab ghar walay khubsoorat naheen thaay choonkeh ammeen abboo dono hee mamoolee shakal kay thaay iswajah say main aur mairy teenoo baray bhaiee bhee bus yoon hee say thay. Barhay bhaiee Nasir (main unko baray bhaiee kehtee hoon), 40 sal kay engineer thaay, doosray barhay bhaiee Nadir (main unko bhaya kehtee hoon), 35 sal kay aur teesray bhaiee Tahir (main unko bhaiee kehtee hoon), 20 sal kay thaay aur sab bhaiee study kay elawa abboo kee factory jokeh Hyderabad main Fathe chok kay qareeb thee main bhee masroof rahthay thaay. Bhaiyon kee shadee naheen huwee thee yeh sb qismat ka aur hamaree mamoolee shakal kee wajah say thaa. Hamara benglow Latifabad main hay. Main undhairay main bath room kee taraf gaiee aur under dakhil hokar mainay shower on keya. Thanda thanda panee acha lag raha thaa. Abhee jism geela huwa hee thaa keh light agaie. Mairay to moonh say cheekh nikal gaee keyonkeh samnay maira teesra bhaie Tahir nanga khara huwa thaa aur iskay geelay badan say lag raha thaa keh wooh naha kar farigh huwa thaa. Uska rang bhee faq hogaya. Mainay donon hathon ko apnay chehray par rakhleya keh usko daikh na sakoon laiken wooh to mujhay daikh raha thaa. Tahir kee awaz aiee keh sorry Shabnam mairay kamray kay bath room ka tape kharab thaa isleyay main tumharay bath room main naha kar bahar nikal hee raha thaa keh tum agaieen. Main to pathar ban kar kharee huwee thee aur phir aik gehree khamoshee kay badd, Tahir nay kaha keh Shabnam tumhara jism kithna haseen hay. Mairee zindagee main kisee nay pehlee bar mairee tareef kee thee aur is aik jumlay nay pehlee bar mujhay ithna khush kar deya keh main bhool gaiee keh main kis kay samnay nangee kharhee huwee hoon. Yeh soch hee rahee thee keh Tahir kay hathon ko apnay hathon per mehsoos keya. Usnay mairay donon hathon ko jinsay mainay apna chehra chupaya huwa thaa hatha deya. Mainay ussay daikha to bilkul mairay qareeb thaa aur phir unsay mujhay gallay laga kar mafee mangna shuru kar dee. Main kuch na bolee laiken uskay bheegay huway baden nay jab mujhay chuwa to main pagal see hogaiee. Mainay nay bhee apnay dono hathon ko uskee kamar pakar leya aur kaha keh koiee bath naheen yeh sab kuch light na honay kee wajah say huwa hay. Halankeh mainay ussay maff kardeya laiken hamdonon ka shayad alag honay ka dil nahee chah raha thaa keyoon keh dono hee aik doosray say chipkay huwah thaay. Tahir nay mafee kay bawujood mairee kamar ko sehlana shuru kardeya and isee doran Tahir kay lund ko mainay apnee ain tangoon kay dermeyan garam garam mehsoos keya. Uska lund aur uska nanga jism apnay nangay aur geelay jism kay sath mehsoos karkay main to bhool gaiee keh hamdono sagay bhaiee bahen hain. In jazbon main najanay keya thaa keh main Tahir say aur lipat gaiee. Tahir mairay chehray kay samnay agaya aur mairay honton per apnay hont rakh deyay. Bhaiee kay honton ko apnay honton say pakar rahee thee aur jhejhak bhee khathan hogaee aur mainay bhee apnay honton say uskay honton ko choomna shuru kerdeya. Keya khushee thee keh lafzon main beyan naheen kar sakthee. Tahir mujhay choom raha thaa aur main Tahir bhaiee ko choom rahee thee. Tahir nay honton ko hathaya aur kaha keh chalo bed per chalthay hain. Kamray kee light to on hee thee aur AC bhee light anay kee wajah say on hogaya. Tahir nay apnay hath mairay kandhon par rakhay huwah thay aur isee tarah ham dono bed per lait gaay. Tahir mairay sath hee laitay huway thaay aur usnay mairay honoto ko phir say peyar kanrna shuru kardeya. Tahir apnay hathon say mairay boob ko sehla rahay thaay aur main khud bhee apnay bhaiee ko peyar kar rahee thee. Mairay badan main to agg lag gaiee thee aur mian shayad zindagee main kabhee ithnee khush naheen huwee thee. Tahir hazaron kiss karnay kay bad mairee tangon kay dermeyan agaya. Sab bhaiee kee tarah uska bhee jism warzeshee thaa aur kafee mazbooth muscles thaay. Khub chora seena aur bharay bahray bazoo apnee taraf khainch rahay thaay. Tahir ka lund wooh lund thaa keh jissay mainay pehlee bar daikha thaa mainay ajtak koiee lund naheen daikha thaa. Yeh to maloon hay keh sex keya hotha hay laiken lund kaissa hotha hay naheen maloon thaa. Tahir kee ankhon main ghazab kee chamak thee aur usnay aik bar mairay nanga badan ka jaeza leya aur kaha keh tum kithnee pur kashish ho Shabnam. Tahir kay remarks say main khush hogaee. Tahir