Didi ki chudai - Hindi chudai story

Sunday, July 12, 2015


बारिश का मौसम था। एक दिन मैं घर पर अकेला था परिवार के सारे लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए थे। मैं टी वी देख रहा था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो पड़ोस की रेखा दी(दी) थी। वे मेरे पड़ोस में अपनी सासू माँ के साथ रहती थी। करीब पैंतीस साल की थी, फिगर सामान्य और रंग गेहुँआ था। हाँ, चूतड़ काफ़ी अच्छे थे। उनके पति ने उन्हें छोड़ कर दूसरी शादी कर ली थी। कारण नहीं पता। उसने अपनी माँ को भी छोड़ दिया था। वे ही अपनी सास का ध्यान रखती थी।

उन्होंने पूछा- कोई है नहीं क्या?

मैंने कहा- नहीं सभी लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए हैं।

फिर तो मेरा आना बेकार गया !

मैंने कहा- क्यों? कोई खास काम है क्या ?

उन्होंने कहा- हाँ ! काम तो खास ही है।

मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ? मैंने पूछा।

कोई बात नहीं फिर आ जाऊँगी !

ठीक है !

वे जाने लगी और मैंने दरवाजा बंद कर लिया। ज्यों ही मैं वापस टी वी वाले कमरे में पहुँचा कि फिर घण्टी बजी, मैंने फिर दरवाजा खोला तो सामने रेखा दी थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

उन्होंने कहा- प्यास लगी है पानी पिला दोगे?

मैंने कहा- हाँ ! क्यों नहीं ! आइए, बैठिए !

फिर मैं पानी लेने अंदर आया। मैंने उन्हें पानी दिया। वे बैठ कर गप-शप करने लगी, उनका इरादा जाने का नहीं लग रहा था। हल्की हल्की बारिश भी होने लगी।

बातों-बातों में उन्होंने पूछ लिया- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेन्ड है?

मैंने कहा- हाँ है !

उन्होंने कहा- अच्छा है ! आज के जमाने में गर्लफ़्रेन्ड न होना किसी शर्मिंदगी से कम नहीं होता।

फिर उन्होंने पूछा- घर पर सबको उसके बारे में पता है?

मैंने कहा- नहीं !

तो मुझे क्यों बताया ? उन्होंने फिर पूछा।

मैंने कहा- मुझे यकीन है आप किसी से नहीं कहेंगी।

इतना भरोसा है मुझपर ?

हाँ। क्यों? जब आप मुझसे यह पूछ सकती है तो जाहिर है किसी से कहेंगी नहीं।

फिर उन्होंने कुछ देर बातें की और कहा- तुम्हारा बाथरुम किधर है?

मैंने कहा- क्यों?

उन्होंने कहा- बाथरुम में लोग क्यों जाते हैं?

मैंने कहा- मेरे पीछे आइए।

मैंने उन्हें बाथरूम का रास्ता दिखाया। बारिश तेज होने लगी। वे बाथरुम से निकलकर आंगन में जोरों की बारिश देखने लगी।

मैंने कहा- अब आप घर कैसे जाएंगी।

उन्होंने कहा- कौन सा जंगल में हूँ ! जब बंद होगी तो चली जाउंगी।

अचानक वे बारिश में चली गई और भीगने लगी।

मैंने कहा- अरे यह क्या ? आप बीमार हो जाएँगी।

उन्होंने मुझसे भी पानी में आने को कहा पर मैंने मना कर दिया। फिर भी उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर पानी में खींच लिया। वह पूरी तरह भीग चुकी थी, उनके कपड़े उनके बदन से चिपक गए थे। मैं उनकी सफेद ब्रा और काली पैंटी देख सकता था। मेरा भी खड़ा हो चुका था। मैं समझ रहा था कि उन्हें कुछ चाहिए इसलिए मैंने भी शर्म छोड़ दी। मैंने उन्हें पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और उनको अपने लंड का अहसास कराया। उन्होंने हल्की सी आह भरी तो मैं समझ गया कि वे तैयार हैं। फिर क्या था मैं उनके साथ चुम्मा-चाटी करने लगा, उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। मैंने उनकी कमीज-सलवार उतार दी। वे अब सिर्फ 2 पीस में थी। मैं पैंटी पर से ही उनकी बुर रगड़ने लगा, वह पानी छोड़ रही थी। फिर वे मेरा लोअर और चढ्‌ढी सरका कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मैं मजे से चुसवा रहा था कि उन्होंने मुझसे कहा- अब तुम्हारी बारी।

मैं आंगन में बारिश में ही फर्श पर नंगा लेट गया और वे मेरे मुँह पर अपना बुर लेकर बैठ गई। फिर मैंने उनकी जाँघे फैलाई और बुर चाटने लगा। वह पागल सी हो गई और उनकी आँखें बंद हो गई। तभी दीदी ने जोर से मेरे बाल पकड़ लिए और मुँह पर दबाव बढ़ा दिया। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं। मैंने अपनी एक उंगली उनकी गाँड में डाल दी जिससे उनकी उत्तेजना और बढ़ गई। फिर वह तेजी से झड़ी और मेरे बगल में निढाल हो गई।

मैंने कहा- रेखा दी, आपका तो हो गया और मेरा?

