I m ashu from raipur chattisgarh its my frist
stories plz rate my stories speclily lady who like
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Mei raipur me rahata hu bissnuss me jab mai
bahut parashan hota upset ho ke apani sis ke
yaha chala jata vo 17 saal ki hai mai apani har
problem usse share karta tha ek din jab sham
ke mai uske ghar gaya vo akali thi mai ne pucha
unty khana hai vo boli market gai hai teen
ghante bad aaigi mai tution jane ke liye baithi
hu mai bola aaj mat jao hum baith ke bate
karte hai vo boli thik hai aaj tution bunk marti
hu par aap ko treet deni hogi thik hai mai bath
room se aata hu ye bol ke chala gaya maine
mutene ke liye apana land nikala hi tha ki vo
piche aai vo mera land dekh rahi thi mai apani
zip band kar ke piche dhekha vo boli chi piyuge
mai bola ha vo chai banane chali gai
Uski gand bhout moti thi mera land khada ho
gaya mai ne soch liya aaj isko chodana hai chai
aai hum ne chai pee mai ne usse kaha tum ne
kabhi blue flim dekhi hai usne kaha vo kya hoti
hai mujhe malum tha vo jhoot bol rahi hai mai
bola tum ne kabhi kisi ko pyar kiya hai vo boli
nahi mujhe mere calique ne propose kiya tha
mai ne mana kar diya accha to mai ne bola to
mai jab bath room gaya to mera land kyo dekh
rahi thi vo dar gai mane dhere se uske jango
par hat rakha aur bola sharmao mat mujhe
apana dost samjho uski jangho par hat rakaha
to mera land 7 inch ka ho gaya tha vo bhi sarra
gai thi phir mai dhere se uski chut par hat
phera vo bole bhayia plz mat karo
Mujhe kuch ho raha hai mai bola kya ho raha
hai vo sharma ke bole mere penty gili ho gai hai
mai samaj gaya vo garam ho gai hai mai ne
uska hat utha ke apane land par rakha usne
tight pakad liya mera land phool ke mota ho
gaya tha maine kaha dekho gi usne apana sir
hilaya mai ne jhat se pent utar di vo mera land
pakad ke khel ne lagi mai bola maza laena hai
vo boli kaise maine uska mu pakad ke apana
land daal diya vo boli cheee namkeen hai mai
bola dil se chuso mitha lagega vo boli thik hai
vo chusene lagi mai ne uska skirt utar diya uski
gand dekh ke mujh se raha gaya mai ne uske
piche se apana land dal dia vo jhat ke bhag gai
uuuuuuuuuu boli aap ka land meri pussy phar
dia mai bola ek bar aur try karte hai vo boli
nahi dard hota hai mai ne usko phir se saila ke
rady kia is bar land ghus gaya usnne chudai ka
bhout maza liya phaili bar hone ke vajhe se mai