nay mairay boobs per apnay hont rakhay aur choomnay laga. Wah wah keya lutf thaa jab uskay garam aur geelay hont mairay nipple ko kat rahay thaay. Mainay khushee kay maray Tahir ko apnee banhoon main samait leya aur uskay lund ko apnee chooth per mehsoos kar rahee thee. Mujhay bay had maza araha thaa aur Tahir per bohat hee peyar araha thaa keh usnay mujhay yeh maza deya. Tahir ab mairay honton par thaa aur hamdono hee aik doosray ko choom rahay thay ya phir kat (bite) rahay thaay. Mainay Tahir kee garden ko apnay hathon bohat hee zor say bheench rakha thaa. Tahir ka badan nehayat hee garam thaa aur puree tarah mairay ooper chaya huwa thaa aur bohat hee bhala lag raha thaa. Tahir ab mairay abdomen ko apnee zuban say geela kar raha thaa aur istarah wooh apnee sagee bahen kee chooth tak pohanch gaya. Mairee chooth per zuban rakhna hee thaa keh mairay wujood main tahleka much gaya. Uskee zuban nay to mairay wujood ko kahan say kahan ponhcha deya. Main to machlee kee tarah tarap rahee thee aur mujhay pehlee bar maloom huwa keh sex main yeh bhee hotha hay. Tahir bhaiee mairee chooth ko buree tarah geelee kar chukkay thaay. Kafee dair tak chooth aur zuban ka khail jaree raha aur phir Tahir mairee tangon kay darmeyan baith gaya. Tahir nay mairee taraf daikha aur kaha keh Shabnam zara takleef hogee ab. Yeh sunkar main pareshan naheen huwee ithna maza araha thaa ab jo ho so ho is mazay kay leyay to main ab jan bhee daisakthee hoon takleef kee keya bat hay. Main khamosh rahee aur Tahir nay side table say cold cream laikar apnay lund per lagayee aur mairee chooth per bhee cream lagaiee halankeh wooh to geelee hee thee. Main samajh gaiee keh wooh yeh sab kuch asanee aur takleef say mujhay bachanay kay leyay kar raha thaa. Tahir nay mairee dono tangon ko chorha keya aur apnay dono hathon ko mairay pehloo main rakh kar lund ko jokeh iron kee tarah khara huwa thaa mairee chooth per rakh deya. Lund aik garam lohay kee tarah sulag raha thaa. Chooth per lund rakh kar wooh mairay honton per agya aur doosree taraf uska lund ahistagee say under anay laga. Lund abhee zara hee dakhil huwa thaa keh pain aur naya maza aik sath shuru hogaya. Takleef kee koie had naheen thee laiken main apnay bhaiee ko sharmendah naheen karna chahtee thee. Tahir mujhay choom chaat raha thaa aur uska lund under kee taraf sirak raha thaa. Joon joon lund under araha thaa takleef barh rahee thee. Tahir apnay lund ko under dakhailthay huway bar bar mairee chehray ko daikh raha thaa keh kaheen mujhay takleef to naheen horahaee hay. Han Tahir bohat hee slow motion main lund ko under dakhil kar raha thaa. Takleef aik taraf choonkeh dard mazay main dooba huwa thaa isleyay bohath hee maza araha thaa. Tahir ko mainay choom choom kar pagal kar deya thaa main to ussay bhookee shairnee kee tarah chat rahee thee aur wooh bhee kuch kam pagal naheen lag raha thaa. Tahir ka lund kuch aur under agaya aur najanay kithna bahar thaa keh under hee under chala araha thaa. Han takleef ab isqadar hogaiee thee keh ankhon mian ansoo anay walay thaa laiken mainay bohat hee bardasht keya laiken Tahir ko maloom hochuka thaa keh main dard ko bardasht kar rahee hoon. Mujhay jitheen takleef hothee main uthnee hee zor say Tahir ko peyar karthee aur istarah takleef ka ehsas kam horaha thaa jabkeh Tahir bhee apnay lund go mairee takleef kay peshe nazar bohat hee ahistah say under kee taraf dhakail raha thaa. Mairay badan main bijlee see chamak rahee thee aur sansaina bhee garam garam ho rahee theen. Main to dewanee hogaiee thee aur Tahir bhee deewano kee tarah sex main mast thaa. Pain to khair kam hochuka tha laiken main mazay man doobee huwee soch rahee thee keh akhir yeh kuch pehlay keyoon naheen huwa aur main abtak is mazay say mehroom hee rahee. Tahir ka lund puree tarah under achuka thaa aur takleef ko jo mainay bardasht keya thaa woh main beyan naheen karsaktee laiken maza us per hawee thaa. Choonkeh ab Tahir ka lund mazeed under naheen araha thaa aur mujhay mehsoos huwa keh mairee chooth kee akhree deewar tak takra kar ruk chukka thaa aur naheen maloom kuch baqi bhee thaa keh naheen. Ab Tahir nay apnay lund ko puree under paakar mairay honton ko kiss kerna shuru karadeya aur main bhee Tahir kay puray chehray ko choomnay lagee isee doran Tahir nay bohat ahistagee say land ko under hee