उन्होंने कहा- अभी तो सिर्फ एक बार हुआ है ! अभी तो तीन साल की प्यास बुझानी है। थोड़ा समय दो, तब तक मेरी गाण्ड मार लो !

यह कह कर वह कुतिया बन गई। मैंने उनकी गाण्ड की दरार चौड़ी की, उसके छेद पर अपना लंड टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड एक बार में अंदर चला गया।

वे चिल्लाई- अरे हरामी आराम से !

फिर मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरु किया। थोड़ी दिक्कत के बाद मैंने लम्बे लम्बे शॉट लगाने शुरु कर दिए। वे भी मजे से चुदाने लगी।

मैं चरम पर पहुँच गया तो अचानक उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा- चलो अब चूत में !

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ ! कुछ हो गया तो?

उन्होंने कहा- कुछ नहीं होगा ! मैं मां नहीं बन सकती और इसीलिए तेरे जीजा ने मुझे छोड़ दिया ! पर तुम टेंशन मत लो और चोदना चालू रखो।

मैंने अपना लंड उनकी गाण्ड से निकाला और उनकी जांघें फैलाकर पीछे से ही उनकी बुर में डाल दिया। फिर लम्बे-2 शॉट लगाने लगा। वे आराम से चुदा रही थी। मैं तेजी से उनकी बुर में झड़ा और उनके ऊपर ही लेट गया।

मैंने कहा- रेखा दी, एक बात पूछूँ?

उन्होंने कहा- पूछो !

आपको पहली बार किसने चोदा था?

भाई ने ! साला एक नंबर का पेलू था। हम दोनों उम्र में लगभग बराबर थे। वह मेरा चचेरा भाई था। हमारा संयुक्त परिवार था। हमारा कमरा एक था, केवल बिस्तर अलग-अलग थे। एक रात में वह मेरे बिस्तर में घुस आया और मेरी चड्डी सरकाकर मेरी गाण्ड में अपनी नुनी लगाकर पेलने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। उसका लंड मेरे दोनों चूतड़ की दरार के बीच में गति कर रहा था। उसने थोड़ा थूक लगाकर उसे और चिकना किया और तेजी से धक्के लगाने लगा। कुछ देर करने के बाद वह ढीला पड़ गया। अब हम अकसर करने लगे। उसे जब भी मौका मिलता, वह मेरी गाण्ड ऐसे ही ऊपर ऊपर से मारता। धीरे धीरे मेरी वासना बढ़ने लगी और अब मैं उसे अपनी बुर में धक्के लगाने को मजबूर करती।

एक दिन घर पर कोई नहीं था तो उसने तेल लगाकर मेरी गाण्ड में अपना लंड डालने की कोशिश की जिससे मुझे काफ़ी दर्द हुआ और मैंने कसम खाई की अब उसे कुछ नहीं करने दूँगी पर हफ़्ते भर में ही मेरी अकड़ टूट गई और एक दिन जब फिर घर पर कोई नहीं था तो मैंने उससे पेलने को कहा। इस बार उसने सावधानी से काम लिया और अपना मोटा लंड मेरी गाण्ड में पेलने की बजाय उंगली डाली। उसने उंगली डालकर और तेल लगाकर पहले मेरी गाण्ड को अपने लंड के हिसाब से चौड़ा किया फिर धीरे धीरे उसमें अपना लंड उतारा। इस बार मुझे काफ़ी मजा आया। वो मेरी गाण्ड में अपना लंड डालकर पेल रहा था।

एक बार हम स्कूल की तरफ से पिकनिक मनाने एक झरने पर गए थे, वहाँ मुझे शू-शू लगी थी, मैंने भाई से कहा।

उसने कहा- चल मेरे साथ !

और फिर वह मुझे झाड़ियों में ले गया, उसने वहाँ भी मेरी गाण्ड मारी। मैंने किसी को उसकी इस हरकत के बारे में नहीं बताया।

अब मैं अकसर कर उससे अपनी गाण्ड मरवाने लगी। यह सब दो सालों से चल रहा था। फ़िर हमारे कमरे अलग कर दिए गये। अब हम कभी कभी ही कर पाते। एक बार तो तीन महीने तक हमें मौका ही नहीं मिला।

एक दिन मौका पाकर सीढ़ियों पर उसने मुझे पकड़ लिया और अपना लंड चूसने को कहा। मैंने इंकार कर दिया। उसने जबरदस्ती करनी चाही तो मैंने कहा- पहले तुम मेरी बुर चाटो।

तो उसने कहा- ठीक है।

उसने मुझे चड्डी उतारने को कहा। मैंने अपनी चड्डी उतार दी, वह मेरे सामने बैठ गया और मेरी बुर के चारों ओर से चाटने लगा पर बुर पर जीभ नहीं फेरी। फिर उठा और कहा- हो गया ! अब तुम्हारी बारी।

मैंने कहा- पर तुमने तो मेरी बुर चाटी ही नहीं?