bhi bhout nahi choda pani jaldi jhad gaya ab jab
bhi usko chudavne ka man karta hai vo mujhe
phone karti hai mai usko chodene chala jata hu
Bahen ki chudai - New chawat katha
Wednesday, May 28, 2014
New chawat katha
Sunday, May 25, 2014
मेरा नाम राज है।तब मेरी उम्र १९ वर्ष थी मेरे
अन्दर सेक्स का कीडा
भडक रहा था। मेरी छुटि्टयॉ चल रही थी। हमारे घर
के सामने वाले घर मे एक लड़की
रहती है।उसका नाम पूजा है। हम दोनो बचपन से
ही बहुत अच्छे दोस्त हैं। इस बार
मैं द्यर दो सालों के बाद आया था। मतलब की हम
दोनो पूरे दो सालों के बाद मिले
थे। और अब वह पहले वाली पूजा नहीं थी अब वह
बला की खूबसूरत हो गयी थी।
उसका भरपूर १७ वर्ष के जिस्म ने मेरे अन्दर की आग
को और भडका दिया था। उसके
बूब्स काफी बडे थे वो उसकी टाईट टीशर्ट में बिल्कुल
गोल दिखते थे जिन्हे
देखकर उन्हे हाथ में पकडने को जी चाहता था। वह
अकसर शार्ट डे्रस पहना करती
थी।बचपन में मैने बहुत बार खेलते हुए पूजा के बूब्स
को देखा था जो कि शुरू से
ही आम लड़कियों के बूब्स से बड़े थे और कभी कभी छू
भी लेता था लेकिन मेरा मन
हमेशा उनको अच्छी तरह दबाने
को करता रहता था लेकिन मुझे डर लगता था कि कहीं
वो अपने द्यर वालों न बता दे क्योंकि मेरी उसके बड़े
भाई के साथ बिलकुल भी
नहीं बनती थी। वो पूजा को भी मेरे साथ न बोलने के
लिये कहता रहता था लेकिन
पूजा हमेशा मेरी तरफ ही होती थी। लकिन अब
पूजा बड़ी हो चुकी थी और जवानी उसके
शरीर से भरपूर दिखने लगी थी।मैं उस को चोदने के
लिये और भी बेकरार हो रहा था।
लेकिन अब वह पहले की तरह मेरे साथ पेश
नहीं आती थी।एसा मुझे इस लिये लगा
क्योंकि वो मेरे ज्यादा पास नहीं आती थी।दूर से
ही मुस्करा देती थी।
लेकिन एक दिन मेरी किस्मत का सितारा चमका और
मैने पहली बार एसा द्रिष देखा
था।उस दिन मैं तकरिबन ११ बजे सुबह अपनी छत पर
धूप में बैठने के लिये गया
क्योंकि उन दिनों सर्दियां थी। मैं अपनी सब से ऊपर
वाली छत पर जा कर कुरसी पर
बैठ गया।वहां से सामने पूजा के द्यर की छत बिलकुल
साफ दिख रही थी।मैं सोच रहा
था कि पूजा तो स्कूल गयी होगी लेकिन तभी मैने नीचे
पूजा की आवाज सुनी मैने
नीचे देखा पूजा के मम्मी पापा कहीं बाहर जा रहे थे।
थोड़ देर बाद पूजा अन्दर
चली गयी।मैं सोच रहा था कि आज अच्छा मौका है और
मैं नीचे जाकर पूजा को फोन
करने के बारे मे सोच ही रहा था कि मैने
देखा पूजा अपनी छत पर आ गयी थी।मैं उस
को छुप कर देखने लगा क्योंकि मै पूजा को नही दिख
रहा था।उस दिन पूजा ने शर्ट
और प्जामा पहन रखे थे और ऊपर से जैकिट पहन
रखी थी।वह अभी नहाई नही थी।तभी उस
ने धूप तेज होने के बजह से जैकिट उतार दी और
कुरसी पर बैठ गयी। उस ने अपनी
टांगे सामने पड़े बैड पर रख ली और पीछे को हो कर
आराम से बैठ गयी जिस की बजह