under agay peechay karna shuru kardeya. Tahir kay is tarah kay lund ko under bahar karany say mairee chooth kay under lazat kee aik naee kafiat paida kardee. Tahir ka jism mairay ooper chaya huwa thaa aur mairee donon tangon kay dermeyan mairee chooth main lund ko under bahar karna shuru keya huwa thaa. Mainay donon hathon say Tahir ko apnay seena say lagaya huwa thaa aur apnee donon tangon ko tahir kee kamar kay gird karleya. Mainay Tahir ko apnay hathon aur tangon donon say bheench rakha thaa aur ham donon aik doosray ko khub chod rahay thaay. Agar Tahir kee jagah koiee aur hotha thaa to shayad ithna maza naheen atha laiken apnay bhaiee say sex karthay huway na to koiee khof thaa aur na hee koiee fikar aur bah-mee mohabbat kee wajah say bohat hee sukoon mil raha thaa. Tahir nay apnay doono hath mairay dono bazoo kay barabar rakh deyay aur khud ooper uth gaya. Ooper uthkar ab tahir nay apnay lund ko under bahir karan shuru kardeya. Mairee donon tangain Tahir kee kamar kay gird theen jokeh ab Tahir nay hatha kar dono tangon ko apnay kandhon per rakh leya aur istarah lund aur taizee aur mukammal tor per under bahar honay laga. Jub lund bhahar jatha to iskay chooth kee undrooni toughing say chooth main ajeeb suroor sa hotha aur jab kafee bahar nikal ka dobara under atha to her bar aik naiee kafiat paida hothee. Jab jab Tahir ka lund under kee taraf atha main bhee apnee chooth kay zaryay lund ko lapak laithee. Tahir kay dono hath mairay boobs par thaay aur unko bohat hee peyar say sehla raha thaa. Lund kee raftar aur taiz hothee jarahee thee ab to jab lund under atha to Tahir ka aur maira nichla hissa apass main buree tarah takratha. Raftar main bohat taizee achukee thee aur aik naya ehsas horaha thaa keh puray wujood aur rooh main sb khushee aur lazat aik jagah jama hochukee theen. Tahir ka lund aik bar under akar mairee chooth kay akhree hissay main akar ruk gaya aur chand lamhon kay leyay Tahir ka lund under hee under machalnay laga aur mairee chooth kay under uskay lund kee aik aik nabz pharhakthee huwee mehsoos horahee thee. Lund kuch dair to machal aur tarap tha raha aur phir achanak hee lund kay undersay aik garam garam sailab sa mairee chooth ko choo nay laga. Tahir kay garam lavay ko chooth nay chuwa hee thaa keh puray wujood main say lazat kee rooh aik aur garam liquid kee tarah nikalnee shuru hogaiee. Saray jism kee lazaat chooth per markooz hogaiee aur bhaiee bahen kay discharge honay walay liquid nay keya khub lutf deya mairee to ankhain khul gaiee aur pura karma roshan roshan nazar anay laga. Mairee chooth main ab bhee lund chupa huwa thaa aur na hee chooth lund ko janay daiy rahee thee aur nahee lund bahar ja raha thaa. Main to is khushee main Tahir ko khub choom aur choos rahee thee aur Tahir bhee khub choos raha tha aissay keh jaissay akhree bar choom raha ho. Thair nay donon hathon say mairay chehray ko thaama aur mairay honton per hont rakh kar kaha keh Shabnam bohat shurkurya tum bohat sexy aur pur kashis you. Mainay bhee Tahir ko gallay lagay aur kaha keh Tahir is khushee aur lazzat per main bohat khush hoon keh mairay bhaiee nay mujhay zindagee kee sab barhee khushee dee. Tahir ka lund bahar nikal chukka thaa aur hamdono kafee dair tak aik doosray kay sath lipat kar laitay rahay aur kiss karthay rahay. Hamdonon main say koiee bhee sharmendah naheen that balkeh khushee say bar bar aik doosray ko choom rahay thay. Ab hamdonon aik doosray kay sath regularly sex karnay lagay thaay. Main school main bhee khush rahanay lagee thee aur yeh ehsas bhee khatham hochuka thaa keh main kissee kam kee naheen aur bohat hee bad soorat thee. Tahir nay jab bhee mujh say sex keya usnay her bar mairee bohat tariff kee aur isbath nay mairy himmat afzaiee kee aur mujh main khud itemadee paida honay lagee thee. School main mairee sahailee bar bar mujhsay mairee khushee aur bath bath per muskurathee thee. Abboo ammee nechay bed room main rahthay thay. Jabkeh hamaray bed room ooper kee manzil per thaay aur sab kay bed room bhee alag alag thay. Tahir aksar mairay bed main rath ko ajatha thaa aur hamdonon sex karaky subh tak sothay rahthay thay. Rath ko main apnay kamray main sonay kay leyay light off karkay tayaree kar rahee thee aur dil bhee chah raha thaa keh main Tahir kay bed room main jakar sex karoon. Main inthezar main