उसने कहा- चाटी तो !

मैंने कहा- इधर उधर नहीं बल्कि बुर चाटनी थी।

उसने कहा- अच्छा, चल तू भी क्या याद रखेगी !

यह कहकर उसने मेरी बुर फैला दी और फिर उस पर अपनी जीभ फेरने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मेरी बुर गीली हो गई। काफ़ी रस निकल रहा था।

उसने कहा- रेखा, तू तो जवान हो रही है।

मैं सुनकर शरमा गई। मैं उसके सर को पकड़ कर जोर जोर से अपनी बुर में धकियाने लगी। उसने एक उंगली मेरी बुर में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।

कुछ ही देर में मैं तेजी से झड़ी। फिर उसने कहा- अब तेरी बारी !

मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। शुरु में तो अजीब लगा पर जल्द ही मुझे आनंद आने लगा मैंने पूरा लुत्फ़ उठाया। एक बार कई दिनों बाद मुझे उसका लंड चूसने का मौका मिला और जब मैं चूस रही थी कि अचानक उसने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। मैंने उसे जमीन पर उगल दिया तो देखा- सफेद सफेद सा रस था।

मैंने कहा- यह क्या है?

तो उसने कहा- इधर कुछ दिनों से ऐसा हो रहा है, रात में भी अकसर हो जाता है।

मैंने कहा- तू भी जवान हो रहा है।

फिर एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे बुर की चुदाई के आनंद के बारे में बताया तो मैंने यह बात अपने चचेरे भाई को बताई तो उसने कहा- मौका मिलने ! दो करुंगा।

एक दिन हमें मौका मिल ही गया। मैं नहा रही थी कि किसी ने बाथरुम का दरवाजा खटखटाया। मैंने पूछा- कौन?

उसने कहा- मैं हूँ ! दरवाजा खोलो !

मैंने कहा- नहा रही हूँ !

उसने कहा- जानता हूँ ! घर पर कोई नहीं है, अच्छा मौका है, खोलो !

मैंने खोल दिया और पूछा तो पता चला कि पड़ोस में कोई बीमार है सब वहीं गए हैं। मैं पूरी तरह नंगी थी। उसने मजाक में मेरी चूची पकड़ ली और दबा दिया। मुझे मजा आया तो मैंने फिर से करने के लिए कह दिया तो वह दबाने लगा।

फिर मैंने उसे चुसवाया भी। मेरी बुर गीली हो गई। उसका लंड खड़ा था। मैंने उसे चूसा। फिर उसने मुझे बाथरुम के फर्श पर ही लिटा दिया और मेरी बुर चाटने लगा। कुछ ही देर में मैं उसे चोदने के लिए कहने लगी।

फिर क्या था उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी बुर के छेद पर टिकाया और अंदर डालने लगा। बुर कसी थी और मुझे दर्द भी हो रहा था। उसने निकालकर एक बार मुझसे अपना लंड चटवाया और फिर पोजिशन में आ गया। इस बार उसने जोर से धक्का दिया और मेरी झिल्ली फट गई और उसका लंड अंदर चला गया, मुझे तेज दर्द हुआ और मैं रो पड़ी।

मेरी बुर से खून आ रहा था, मैं गिड़ गिड़ाने लगी कि वह मुझे छोड़ दे।

उसने कहा- बस दो मिनट।

वह मेरे ऊपर चुपचाप लेटा था। उसका लंड मेरी बुर में था। दो तीन मिनट बाद मैं थोड़ा सामान्य हुई तो उसने अंदर-बाहर करना शुरु किया। कुछ ही देर में मैं दर्द भूल गई और गाण्ड उठा उठा कर उससे चुदवाने लगी। उसने मुझे जी भर के चोदा। इस दौरान मैं कई बार झड़ी। फिर आधे घंटे तक पेलने के बाद उसने मेरी बुर अपने गर्म वीर्य से भर दी।

अब वह मुझे मेरे तीनों छेदों में चोदता। उसने जमकर मेरी जवानी का मजा लिया। बाद में हमारे परिवार में झगड़ा हो गया और हम अलग हो गए। हमारा मिलना जुलना बंद हो गया। फिर वह बाहर पढ़ाई करने चला गया और वहीं शादी करके बस गया।

मेरा एक बार खड़ा हो चुका था। बारिश भी बंद हो चुकी थी। मैंने उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा, उनके ऊपर चढ गया। फिर क्या था उनकी बुर में पीछे से अपना लंड डालकर मैं चोदने लगा, उनकी कमर पकड़ कर लम्बे लम्बे शॉट लगाने लगा। वे दो बार झड़ी। पर मैं नहीं रुका, वे ठंडी हो रही थी तो मैंने अपना लंड बुर से निकालकर उनकी गाण्ड में डाल दिया और पेलने लगा। वे चुपचाप चुदवा रही थी। मैं चरम पर पहुँच गया और स्पीड बढ़ा दी।

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !

तो उन्होंने कहा- मैं तेरा वीर्य पीना चाहती हूँ।

मैंने कहा- ठीक है !

फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे साफ किया और उनके मुँह में डाल दिया। वे मजे चूसने लगी। फिर मैंने उनका सर पकड़ा और उनके मुँह में ही धक्के लगाने लगा। मेरे लण्ड के उनके गले में फ़ंसने से उनकी आँखों में आँसू आ गए पर उन्होंने मुझे रोका नहीं। मैं तेजी से झड़ा और उनका गला तर कर दिया। हम काफ़ी थक चुके थे। मैंने दोनों के कपड़े उठाए और वाशिंग मशीन में डाल दिए। फिर आकर बिस्तर पर नंगा ही लेट गया। वे भी आई और मेरे बगल में नंगी लेट गई।

कुछ देर उन्होंने एक बार और करने की इच्छा जाहिर की, पर मैंने कहा- आज नहीं ! फ़िर कभी !

सच में वे एक नंबर की चुदक्कड़ थी। जाते जाते उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें किरण आंटी ने मेरे बारे में बताया था। और उन्हीं के कहने पर उन्होंने यह सब स्वांग रचा। वे तीन दिनों तक रोज आई और रोज दो बार चुदाई करवाई।

वे अकसर मुझे अपने यहाँ बुलाती भी हैं। उनकी सास को हमारे संबंधों के बारे में पता है पर वे कुछ नहीं बोलती। शायद यह उनकी लाचारी है या फिर बहू की सेवा।

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तुम मेरी बीवी ले जाओ / मैं तेरी बीवी ले जाऊँ

Saturday, July 4, 2015

आकाश और नजाकत अली दोनों ब्लू फ़िल्म देखते देखते एक दूसरे की बीवियों को देखने लगे आकाश नजाकत अली की बीवी नगीना की चूंचियां देखने लगा और नजाकत अली आकाश की बीवी अर्चना की चूंचियां देखने लगा दोनों बीवियाँ एक दूसरे के शौहर को बड़े प्यार से देखने लगी और मुस्कराने लगी दोनों की बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां ब्रा के बाहर निकलने को व्याकुल थीं उधर स्क्रीन पर बीवियों की अदला बदली हो चुकी थी वे दोनों एक दूसरे की बीवियाँ को चोदने में जुटे थे इन चारों की नज़र जब फ़िर ब्लू फ़िल्म पर पड़ी तो वे अपने आपको रोक नही सके आकाश ने नगीना को अपनी तरफ़ खींच लिया और नजाकत ने अर्चना को . अब वे दोनों एक दूसरे की बीवी के कपड़े उतारने लगे आखिर में दोनों के बदन पर ब्रा व पैंटी बची इसी तरह दोनों बीवियाँ भी एक दूसरे के हसबैंड के कपड़े उतारने लगीं दोनों हसबैंड केवल चड्ढी में आ गए फ़िर आकाश ने नगीना की ब्रा खोल कर फेंक दी उसकी दोनों चूंचियां सहलाने लगा नगीना की चूंचियां बड़ी मस्त थी आकाश मजे लेकर चूंचियों से खेलने लगा उधर नजाकत अली ने अर्चना की ब्रा खोल दी अर्चना की चूंचियां उछल कर उसके हाथ में आ गयीं नजाकत उन पर टूट पड़ा दोनों हाथों से चूंचियों को दबाने का मजा लेने लगा इतने में नजाकत ने उसकी पैंटी भी उतार दी अर्चना की बिना झांट की चूत सबके सामने आ गयी नजाकत चूत को सहलाने लगा और फ़िर झुक कर चाटने लगा अर्चना बड़े मजे से चूत चटवाने लगी दूसरी तरफ़ आकाश ने नगीना को बिल्कुल नंगी कर दिया उसका हाथ नगीना की चूत पर चला गया नगीना भी अपनी झांट बना कर आयी थी चिकनी चूत आकाश को बहुत खूबसूरत लग रही थी वह चूत सहला कर उसे चाटने में जुट गया दोनों बीवियाँ बड़े मजे से एक दूसरे के मियां को चूत चटवा रही थी

थोडी देर में नगीना उठी और आकाश की नेकर नीचे घसीट कर उसे एकदम नंगा कर दिया और आकाश की तरफ़ मुस्करा कर देखा फ़िर लंड को मूठी में लेकर सहलाने लगी लौडा एकदम टन्ना गया

बोली :- वाह वाह क्या लौडा है यार कितना कड़क है आज मेरी चूत को पता चलेगा की चोदने वाला लौडा कैसा होता है

उसका सुपाडा खोलकर उसके चारों तरफ़ जबान फिराने लगी आकाश को अपार आनंद आने लगा. उधर अर्चना ने नजाकत की नेकर उतार कर फेंक दी उसका लौडा टन्ना कर अर्चना के हाथ में आ गया अर्चना ने जैसे ही उसे हिलाया और दो चार बार ऊपर नीचे किया लंड साला हिनहिनाने लगा

बोली :- बाप रे बाप इतना बड़ा कटा लंड बहन चोद ऐसा खड़ा हो गया की जैसे अभी अभी चूत की सवारी करेगा उसने लंड को एक थप्पड़ मार कर कहा भोसड़ी के पहले मैं तुम्हे चूसूंगी तब तू मेरी चूत में जाएगा