से उस के बड़े बड़े बूब्स बाहर को आ गये थे।
मेरा दिल उनको चूसने को कर रहा था और मैं बड़े गौर
से उस के शरीर को देख रहा
था।तभी अचानक पूजा अपने बूब्स की तरफ देखने
लगी और उसने अपने हाथ से ठीक करने
लगी।उसके चारों तरफ ऊंची दीवार थी इसलिये उसने
सोचा भी नही होगा कि उस को कोई
देख रहा है।उसी व्कत उस ने अपनी शर्ट के ऊपर वाले
दो बटन खोल दिये।मेरे को
अपनी आंखो पर विशवास नहीं हो रहा था कि मै यह
सब देख रहा हूं। मैने अपने आप
को थोड़ा संभाला। लेकिन तब मैं अपने लण्ड
को खड़ा होने से नही रोक पाया जब
मैने देखा कि उस ने नीचे ब्रा नहीं डाला हुआ था और
आधे से ज्यादा बूब्स शर्ट
के बाहर थे।मैने अपने लण्ड को बाहर निकाला और मुठ
मारने लगा।
जब मैने फिर देखा तो पूजा का एक हाथ शर्ट के अन्दर
था और अपने एक मुम्मे को
दबा रही थी और आंखे बन्द कर के मझे ले रही थी ।
तभी उस ने एक मुम्मे को बिलकुल
शर्ट के बाहर निकाल लिया जो कि बिलकुल गोल और
बहुत ही गोरे रंग का था।उसका
निप्पल बहुत ही बड़ा था जो कि उस समय इरैकट
था और हलके भूरे रंग का था। मैं
यह सब देख कर बहुत ही उतेजित हो रहा था और
अपनी मुठ मार रहा था। तभी उसने
अपनी शर्ट का एक बटन और खोल दिया और अपने
दोनो बूब्स बाहर निकाल लिए। फिर
उसने अपने दोनो हाथों की उगलिुयों से निप्पलस
को पकड़ कर अच्छी तरह मसलने
लगी। काफी देर तक वो अपने बूब्स को अच्छी तरह
दबाती रही। थोड़ी देर बाद वह
कुर्सी से उठी और बैड पर लेट गयी। एक हाथ से उसने
अपने बूब्स दबाने शुरू कर
दिए और दूसरा हाथ उसने अपने पजामे मे डाल
लिया और अपनी चूत को रगड़ने लगी।
अब उस को और भी मस्ती चड़ने लगी थी और वह
अपनी गांड को भी उपर नीचे करने लगी
थी।मैं अभी सोच ही रहा था कि खड़ा हो कर उस
को दिखा दूं कि मैं उस को देख रहा
हूं तभी मेरा हाथ मे ही छुट गया और मैं अपने लण्ड
को कपड़े से साफ करने लगा।
जब मैने फिर देखा तब तक पूजा खड़ी हो गयी थी लेकिन
उसके बूब्स अभी भी बाहर ही
थे और वो वैसे ही नीचे चली गयी। लेकिन फिर भी मै
बहुत खुश था लेकिन फिर मेरे
को लगा कि मैने पूजा को चोदने
का मौका गवा दिया। मुझे खड़ा हो जाना चाहिए
था।
एसा करना था वैसा करना था। तभी मेरे दिमाग मे
एक आइडिया आया। और मैं जलदी से
नीचे गया और पूजा के द्यर फोन कर दिया। पहले
तो वह मेरी आवाज सुन कर थोड़ी
हैरान हुई क्योंकि फोन पर हमारी ऐसे कभी बात
नही हुई थी लकिन वह बहुत खुश थी।
लेकिन मैं उस से सेक्स के बारे में कोई भी बात नही कर
सका। इधर उधर की बातें
करता रहे। उस दिन हम ने २ द्यटें बातें की और फिर
उसका भाई विशाल आ गया था।
शाम को उसने मुझे फिर फोन किया और हमने १
द्यटां बति की और फिर रोजाना हमारी
फोन पर बातें होने लगी और द्यर पर भी अकसर आमने
सामने हमारी बातें हो जाती
थी। छत पर भी हम एक दूसरे को काफी काफी देर देखते
रहते थे। लेकिन मेरे को