thee keh kuch rath hojay to Tahir kay kamray main jaoon ya phir wooh khud hee ajay. Main nay socha keh shayad Thair khud hee ajay. Abhee yeh soch hee rahay thee kay kamray ka darwaz khula aur Tahir under agaya. Mainay awaz suknar apnay kapray foran badal leyaay aur nangee hogaiee. Tahir mairy bed per anay say pehlay hee kapray uthar nay lagay aur phir mairay qareeb akar lait gayay. Main foran hee Tahir say lipat gaiee aur kaha keh bhaiee aj maira bohat dil chah raha thaa acha huwa tum agay warna main khud hee anay walee thee. Yeh sukar awaz aiee keh main Tahir naheen Nasir hoon. Yeh sunkar to main dar gaiee keh yeh to baray bhaiee hain. Nasir bahiee nay mujhay lipta leya aur kiss karna shuru kardeya main abhee tak khof main mubtala thee aur zehnee tor per main baray bhaiee say sex karnay kay leyay tayar naheen thee. Nasir bhaie mujhay choom rahay thaay aur main kuch bhee naheen kar rahee thee bas khamosh thee aur jo kuch kar rahay thay baray bhaiee hee kar rahay thaay. Mairay demagh main kuch bhee naheen thaa aur na hee sex mehsoos horaha tha. Nasir bhaiee kuch dair tak to mujhay peyar karthay rahay aur kuch dair bad kaha keh Shabnam tum ko mainay Tahir say sex karthay huway daikha tha window say aur tum khud bhee sex kar rahee theen laiken mairay sath bilkul kuch naheen kar rahee ho main bhee to bhaiee hoon. Yeh sunka main kuch kuch amadah hogaiee aur Nasir bhaiee keh rahay thaay aur phir mainay bhee unko peyar karnay lagee. Nasir bhaiee khush howay aur unkay liptanay main aur taizee agaiee. Mainay peyar karthay huway unko lipta leya aur samjhota kar leya keh main ab unkay sath bhee sex karoongee. Nasir bhaiee nay kuch dair isee tarah peyar keya aur phir mairee tangon kay dermeyan akar Tahir kee tarah hee mairee chooth ko choomna shuru kar deya. Unkee zuban ko chooth per paakar ab mujh main mastee shuru hogaiee. Ab unhon nay mairee chooth main apnay lund ko dalna shuru kardeya. Unka lund jab chooth main dakhil huwa to lag keh unka lund Tahir kay muqablay main kafee mota thaa. Ab unka lund under araha thaa aur unhon nay Tahir kee tarah pehlee bar cream naheen lagaiee shayad yeh soch kar keh Tahir rozana sex kartha hoga isleay zuroorat naheen hogee aur ab mujhay Tahir kay lund say takleef naheen hothee thee laiken Naisr bhaee kay lund kee motaiee nay Wahee takleef shuru kardee thee jokeh Tahir say pehlee bar huwee thee. Mainay kaha keh baray bhaiee cream lagalain bohat takleef ho rahee hay. Unhon nay lund ko hata leya aur side table cream talash karany ke leyay bed per say hat gaay aur isee doran mainay side tables per lamp on kardeya. Kamra roshan hogaya aur samnay mairay barhay bhaiee bilkul nanghay kharhay thaay. Baray bhaie ka qad Tahir bhaiee say bara thaa aur unkee sehat bhee zeyadah achee thee. Han yeh zuroor thaa keh baray bhaiee kay jism hairs say bharay huway thay jabkeh Tahir kay jism per hairs naheen thaay. Baray bhaiee ka lund mota aur Tahir bhaiee say lamba bhee thaa. Bhaiee nay cream uthaiee aur phir say mairy tangon kay dermeyan akar baith gaay. Unhon nay apnay lund per cream lgaiee aur phir mairee geelee chooth per bhee khub cream lagadee. Unhoon nay lund choot per rakah aur mairee taraf daik kar kehnay lagay keh Shabnam tum kithnee khub surat ho aur tumhar jism main kithnee kashsih hay, main yeh sunkar khush hogaiee. Unhon nay lund under dalna shuru kardeya aur cream kee wajah say takleef kam to thee laiken horahee thee aur lund ahistah ahistah under anay laga. Kafee dard thaa laiken aissa naheen jaissa keh Tahir say pehlee bar huwa thaa. Wooh mairay ooper lait gaay aur unka jism kay hairs mairay jism per bohat acha lag rahay thaay aur jims main gud gudee see horahee thee. Unka lund dakhil hochuka thaa aur barah bhaiee ka chodna bhee uthna hee acha lag raha thaa jithna keh Tahir thaa. Mainay unko galay laga leya aur unko khub choomna shuru kardeya. Unka bharee bharkam lund under bahar horaha thaa aur phir unhon nay khudh hee mujhay kandhon say pakar kar baghair lund nikalay khud lait gaay aur mujhay ooper kar leya ab main unkay lund per baithee huwee thee aur wooh mairay neechay kamar kay bal laitay huway thaay. Miaree donon tangain unkee kamar kay donon taraf theen. Ab main khud unko chod rahee thee aur isee tarah unhon nay mujhay apnay seenay say laga leya ab hamdono aik doosray ko kiss kar rahay thaay