इस तरह नगीना और अर्चना दोनों एक दूसरे के हसबैंड का लंड चूसने लगी

अब नगीना ने आकाश का लौडा पकड़ कर अपनी चूत में घुसेदा और बोली भोसड़ी के आकाश अब तुम मेरी बुर खूब कस कस कर चोदो साली का भरता बनादो मेरी बुर मुझे बहुत परेशान करती है साली हमेशा लौडा माँगा करती है इसको पता चले की लौडा कैसा होता है उधर अर्चना अपनी दोनों टाँगें फैलाकर नजाकत अली से बोली मादर चोद नजाकत अली तुम अपना लौडा पूरा का पूरा मेरी बुर में पेल दो मेरी इस बेशरम चूत को चोद चोद कर पानी पिला दो भोसड़ी की हर रोज़ लंड लंड चिल्लाती रहती है आज इसको पता चले की लौडा कैसा होता है इस तरह अर्चना और नगीना दोनों एक दूसरे के हसबैंड से चुदवाने लगी तब तक आकाश बोला यार नजाकत अली तेरी बीवी तो चुदवाने में बड़ी मस्त है बड़ा मजा दे रही है मेरे लौडे को लगता है पराये मर्दों से चुदवाने में बड़ी माहिर है इससे पहले की नजाकत जबाब देता नगीना ख़ुद बोल पड़ी और नही तो क्या मैं अब तक कई मर्दों से चुदवा चुकी हूँ और मैं बताऊँ भोसड़ी के आकाश तुमभी नए नही हो तुम्हारा लौडा बतला रहा है की तुम भी परायी बीवियों को चोद चुके हो उधर अर्चना बोली यार नगीना तेरे शौहर का लौडा भी कई बीवियों को चोद चुका है क्योकि इसका लंड परायी बीवियों की चूत में जाकर दूना हो जाता है नजाकत अली बोला यार आकाश तुम्हारी बीवी की चूत बड़ी मस्त है मेरा लौडा खूब मस्ती कर रहा है वैसे तो मैंने कई बीवियाँ चोदी है लेकिन जो मजा तुम्हारी बीवी में है कहीं नही इतने में दोनों बीवियों ने पीछे चुदवाया और फ़िर चूंची चुदवाई आखिर में दोनों लंड लगभग एक साथ ही झड़ गए दोनों ने एक दूसरे के हसबैंड के झड़ते हुए लंड को खूब चाटा

दूसरी ट्रिप में नगीना आकाश के ऊपर नंगी लेटी हुई उसके लंड से खेलने लगी और अर्चना नजाकत अली के ऊपर नंगी लेटकर उसका लंड सहलाने लगी अचानक अर्चना ने पूंछा नगीना वह बताओ तुमको पराये मर्दों से चुदवाने का चस्का कब से लगा ?

नगीना आकाश के लंड को चूम कर बोली :- मैं उस समय १८ साल की थी मेरी चूंची बड़ी हो गयी थी चूत हर तरह से तैयार थी मैंने सबसे पहले अपने जीजा का लंड पकड़ा था फ़िर भाभी के भाई का पकड़ा और फ़िर एक दिन अपने एक बॉय फ्रेंड का मैंने पहली बार अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाया था यह सब हो जाने के बाद एक दिन मैं अपनी खाला के घर गयी थी रात में बाथ रूम जा कर वापस आ रही थी तो नीचे की लाइट दिखी मैंने धीरे से नीचे झाँका अन्दर का सीन देख कर दंग रह गयी मेरी खाला एकदम नंगी होकर मेरे अब्बा का लौडा हिला रही थी मैंने पहली बार अब्बा का लौडा देखा साला क्या जबरदस्त लौडा है उनका, फ़िर थोड़ा और झुकी तो देखा की मेरी अम्मी मेरे खालू का लंड पकड़ कर सहला रही है, उनका भी लौडा बहन चोद कम नही था अब मुझे यह जानने में देर नही लगी की वे दोनों एक दूसरे के शौहर से चुदवाने जा रही है हुआ भी यही मेरा अब्बा मेरी खाला को चोदने लगा और खालू मेरी अम्मी को चोदने लगा इस अदला बदली के खेल को मैंने पूरा देखा दूसरे दिन भी ऐसाही हुआ उस रात को खाला मेरे अब्बा का लौडा हिलाती हुई बोली अरी दीदी अब नगीना को भी लौडा पकड़ना सिखा देना चाहिए अब वह जवान हो गयी है उसकी बड़ी बड़ी चूंची हो गयी है और झांटे भी अच्छी खासी निकल आयी है मैं तो मन ही मन खुश होने लगी मेरी अम्मी बोली तो पहले किसका लंड उसके हाथ में रखोगी ? खाला ने कहा जीजा का और किसका मैं तो चकित हो गयी सोचने लगी मैं अब्बा का लंड कैसे सबके सामने पकड़ लूंगी तब तक खाला फ़िर बोली देखो दीदी एक बात तो सच है की नगीना का बाप जीजा नही है वो दिल्ली वाला आदमी है जिससे तुमने ट्रेन में चुदवाया था इसलिए नगीना इनका लंड पकडेगी तो क्या हुआ वैसे भी हम लोगों में बाप का पता लगाना बड़ा मुस्किल है हमारा तो असली बाप साला एक विदेशी था अम्मी मान गयी तब मेरी खाला ऊपर आयीं और मुझे जगाकर नीचे ले गयीं बोली नगीना अब तुम जवान हो जवानी का मज़ा देने के लिए तुमको हमने बुलाया है ऐसा कह कर वो मेरे सामने नंगी हो गयी और मुझसे नंगी होने के लिए कहा मैं पहले तो शर्माने का नाटक किया फ़िर हो गयी वो बोली देखो नगीना तेरा अब्बा असली अब्बा नही है मैंने कहा क्या कह रही हो खाला उसने खुलासा किया देखो हम लोगों में सब चलता है मर्द जिसको चाहते है जब चाहते है चोद लेते है औरत जिससे चाहती है जब चाहती है चुदवा लेती है ऐसे ही तुम्हारी अम्मी ने कई मर्दों से चुदवाया था अब कौन असली बाप है किसी को क्या पता और फ़िर तुम्हारे असली बाप का क्या कहे मुझे अपने असली बाप का पता नही है ऐसा कह कर मेरा हाथ मेरे अब्बा के लंड पर रख दिया और कहा इसे खूब प्यार करो जैसे तेरी अम्मी मेरे शौहर के लंड का कर रही है मैं वैसे ही करने लगी लौडा एकदम से टन्ना गया इसके बाद फ़िर मुझे खालू का लंड पकड़ा दिया उस दिन मैंने दोनों लंड का स्वाद लिया और धीरे धीरे चुदवा भी लिया बस फ़िर रास्ता खुल गया इसके बाद तो मैंने घर के और बाहर के कई लंडों से चुदवाया शादी के पहले और बाद में भी इसलिए अब मुझे अदला बदली में ही मज़ा आता है अच्छा अर्चना अब तुम बताओ तुमने कब पकड़ा पहला लौडा ?