उसके भाई से बहुत डर लगता था इस लिए जब वह द्यर
पर होता था मै पूजा से दूर ही
रहता था।
एक बार विशाल की बजह से हमारी पूरे २ दिन बात
नही हुई और हम दोनो बहुत परेशान
थे और हम छत पर भी नही मिल पाए और विशाल ने उस
को हमारे द्यर भी नहीं आने
दिया था। उस दिन मैं पूरा दिन बहुत परेशान
रहा क्योंकि पूजा मुझे सिर्फ एक
बार दिखी थी और हमारी बात भी नही हुई थी।रात
के ९ बज चुके थे। मै बैठा पूजा
के बारे मे सोच रहा था।तभी बाहर की द्यटीं बजी।
जब मैने गेट खोला तो देखा
बाहर पूजा खड़ी थी।
उसने मुझसे सिर्फ यह कहा "आज रात साढ़े बारह मै
फोन करूंगी रजत मेरा मन नहीं
लग रहा है " और वापस चली गयी।
मैं एक दम से हैरान रह गया। मुझे विशवास
नही हो रहा था। लेकिन मै बहुत खुश
था। पहली बार किसी से रात को बात करनी थी।
गेट बन्द करके अन्दर गया और मम्मा
से कहा पता नही कौन था द्यटीं बजा कर भाग गया।
११ बजे सभी सो गए लेकिन मुझे
नींद कैसे आ सकती थी।मैने दूसरे फोन की तार निकाल
दी थी और अपने कमरे वाले
फोन की रिंग बिलकुल धीमी कर दी थी और कमरे
का दरवाजा भी बन्द कर लिया था।
तकरीबन १२:३५ पर फोन आया और पूजा बहुत ही धीमे
स्वर मे बोल रही थी और उसने
बताय्या कि "विशाल ने हम दोनो को बात करते हुए
देख लिया था।इसलिए उसने मुझे
तुमसे मिलने और फोन पर बात करने से मना किया है वह
कहता है कि तुम अच्छे
लड़के नहीं हो। लेकिन मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो।
तुमसे बात करके बहुत
अच्छा लगता है। मै तुम से बात किए बगैर नही रह
सकती। इसलिए रजत हम रात को बात
किया करेंगे और इस समय हमें कोई डिसटर्ब
भी नही करेगा खास कर विशाल"
ऐसे ही हमारी बहुत देर बातें होती रहीं और अब
पूजा पूरी तरह मेरे जाल मे फस
चुकी थी। तब मैने पूछा कि तुम कमरे मे अकेली ही हो न
इतनी धीमे क्यों बोल रही
हो। उस ने कहा कि मेरे कमरे का दरवाजा खुला है और
मम्मी पापा साथ वाले कमरे
मे हैं। तो मैने उसको दरवाजा बन्द करने को कहा।
उसने पूछा क्यों तो मैने कहा
कि उसके बाद मैं तुम्हारे पास आजाऊंगा बैड के उपर
बिलकुल तुम्हारे साथ। तो वह
कहने लगी नहीं मुझे तुमसे डर लगता है। तुम मेरे साथ कुछ
कर दोगे। तब मैने
उससे कहा कि मै कभी तुम्हारे साथ
जबरदसती नही करूंगा। जो तुम्हे अच्छा लगेगा
हम वह ही करेंगे। मैने पूजा को अपना हाथ पकड़ाने के
लिए कहा।
उसने कहा "पकड़ लो लेकिन आराम से पकड़ना"
थोड़ी देर चुप रहने के बाद उसने कहा
"तुम्हारे हाथ पकड़ने से रजत मेरे को कुछ हो रहा है
प्लीज अभी मेरा हाथ छोड़
दो"
मैने कहा ठीक है छोड़ देता हूं। लेकिन पूजा मैं तुम से
लड़कियों के बारे मे
एक बात पूछना चाहता हूं। बताओगी।
उसने कहा "पूछो क्या पूछना चाहते हो।"
मैने हिचकचाते हुए कहा मैं पिरीअडज के बारे मे सब कुछ
जानना चाहता हूं। पहले
पूजा चुप कर गई लेकिन थोड़ी देर बाद उसने मुझे सब कुछ