aur maina unkay lund per uchal uchal kar lund ko under bahar kar rahee thee aur bohat hee maza araha thaa sach bohat hee maza araha thaa. Kafee dair taka unka lund mairee chooth ko under hee under lazat day raha thaa aur main unkay hair say bharay huway seenay ko choom aur chat rahee thee. Bhaie khus thay aur muskura rahay thaay. Unhon nay mujhay hathnay ko kaha aur phir kaha keh Shabnam ultee lait jao. Main foran lait gaiee to undhon nay kaha keh Tahir nay tumhian peechay say bhee chod keh naheen. Mainay na main jawab deya to unhon nay kaha keh Shabnam main peechay say karoonga thoree takleef hogee laiken acha lagay gaa. Yeh keh kar unhon nay mairay back hole ko choosna shuru kardeya. Unkee keya kisee bhee cheez nay pehlee bar mairay back hole ko touch keya thaa. Wooh back hole aur puree hip ko khub shoq say choos rahay thay lag raha thaa keh unhain chooth say zeyadah yahan maza araha thaa. Unhon nay ab back hole per cream lagana shuru kardee jokeh Thandee Thandee lag rahee thee. Nazar naheen araha thaa laiken unhon nay apnay lund ko bhee cream lagalee thee. Ab unhon nay lund ko back hole per rakka aur under dalanay shuru kardeya aur kaha keh Shabnam tumharee hip kithnee acchee hay aur kisqadar ubhree huwee hay. Main muskuradee aur apnee hip kee tareef sun kar khush bhee huwee. Ab lund nay dard paida karna shuru kardeya aur bohat hee taklee deh thaa mainay takya moonh main lay leya taken awaz na niklay. Unhon nay peechay say mairay dono kandhon ko pakra aur puree taqat say lund ko bus aik hee jhatkay main under dal deya mairee ankhon main taray nachnay lagay aur cheekh nikal hee gaiee. Cheekh sunkar wooh aikdam mairay ooper lait gaay aur mairay galoon ko choosnay lagay aur kaha keh bus thoree dair bad dard kam hojayga. Wooh mairay galoon ko choosnay lagay aur doosree taraf lund ko zor zor say under bahar karnay lagay. Waqaee ab takleef kam hochukee thee aur mujhay maza araha thaa mainay unko ehsas bhee naheen honay deya aur apnee ungleyon ko chooth main dal leya. Wah wah keya maza thaa main is naee lazat say bohat hee mazaidar khush mehsoos kar rahee thee. Baray bhaiee nay mairay wujood main aik naee qayamat macha dee thee aur main bohat hee khush horahee thee. Wooh mairay ooper say uth gaay aur lund ko under hee rehthay huway mairay ghutnoon ko mairay pait kee neechay kardeya aur istarah mairee hip buland hogaiee. Ab unhon nay donon hath mairee kamar per rakahy aur taizee say lund under bahar karnay lagay. Unko keya maloon keh mairee ungleyan ab bhee mairee chooth main hee theen aur main kuch aur hee maza layrahee thee. Wooh ab akhree lamhay main thaay aur chnad taqat war zarbain laga kar unka lund discharge hogaya aur main khudb bee chooth kee taraf say discharge hogaiee. Baray bhaiee nay apna lund bahar nikala aur mujhay bohat zabardast peyar keya aur bohat hee shukurya ada keya. Main istarah kee lazat say bohat hee zeyadah khush thee. Kuch hee dinon kay baad isee tarah mairy dermeyanay bhaiee, Nadir nay bhee sex keya aur uskee tafseel koiee naee naheen thee bus undhon nay bhee mujhay baray bhaiee kay sath kissee waqt daikh leya thaa aur phir wooh bhee shuru hogay. Main Jamshoro university say degree laikar ab ghar main hoon. Abba amman denya say challay gaay hain. Teenon bhaiyon kee shadee naheen howee aur na hee mairee huwee, wajeh sirf shakal aur qismat. Ab mairee umar 30 sal hay, Tahir 34, Nasir Bhaiee 54 aur Nadir 49 sal kay hain. Mairay teen bhaiee aur teen shohar hain aur bus yahee zindagee hay. Main apnay kamaray main hothee hoon aur jis bhaiee ka dil chahta hay ajatha hay aur maira dil chahay to kissee ko bhee bula laithee hoon laikem mujhay Tahir say zeyadah maza atha hay keh wooh maira pehla sex thaa. Koee bacha naheen huwa hay. Teenon bhaie maira bohat hee zeyadah kheyal rakhthay hain aur yaqeen karain main apnay ghar main maha ranee kee tarah rehthee hoon. Mairy bhayoon main bhee koie ikhtelaf naheen hay aur ham sab bohat hee khush hain. Mairy bed room kay darwazay per bhaeyon nay aik red color kee light laga dee aur jab bhee aik bhaiee sex karnay kay leyay athay to wooh khud hee light on kardaythay aur istarah doosray bhaie under naheen athay. Yeh mairee zindagee hay aur app per munhasir hay keh sach janain ya jhoot.
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घरेलू कामवाली - Hindi sex story