अर्चना बोली :- मैं भी मौसी के घर गयी थी मेरी मौसी ने शादी नही किया था मुझसे केवल ४ साल बड़ी थी गर्मी के दिन थे दोपहर का समय था मौसी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और बड़ी बेशर्मी से पूंछा अर्चना तुमने कभी लंड देखा है

मैंने कहा :- हाय, मौसी वह क्या कह रही है आप ?

मौसी :- इसमे क्या कहना अब तुम बड़ी हो गयी हो चूंची आ गयी है झांटें आ गयी है अब तो लंड की जरुरत है न ? मैंने कहा :- मौसी आप तो बड़ी बेशरम है
मौसी :- बेशर्मी से ही लंड चूत के खेल में मज़ा आता है क्या कोई लौडा पकड़ा है कभी तुमने ?

मैंने कहा :- नही

मौसी :- तब वह मेरे सामने एकदम नंगी हो गई और मुझे भी नंगी कर दिया मुझे अन्दर ले गई वहां पर एक आदमी केवल नेकर पहने खड़ा था मौसी ने कहा ये है बल्लू अंकल इनकी नेकर उतार कर इन्हे नंगा कर दो मैंने वैसा ही किया उनका लौडा उछल कर मेरे मुह के सामने आ गया

मैंने कहा :- अरे मौसी, लंड इतना बड़ा होता है क्या ? ऐसा कह कर मैंने लौडा पकड़ लिया और हिलाया फ़िर पीछे मुडी तो देखा एक और लौडा

मौसी :-अर्चना दूसरे हाथ से इनका लंड पकडो ये है गल्लू अंकल तुम्हारी सुरुआत दोदो लंड से होनी चाहिए ऐसा जिस लड़की के साथ होता है उसको ज़िन्दगी में लौडे आसानी से मिलते रहते है मैंने पहले ही सोच रखा था इस लिए तुमको यहाँ बुलवाया सच नगीना उस दिन मुझे जो लंड पकड़ने का मज़ा आया और फ़िर धीरे से चुदवाने का भी मज़ा आया उसे मैं कभी भी नही भूल सकती और तब से मुझे नए नए लंड पकड़ने का शौक हो गया

इतने में आकाश बोला यार नजाकत अली तेरी बीवी को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आने लगा है मैं इसको अपने घर ले जाकर खूब दिन रात चोदूंगा नजाकत अली बोला मुझे कोई ऐतराज़ नही है तू ले जा मैं तुम्हारी बीवी को ले जाता हूँ मुझे तो तुम्हारी बीवी की चूत और चूंची से इतना प्यार हो गया है की मेरा लौडा इनको छोड़ना को तैयार नही है थोडी देर में आकाश ने कहा यार एक प्लान है तुम मेरी बीवी को कलकत्ता ले जाओ उसने कलकत्ता नही देखा वहां की औरते बड़ी खूबसूरत होती है किसी कपल को पटा कर अदला बदली करके चुदाई करना फ़िर वापस आकर बताना और मैं तुम्हारी बीवी को लेकर जालंधर चला जाता हूँ वहां के लोग बड़े मस्त होते है अदला बदली के खेल में बड़ी रूचि लेते है मैं किसी कपल को पटा लूँगा और चोदा चोदी करके आऊंगा फ़िर तुमको सुनाऊंगा