बतायया और उसके बाद
हमारी सेक्स के बारे मे बातें शुरू हो गई। मैने
उसको कहा कि मैने उसके बूब्स
देखे हैं। तो उसने कहा आप झूठ बोल रहे हो। तब मैने छत
वाली बात बता दी कि मै
सब कुछ देख रहा था। वह थोड़ा शरमा गई और कहने
लगी कि आप बहुत खराब हो। उसने
कहा कि ऐसा करने से उसको मजा आता है। थोड़ी देर
बाद उसने कहा कि जब मैने पहले
उसका हाथ पकड़ा था तब उसकी टांगो के बीच में कुछ
हो रहा था उसको बहुत मजा आ
रहा था और उसकी चूत में से बहुत पानी निकल
रहा था जिस की बजह से वह द्यबरा गई
थी और इसी लिए उसने मुझे हाथ छोड़ने को कहा था।
तब उसने फिर से हाथ पकड़ने को कहा। मैने कहा ठीक है
पकड़ा दो। थोड़ी देर बाद
उसने कहा कि उसकी पैंटी चूत के पानी से बिलकुल
गीली हो गई है और उसके निप्पलज
भी बिलकुल इरैकट हो गए हैं।तब मैने उसको अपने कपड़े
उतारने को कहा।तब उसने उठ
कर दरवाजा बन्द कर लिया और सारे कपड़े उतार
दिए।फिर उसने बूब्स दबाने शुरू कर
दिए और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।मेरा लण्ड
भी बिलकुल खड़ा हो चुका
था।तब पूजा अपनी उंगली से चूत के ऊपर क्िलटरीज
को दबाने लगी और फिर उसने
उंगली चूत के अन्दर डाल ली।
उसके मुंह से आवाजें आ रही थी।आहहहहहहहहहहहहहहह
आह आहहहह वह कह रही थी " रजत
प्लीज चोदो मेरे को।अपना लण्ड मेरी चूत मे डालो।
मेरे मुम्मों को चूसो।जोर जोर
से चोदो मेरे को।"
उस रात हमने सुबह ५ बजे तक बात की।उसको बाद हम
अकसर रात को बातें करते
थे।लेकिन मैं उस दिन के इंतजार मे था जिस दिन मै
उसको असली मे चोदूं। आखिर वह
दिन आ ही गया जब मेरा सपना सच हो गया। पूजा के
एक रिश्तेदार अचानक बीमार हो
गये उसके मम्मी और पापा को उन्हें देखने के लिये
जाना पडा। और किसी भी हालत
में उनके तीन दिन तक लौटने कि कोई उम्मीद
नही थी।विशाल दिन भर दुकान पर
था।पूजा द्यर मे अकेली थी। लेकिन मम्मा की बजह से
मै उससे बात नहीं कर पा रहा
था। मैं अपने कमरे मे चला गया।
मैंने एक सेक्स मैगजीन निकाला और देखने लगा। उसमें कुछ
आपत्तिजनक तस्वीरे थी।
मैं उन्हें देख रहा था तभी अचानक पीछे से पूजा आ गई
उसने पूछा क्या देख रहे
हो और वह मेरे बेड पर बैठ गयी।मैने पूछा कि मम्मा से
क्या कहा है तब उसने कहा
कि आन्टी ने उसको जहां आते हुए नही देखा।तभी मैं
उठा और मम्मा से कहा कि मैं
सोने लगा हूं और मैने दरवाजा अन्दर से बन्द कर
लिया।फिर मैने उसके सामने वह
किताब रख दी वह उसे देखने लगी। फिर हम
दोनो सेक्स के बारे में बातें करने
लगे। मैं उठकर उसके पीछे खडा हो गया मैने उसके कन्धे
पर अपना हाथ रखा और
झुककर उसके कन्धों को चूम लिया। उसने कुछ
भी प्रतिरोध नहीं किया यह मेरे लिये
बहुत था।
मै उसके सामने बैठ गया और उसके होठो को चूम लिया।
मेरा हाथ तेजी से उसकी कमर
में पहुॅच गया और कसकर पकडकर उसे अपनी ओर खींच