Monday, July 14, 2014

मैं अभी अहमदाबाद में रहता हूं. बात ३ साल पहले की है, हमारा एक छोटा सा घर है, लेकिन मैं तो बड़े ठाट-बाट से रहता हूं. एक बार मैं और मेरा परिवार सब साथ में बैठे थे। हमारा एक नौकर था जिसका नाम पेमजी था। पापा ने कहा कि घर का काम करने के लिए एक औरत की जरुरत है, तो पेमजी ने कहा कि मेरे गांव में एक नेपाली है, उसका पति उसको छोड़ के भाग गया है, तो पापा ने कहा उसको यहाँ ले आ।

अगले दिन वह उसको लेने चला गया। शाम तक वह उसको ले के आ गया। हम सब वहीं बैठे थे। वो कसम से इतनी सुंदर थी आप तो जानते ही हो कि नेपाली कितने सुंदर होते हैं। तो पापा ने उससे थोड़ी पूछ ताछ की, फ़िर उस दिन से वह हमारे यहाँ काम करने लगी. मेरा तो मन उस पर आ ही गया था, अब तो मैं बस समय का इंतजार कर रहा था।

उसका नाम रेनू था. उसकी उम्र ३२ के आसपास होगी लेकिन अगर आप उसके ब्रेस्ट देखो तो आपका भी खड़ा हो जाए। वह उनको अपने ब्लाउज में छुपा भी नहीं पाती थी। उसको अपनी साड़ी का पल्लू उस पर ढकना पड़ता था. एक बार रात को सब सो गए, फ़िर मैंने सोचा कि शुरुआत तो करनी ही पड़ेगी।

मैं धीरे से खांसा तो उसकी नींद नही खुली. मैंने सोचा कि अब क्या करू? मैं थोड़ा तेज खांसा. फ़िर उसकी नींद खुल गई, उसको हम हमारे कमरे में ही सुलाते थे। मैं, मेरी दादी और रेनू हम तीन एक कमरे में सोते थे और पापा मम्मी अलग कमरे में सोते थे। मैंने एक बार और खांसा तो वो उठी और मेरे लिए पानी लेकर आई। मैं पानी पीते हुए उसके बूब्स को देख रहा था तो उसने मुझे देख लिया. उसने अपनी साड़ी का पल्लू उस पर ढक लिया. मैंने तुंरत उसके सामने देखा, मुझे हंसी आ गई वह भी हलके से मुस्कुरा दी। फ़िर वह सो गई मेरा हाथ तो मेरे लंड पर था सोच रहा था कि उसकी चूत के दर्शन कब होंगे।

अगले दिन मैं दुकान से पहले ही कंडोम लेकर आया। रात के ८ बजे थे, वह दादी के बाल बना रही थी। मैंने कहा मेरे भी बना दो ! उस समय मेरे बाल लंबे थे, मैं तेल की शीशी लेकर आया और उसको दे दी तो उसने कहा- इसका मैं क्या करूं?

मैंने कहा- मेरे बालों पर तेल से मालिश कर दो तो वो मेरे पीछे बैठ गई, मैं उसके आगे पीठ करके बैठ गया, दादी अन्दर वाले कमरे में चली गई तो मैंने अपने सर से उसको बूब्स पर स्पर्श किया वो पीछे हो गई। मैंने थोडी देर बाद फ़िर ऐसा किया लेकिन इस बार वह पीछे नही हुई। मैंने थोडी देर तक ऐसे ही किया तो कहने लगी कि ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- मालिश करवा भी रहा हूं और कर भी रहा हूं, तो वो हंस पड़ी। मैंने कहा- रात को मैं आऊंगा तो वह मना करने लगी, बोली- तुम्हारी दादी यही पर है।

मैंने कहा- मैं जब खांसु, तब तुम अन्दर वाले कमरे में चली जाना।

उसने कहा- नही किसी को पता चल गया तो मुझे नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

मैंने कहा- उसकी चिंता तुम मत करो। देखो तुम्हारा पति भी तुमको जवानी में छोड़ कर चला गया है। मुझे पता है इच्छा तो तुमको भी होती ही होगी, लेकिन वह कुछ बोली नही, फ़िर वो वहा से उठ कर चली गई।