नजाकत अली अर्चना को लेकर कलकत्ता जाने लगा राजधानी ट्रेन से वे दोनों ये सी फर्स्ट क्लास में सफर कर रहे थे थोडी देर में एक कपल आया वे दोनों भी जवान थे उनको देखते ही नजाकत अली के मुह में पानी आ गया क्योंकि उसकी बीवी बड़ी सुंदर थी इधर अर्चना ने उस आदमी को देखा और सेक्सी अदा से मुस्करा कर बोली क्या आप भी कलकत्ता जा रहे है वे बोले हां फ़िर सेटल होने के बाद हम दोनों कपल बात करने लगे उसका नाम था चंदन मुखर्जी और उसकी बीवी मिसेज़ चंद्रानी मुखर्जी करीब २ घंटे बीत जाने के बाद चंदन ने शराब की बोतल निकाली और नजाकत अली को ऑफर किया नजाकत अली बोला की एक पैग मेरी बीवी के लिए भी चंदन यह सुनकर खुश हुआ वह अपनी बीवी से बोला लो तुम्हारी भी कंपनी बन गयी अर्चना ने आगे बढ़कर शराब का गिलास उठाया और सबको चीर्स कह कर पीने लगी अब आगे की बात अर्चना के मुह से सुनिए :-

मैं शराब पीने में मस्त हो गयी मेरी नज़र चंदन पर थी और उसकी नज़र मेरी चूंचियों पर थी इसलिए मैं अपनी चूंचियां धीरे धीरे खोलने लगी उधर मैंने देखा की चंद्रानी ने भी अपने बिलायूज का एक बटन खोल रखा था जिस पर नजाकत अली की नज़र गडी थी होते करते एक पैग ख़तम हो गया मुझे दूसरा पैग मिला जिसे पीकर मैं कुछ करने के लिए तैयार हो गयी मैंने दरवाजा बंद किया और साडी बिलौज को खोल कर ब्रा और पेटी कोट पर आ गयी मेरी चूंचियां मजे से बाहर झांक रही थी मुझे देख कर चंद्रानी ने भी ऐसा ही किया उसकी चूंची देखकर मैं समझ गयी की अब काम बन जाएगा क्योकि मेरी चूंचियां उसकी चूंचियों से बड़ी थी जिसे देखकर चंदन की लार टपक रही थी हां चंद्रानी मुझसे गोरी ज्यादा थी उसकी गोरी गोरी चूंची पर नजाकत अली फ़िदा हो गया इतने में नजाकत ने अपना हाथ मेरी चूंचियों पर रख दिया और दबाने लगा थोडी देर में मैंने ब्रा भी उतार फेंकी अब मेरी दोनों चूंचियां एकदम नंगी थी नजाकत तो चूंचियों को मसलने में जुटा था उधर चंद्रानी ने भी ब्रा उतार दी उसकी चूंचियां साफ साफ दिख रही थी वे दोनों अपनी अपनी बीवी की चूंचियों से खेल रहे थे लेकिन एक दूसरे के सामने इतने में चंदन ने शराब का गिलास खाली किया और बोला यार नजाकत अली मैं अपनी बीवी तुमको देने के लिए तैयार हूँ क्या तुम अपनी बीवी मुझे दोगे ?उसने कहा ,अच्छा बीवियों की अदला बदली हां क्यो नही और उसने चंद्रानी का हाथ पकड़ कर अपनी बर्थ पर घसीट लिया उधर चंदन मुझे अपनी बर्थ पर ले गया और अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों चूंचियां नोचने लगा चूसने लगा चूमने लगा ऐसा लगता था जैसे उसके मन की मुराद पूरी हो गयी मैंने मौका देखा और झट से पेटी कोट भी खोल डाला और उसको बिना झांट की चिकनी नंगी चूत दिखा दिया वह तो पागल हो गया दीवाना हो गया उसने जबान निकाला और चूत चाटने लगा मैंने मुड कर देखा तो नजाकत अली चंद्रानी की चूत चाटने में लगा था उसके दोनों हाथ चूंचियों को मसल रहे थे तीन पैग शराब पीने के बाद शर्म कैसी मैंने फ़ौरन चंदन को नंगा किया उसका लंड हाथ में लिया और हिला हिला कर खड़ा कर दिया साला गोरा तगड़ा लंड बड़ा प्यारा लग रहा था उधर से चंद्रानी बोली अर्चना कैसा है मेरे हसबैंड का लौडा ? मैंने कहा यार क्या मस्त है भोसड़ी का लंड तबतक उसने भी नजाकत अली को नंगा कर दिया उसका लंड जैसे ही पकड़ा वह फनफना उठा चंद्रानी बोली यार ये तो कटा लौडा है लेकिन बड़ा खूबसूरत है ऐसा कह कर लंड मुह में लिया और चूसने लगी इधर मैं भी चंदन का लौडा चूसने में जुट गई कभी लौडा मुह में कभी चूंचियों के बीच बार बार यही करती रही आखिकार चंदन मेरी चूंचियों पर झड़ गया चंदन ने मुझे बड़े प्यार से लिपटा लिया उधर नजाकत अली ने भी कभी मुह में डाला कभी चूंची के बीच आखिर में चंद्रानी ने लंड मुह से निकला ही नही और वह मुह में ही झड़ गया चंद्रानी सारा सीमेन चाट गयी नजाकत अली ने उसे प्यार से चिपका लिया इसके बाद हम चारों ने डिनर किया