लिया। मेरे हाथ उसके बूब्स पर
पहुॅच गया और ऊपर से ही दबाने लगा।
उसके मॅुह से प्रतिरोध के शब्द निकले उसके मुॅह से
निकला ओहहहहहहहहहहह नहीं
बस करो रजत।
लेकिन उसके हाथो ने उतना एतराज नहीं जताया।
उसने एक ढीली ढाली टीशर्ट और
साइकलिंग शार्ट पहन रखा था। मेरा हाथ
उसकी टीशर्ट के अन्दर उसकी ब्रा के ऊपर
से ही उसके उभारों को दबाने लगा। मेरी जीभ उसके
मुॅह में द्यूम रही थी। अब
उसके तरफ से भी सहयोग मिलने लगा था। मैंने
उसकी टीशर्ट निकाल दी उसने पहले ना
नुकुर की लेकिन मेरे हाथ का जादू उसके दिलो दिमाग
पर छा रहा था। उसका
प्रतिरोध नामात्र का था। मैं उसके बूब्स
को उसकी ब्रा के ऊपर से ही मुॅह मे
लेने लगा। और मेरा दूसरा हाथ उसकी जांद्यो के बीच
के भाग को उसके कपडो के ऊपर
से ही सहलाने लगा। मेंने उसकी ब्रा का हुक खोल
दिया उसका भरपूर यौवन मेरे
सामने था। जिनको मैंने बिना एक पल की देरी किये
अपने मुॅह में ले लिया। वह
अपने वश में नहीं थी उसने मुझे कसकर पकड लिया।
मैने उसके बाकी बचे कपडो को उतार फेंका और उसे बेड
पर लिटाया। मैंने अभी तक
अपने कपडे नहीं उतारे थे मैने अपने कपडे उतार दिये ।
मैं अब सिर्फ अन्डरवियर
में था।और उसके ऊपर वापस झुक गया। और उसके निप्पल
को मुॅह में ले कर चूसने
लगा। मेरे हाथ उसकी जांद्यो के बीच
की गहराइयों तक पहुॅच गये और उसके जननांग
को सहलाने लगे। उसने अपना हाथ मेरी अन्डरवियर में
डालकर मेरे हथियार को बाहर
निकाल लिया। मैं नीचे गया और अपने होठ उसके
जननांगों पर रख दिये उसके मुॅह से
एक सीत्कार निकल पडी। उसने मुझे अपने पैरो में
फॅसा लिया। मेरी जीभ उसकी चूत
के अन्दर बाहर हो रही थी। उसने पानी छोड
दिया मेरी जीभ को नमकीन स्वाद आने
लगा। उसने मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालने के लिये मुझे
ऊपर की ओर खींच
लिया। और बोलने लगी प्लीज इसे अन्दर डालो अब
बरदाश्त नहीं होता।
मैंने एक पल की भी देरी नहीं की उसके
टांगो को फैलाया और अपने लण्ड को उसके
चूत के ऊपर रखा । एक धीमा सा धक्का दिया वह पहले
झटके को आसानी से सहन नहीं
कर पायी और दर्द से कराह उठी और चिल्लाने
लगी ़़़़ ज़ल्दी निकालो मैं मर
जाऊॅगी। मैंने उसको कस कर पकडा और उसके निप्पल
को मुॅह में लेकर अपनी जीभ से
चाटने और दांतों से काटने लगा। थोडी देर में ही वह
अपनी कमर को आगे पीछे
हिलाने लगी। मेरा लण्ड जो कि अभी तक रमा की चूत
के अन्दर ही था और बडा होने
लगा था। मेरे लिये अब यह पल बरदाश्त के बाहर था।
मैंने भी आगे पीछे जोरो से
धक्के लगाने लगा। मेरी स्पीड लगातार
बढ़ती रही उधर उसके मुॅह से उत्तेजित
स्वर और तेज होते रहे। और थोडी देर में हम
दोनो अपनी चरम सीमा पर पहुॅच गये
फिर वासना का एक जबरदस्त ज्वार आया और हम
दोनो एक साथ बह गये।
मैं उसके ऊपर ही लेटा रह गया। उसने मुझे कसकर पकड
रखा था। थोडी देर में मैं