रात को मैं जल्दी सो गया था। मैं करीबन २ बजे उठा तब तक घर में सब सो चुके थे। रेनू भी सो गई थी, मैं खांसा लेकिन वह नही उठी। मैं फ़िर से जोर से खांसा तो उसकी नींद खुल गई। हल्का सा उजाला था कमरे में, दादी दूसरी तरफ़ मुह करके सोई थी। मैंने उसको अन्दर का इशारा किया, लेकिन वह तो डरी हुई थी तो मैं ख़ुद अन्दर चला गया और ।उसको इशारे में कहा अन्दर आ जाना।

थोडी देर बाद वह अन्दर आई और बोली- क्या है सो जाओ कोई जग गया तो?

मैंने कहा कुछ नही होगा।

उसने मेरे दोनों गाल दबाए और कहा कि तुम बहुत शरारती हो। मेरी उम्र 21 साल की है। वह मुझसे १२ साल बड़ी है. मैंने अपने हाथ उसके गालों पर रखे तो उसने अपनी आंखे बंद कर ली। मैंने अपने हाथ धीरे धीरे नीचे किए तो वह सकपकाने लगी। अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे और उनको अहिस्ता अहिस्ता दबा रहे थे उसने मेरी तरफ़ देखा और मेरे होटों को अपने मुह में ले लिया। वह वो नमकीन स्वाद तो मुझे आज भी याद है।

मैं उसके बूब्स को थोड़ा जोर से दबाने लगा तो वह स्स्स्स्स की आवाज निकलने लगी। उसने मेरा मुंह पकड़ा और अपने गोल गोल पहाड़ जैसे बूब्स पर घुसा दिया। मैं उनको मदमस्त हो कर चूमने लगा, मुझे तो मानो प्यासे को पानी मिल गया जैसी हालत हो चुकी थी। ओम्म्म्म्म ओम्म्म करके मैं तो लगा हुआ था धीरे धीरे पर वो बोली खा जाओ इनको। दोनों हाथ से दबाता हुआ उनको चूस रहा था और वह मेरा सर पकड़ के उसमे दबा रही थी।

मेरा लंड तो इतना टाइट हो चुका था मानो जैसे सरिया. और वह हलके से उसकी चूत पर छुआ, थोडी देर तक मैं ऐसे ही उसके बूब्स चाटता रहा। अचानक उसका हाथ मेरे लंड पर आया और उसको मसलने लगा मुझे तो इतना मजा आ रहा था उसका इतना कोमल हाथ मेरे टाइट लंड को छू रहा था। उसने उस समय साड़ी पहनी थी। मैंने उसका ब्लाउज अभी तक खोला नही था।

मैंने धीरे से अपने एक हाथ से उसका घगरा ऊँचा किया तो पता चला कि उसने अन्दर चड्डी नही पहनी है। मेरा हाथ उसके हिप्स पर था मैंने उसके अभी तक कपडे उतारे नही थे। मैं उसी समय नीचे बैठा और उसके घगरे के अन्दर घुस गया। वो बोली- क्या कर ऽऽऽ ! इतना बोली उसके बाद बोली आआह्ह्छ आःह्छ ह्ह्ह्म्म्म्म्ह्ह्म्म्म उस समय मैं उस की चूत चाट रहा था। वह धीरे धीरे नीचे बैठने लगी और अपने दोनों हाथों से घगरे को ऊँचा करती हुई लेट गई। मैंने उसकी दोनों हाथों से टांगे फ़ैला दी लेकिन अपना मुह उसकी चूत से नही हटाया। वो भी मेरे मुंह को अपनी चूत में दबा रही थी, बार बार अपनी कमर ऊँची करती फ़िर नीचे रखती और ह्म्म्म्ह्म्म्म्ह्म्म की आवाजे निकालती।

वह अपने घगरे का नाड़ा खोल रही थी और मैं उसकी चूत में मस्त था। उसने कहा- बस करो, अब मेरी बारी है।

मैंने कहा- क्या मतलब?

उसने मुझे एक झटके में अपने नीचे ले लिया। अब मैं उसके नीचे था और वो मेरे ऊपर। वो मेरे होटों को चूमती हुई मेरे सीने को चूमने लगी और धीरे धीरे मेरे लंड के उपर वाली जगह को चूमने लगी फ़िर उसने मेरे दोनों हाथ पकडे और मेरे खड़े लंड को अपने मुंह में ले लिया और हलके से काटने लगी।

मैंने कहा- यह आइसक्रीम थोड़े ही है?