उसके बाद रात में हम चारों बिल्कुल नंगे हो गए मैं चंदन के साथ लेट गयी और चंद्रानी नजाकत अली के साथ मैंने चंदन का लौडा पकड़ा और अपनी चूत में घुसेदा उसने चोदने शुरू कर दिया उधर नजाकत अली ने अपना लौडा चंद्रानी की चूत में पेल दिया हम एक दूसरे को देख देख कर एक दूसरे के हसबैंड से चुदवा रही थी आधे घंटे में एक शाट मारा फ़िर सब लोग नंगे ही सो गए सवेरा होने पर फ़िर एक एक बार चुदाई हुई मैं तो सोच कर आई थी की ट्रेन में नजाकत से खूब चुदायुंगी लेकिन एक नया लौडा मिलने परमेरी लार टपक गयी अब मैं दिन में उससे खूब चुदवा लूंगी चंदन ने फ़िर कलकत्ता में हमको तीन कपल से मिलवाया और हमने तीनो से चुब चुदवाया नजाकत अली ने तीनो चूतों को चोद कर खूब मज़ा लिया

दूसरी तरफ़ आकाश और नगीना जालंधर में जाकर एक होटल में ठहर गए सवेरे जब नास्ता कर रहे थे तो एक जोड़ा सामने बैठा था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे फ़िर कुछ बातचीत हुई उसने अपना परिचय दिया बोला मैं टीटू हूँ और यह मेरी बीवी मिसेज़ मंजीत कौर टीटू ने कहा हम लोग शाम को जरुर मिलेंगे आपका कौन सा कमरा है आकाश ने बताया नंबर ११२ तो फ़िर अच्छा है हम लोग १११ में है अगल बगल उसने कहा शाम को चारों इकठ्ठा हुए टीटू के कमरे में टीटू ने ड्रिंक्स का इंतजाम रखा था चारों शरब पीने लगे

आकाश बोला :- यार टीटू तुम बहुत अच्छे आदमी हो सबका ख्याल रखते हो टीटू ने देख लिया की मेरी नज़र उसकी बीवी की चूंचियों पर है वह बोला यार मेरी बीवी तुमको अच्छी लगती है मैंने कहा यार अच्छी तो है ही, इसकी चूंचियां तुमको अच्छी लगती है , हां बहुत अच्छी लगती है टीटू ने अपनी बीवी की ब्रा उतार दी उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां देख कर मेरा लौडा खड़ा हो गया टीटू ने मेरा हाथ पकड़ कर उसकी चूंचियों पर रख दिया और अपनी बीवी का हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया बस पल भर में ही हम दोनों नंगे हो गए उसकी बीवी मेरा लंड पकड़ कर बोली हाय रे क्या घोडे के जैसा लौडा है उधर मेरी बीवी यानी नगीना से न रहा गया वह स्वयं नंगी हो गयी और टीटू को नंगा कर दिया उसका लंड सहलाया साला मजे से खड़ा हो गया नगीना बोली टीटू भोसड़ी के इतना मजे दार लंड लेकर अब तक बैठे क्यों थे फ़िर हमने एक दूसरे की बीवी को खूब चोदा

टीटू बोला :- देखो मेरी बीवी की चूंचियां बड़ी बड़ी होने के कारन मुझे कपल बड़ी आसानी से मिल जाते है मैं तो इस होटल के हर एक कपल के पास जाकर खुले खुले शब्दों में कहता हूँ की तुम मेरी बीवी चोद लो और तुंरत अपनी बीवी की चूंचियां खोल कर दिखा देता हूँ बस मर्दों की लार टपक जाती है और मुझे उसकी बीवी चोदने को मिल जाती है तुम्हारी बीवी की चूंचियां तो बड़ी बड़ी है और मस्त है तुमको तो तमाम जोड़े मिल जायेगे बस आगे बढो मेरी तरह इस प्रकार जालंधर में मैंने चार जोडों के साथ बीवियाँ बदल बदल कर चुदाई की वापस आकर आकाश और नजाकत अली ने अपनी अपनी कहानी सुना कर मज़ा लिया एक महीने के बाद इन्होने फ़िर बीवियाँ बदली और इस बार आकाश नगीना चेन्नई गए और नजाकत अली अर्चना अहमदाबाद वहां से आने के बाद आपको सुनायेगे अपने अपने अनुभव

 

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