मुक्त था। पूजा छुप कर अपने द्यर चली गई।बाद दुपहर
जब विशाल खाना खा कर वापस
दुकान पर चला गया मैं मम्मा से यह कह कर कि मै अपने
दोसत के द्यर जा रहा हूं
पूजा के द्यर चला गया। फिर हमने शाम तक एक दूसरे
के साथ सेक्स किया इक्कठे
नहाए और पूजा ने मेरे लण्ड को अपने मुंह मे डाल कर खूब
चूसा और उसको लण्ड को
चूसने में ब्हुत ही मजा आ रहा था। शाम को जब मैं जाने
लगा तो उसने कहा के आज
रात को वह मेरे साथ सोना चाहती है।मैने कहा यह
कैसे हो सकता है। उसने कहा कि
आज रात को वह नीचे अकेली होगी और उसने
कहा कि ११ बजे बाहर आ जाना वह गेट खोल
देगी। रात को मैं ११ बजे मैं छोटे गेट से उसको बाहर से
ताला लगाकर पूजा के
द्यर के बाहर गया तब उसने गेट खोल दिया और मै
अन्दर चला गया।पूजा गेट बन्द
करके अन्दर आ गई।
मैने पूछा विशाल सो गया क्या ।उसने कहा कि विशाल
तो एक द्यंटे से सोया हुआ
है।तब मैने पूछा कि वह क्या कर रही थी। उसने कहा "
आप से अच्छी तरह चुदने की
तैयारी कर रही थी।"
वह मेरे को अपने मम्मी पापा के बैडरूम मे ले गई और आप
बाथरूम मे चली गई।
थोड़ी देर बाद जब वह बाहर आई उसने
छोटी सी नाईटी जो कि बिलकुल पारदरशी थी
पहनी हुई थी। उसने नीचे कुछ भी नही पहना हुआ था।
उसके मुम्मे और चूत दिख रहे
थे। उसने कहा के यह नाईटी मम्मा की है और आज वह
मम्मा की तरह ही चुदना चाहती
है तब मैने पूछा कि मम्मा की तरह का क्या मतलब है।
तो उसने कहा कि एक रात वह
बाथरूम जाने के लिए उठी तो उसने
देखा कि मम्मी पापा के रूम की लाईट जल रही
थी। उसने खिड़की मे से देखा तो मम्मा ने यह
ही पहनी हुई थी। उसके बाद उसने २
द्यंटे मम्मा को पापा से चुदते देखा।
थोड़ी देर बाद मैने देखा कि पूजा ने सारे बाल साफ कर
हुए थे।उसके बाद हम फिर
से एक दूसरे के लिए बिलकुल तैयार थे।उस रात सुबह ५
बजे तक बिलकुल नन्गे एक
दूसरे की बाहों मे रहे और इस बीच मैने उसको तीन बार
चोदा।उसने मेरे लण्ड को
बहुत चूसा। अगले दो दिन भी हम ऐसे ही एक दूसरे
की बाहों मे मजे करते रहे। अब
हमें जब भी मौका मिलता है हम इसका आनन्द उठाते
हैं।
Damad Ne Kiya Saas Ki Chudai
Thursday, April 10, 2014
Dosto, mera naam Rajesh hai aur mai shaadi
shuda ladka hun. Mai iss site ka ek regular
reader hun. To sabse pahle mai aap sab lund
walo aur chut walion ko apne khade lund ka
namskar deta hun mai pahle bi 2 /3 story likh
chuka hun. aur ek story aur aapki seva mein
lekar aaya hun. Ummid hai ki aap ko yeh story
pasand aayegi pahle bhi mujhe aap sab dosto
ke bahut se mail mile aur aasha karta hun ki
aabki baar bi aap mujhe mail jaroor karoge to
ab mai apni story pe aata hun. Ye stroy meri
aur meri mother in law ke bich jo hua woh real
hai juth ka 1 % bi chance nahi 100% real hai.