उसने मेरा लंड इतना चूसा कि वह झड़ने की तैयारी में आ गया। मैंने कहा- मैं झड़ जाऊंगा तो वो बोली रुको अभी मत झड़ो। उसने मुझे अपने ऊपर आने के लिए कहा। मैं उसके ऊपर आ गया और उसके मुंह के दोनों तरफ़ टांगे रख के उसके मुह में अपना लंड डाल दिया। वो दोनों हाथों से मेरे लंड को हिलाती भी रही और जोर जोर से चूसने भी लगी।

मैं अब झड़ने वाला हूं, तो वो बोली- हां ! अब झड़ जाओ और मेरा लंड एक दम से पिचकारी छोड़ने लगा। मैं देखता ही रह गया, उसने एक भी बूंद को बाहर जाने नही दिया, सारा का सारा रस पी गई।

फ़िर उसने अपना ब्लाउज खोला और मुझे कहा- अन्दर से थोड़ा तेल लेकर आओ। मैंने अपना पेंट चढाया और नारियल तेल की शीशी लेकर आया उसने अपने हाथ में थोड़ा तेल लिया और मेरे लंड पर लगाने लगी।

मैंने बोला- इससे क्या होगा?

तो कहने लगी- इतने समय बाद चुदवा रही हूं दर्द नहीं होगा क्या ! इसको लगाने से दर्द नही होगा।

उसके खुले बूब्स मुझे तेल लगाते समय तेज तेज हिल रहे थे, उनको देख कर मेरा लंड फ़िर से हरकत में आने लगा और थोडी ही देर में तन तना गया।

मैंने अपने दोनों हाथ से उसके बूब्स को दबाना चालू किया और कहा कि तुम्हारे बूब्स इतने बड़े क्यों हैं?

तो वो बोली- तेरे लिए ही किए है मेरे राजा, उसने फ़िर से मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और जी भर के चूसने के बाद बोली- लो अब अच्छा चिकना हो गया है इसको चूत का रास्ता दिखा दो और और अपने दोनों हाथ से अपनी टांगे फ़ैला दी।

मैंने कहा- वाह ! कितनी उभरी हुई चूत है तुम्हारी !

तो वो बोली- अब बस करो, मत तड़पाओ, डाल दो।

मैंने अपने टॉप पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसके अन्दर डाला। उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा हुआ था और उसको छेद बता रही थी। लंड को छेद मिल गया था, धीरे से मैंने उसको झटका दिया तो स्स्स्स करने लगी।

मैंने जोर से झटका दिया तो आआआ करके चिल्लाने लगी। मैंने कहा- क्या कर रही हो, सब जग जायेंगे। तो बोली थोड़ा धीरे करो। मैंने अपना हाथ उसके मुंह पर रखा और दो तीन झटके जोर से दे दिए। उसकी आवाज तो नहीं निकली लेकिन आंख से पानी निकल गया। अब मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा देखा अब उसको मजा आ रहा है तो अपने झटकों की गति को बढाया अब तो वह कहने लगी," और जोर से डालो फाड़ डालो इसको और जोर से।"

अब तो मैं और जोश में आ गया था। करीबन ५ -७ मिनट मैंने उसको वैसे चोदा और कहा कि अब तुम खड़ी हो जाओ। वह खड़ी हो गई मैंने उसको घुमा दिया और आगे से झुका दिया।

अब मैं पीछे से उसकी चूत में लंड डालने लगा उसके हिप्स बार बार मेरे लंड के साइड में लग रहे थे उससे इतना मजा आ रहा था, मेरे दोनों हाथ उसकी कमर में थे और उसको बार बार मेरी और खीच रहे थे। आगे से उसके स्तनों की घंटी बज रही थी वह धम धम करके इतने तेज हिल रहे थे।

मैंने उसको कहा कि अब मैं नीचे लेट जाता हूं और तुम ऊपर आ जाओ। फ़िर मैं नीचे लेट गया और वह ऊपर आ गई ऊपर बैठ कर उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने अन्दर डाला फ़िर बोली अब देख मैं तुझको कैसे चोदती हूं ! मेरे मुंह की तरफ़ अपना मुह लाकर जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी। मैं आ हह आह्ह कर रहा था लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसको कहा- मैं झड़ने वाला हूं तो वो बोली मैं भी झड़ने वाली हूं, लो मैं तो झड़ गई ! वो पूरी तरह से झड़ चुकी थी।

मेरा लंड ऊपर से ले के नीचे तक पूरा चिकना हो गया लेकिन उसने अपनी रफ्तार रोकी नहीं। मैंने कहा- बस अब आने वाला है वह तुंरत उठी और मुझे खड़ा कर दिया और हाथ से हिलाती हुई मेरे रस का इंतजार करने लगी। मैंने कहा- वह तो फ़िर से चला गया अब मुझे खड़ा कर दिया है तो अपने मुंह में चुदवा लो। मैंने एक हाथ से उसके सारे बाल पकड़े और उसके मुंह में लंड अन्दर बाहर करने लगा। थोडी ही देर में मैं झड़ गया उसने सारा रस पी लिया।

मैं पहले कपडे पहन कर अन्दर आ गया वह बाद में अन्दर आई और हम एक दूसरे के सामने हंस के देख कर सो गए।
 

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