Haan mai aapko betana bhul geya mere lund
ka size 10 inch long aur 4 inch mota jo meri
sabse badi pahchan hai. Meri shaadi 23 saal ki
umar mein ho gayi. Waise meri biwi kafi
khubsurat aur bholi hai par chodane mein apni
maa se koson door hai. Meri mother-in-law, jin
ko ki pyaar se mein sasu maa kehta hoon,
dikhne mein ekdum maal aur bhagwaan ne
vasana aur kamukta to koot koot kar bhari hai.
Mujhe apni kismat par yekin nahin hota ki
mujhay kabhi apni vaasanaa ki bhookh mitaane
ko apnay aas paas koi kami nahin padi. Meri
saas jinkaa ki naam Ramkour hai, mein shadi
ke baad se dekhta aaya hun woh bahut sexy
lagti hain. Voh 4 bachon ki maa hai per dikhnay
may apni 22 saal ki beti ki badi bahen lagtee
hain. Bhagwaan ne bhi har jagah mein maans
(flesh) diya hai unka. waisay tho jab mera rista
unki beti se tay hua tha, tab se hi mujhay
ishaaron mai kisi ne betaya tha aur ek aas di
thi, ki beta tu bada kismatwala hoga agar tu
yeh shaadi kay liyay haan ker degaa. Shaadee
se hi meri saas kaa humaaray ghar per kaafee
aanaa jaanaa tha. Meri nazarein har waqt
unkay boobs par tiki rahtein. Maa kasam kyaa
perfect golai hain unkay boobs ki. Mere haath
unhein pakad ker dabaane ke liye tarsatay the
aur meri jeeb hameshaa unhein choosnay kay
liyay lalchaatee rahtee. Jab mein 21 saal kaa
huva tho voh apnee 19 saal beti kaa mere liyay
maanga.
Mere pariwar walo ne binaa hichkichahat rishta
kabool kar liyaa aur mujhsay aaker meri rai
poochee. Meri nazar unki beti per tho thi hi, jo
ki ekdum bholi- bhalee aur kaafee khoobsoorat
thi, per abhi uskaa jism maa kay jitaa khilaa
nahin tha. Aur binaa koi hichkichaahat maine
bhi rishtay kay liyay haan ker dee. Aur phir
kyon naa kartaa, beti kay saath uskee maa bhi
tho itnee khubsurat thi. Mera sasur (father-in-
law) badaa hi dublaa patlaa insaan hai aur
dikhnay may kaafee kamzor lagtaa hai. Mere
sasur kaa 30 saal ki umar mein kaafi bayankar
accident huva tha, jiskay kaaran unkee reed ki
hadi mein kaafi khatarnaak chot lagee thi. Ab
unki kamar kaafi kamzor ho gayee hai aur koi
bhari kaam karnay se dard honay lagtaa hai.
Phir humaree shaadi ho gayee. Phir shaadee
kay baad tho maine khulker apnay sasural
aanaa-jaanaa shuru kar diyaa. Normally, main
phone kar apne sasuraal jaya karta tha.Ek din
maine office se chuti lee hui thi aur biwi ko
binaa batayay sochaa ki aaj sasuraal ho ker
aayaa jaayay.
Binaa koi phone karay himein 10:30 suvaray
suvaray apnay sasuraal pahunch gayaa. maine
bhichun ker apnaa pahuchanay kaa samay taya
kiyaa tha. Mera sasur 9:30 bajay office chala
jata hai aur meri dono sali apnay college chali
jaati hai. Jab maine sasuraal pahunch ghanti
bajayee tho kuch ek 10 minute ke baad meri
saas nay ander se aawaaz lagai, "Kaun hai ?"
Maine Kaha, "Mein Rajesh hun, apkaa
daamaad." Aur unhonay darwaazaa khol diyaa
aur unhein bheegaa huya dekh meri ankhein
chakaachond ho gayee. Unhonay, sirf ek haath
se towel ko pakad dakhaa huvaa tha aur unkay
saaraa shareer per paani ki boodein motiyon ki
taraah chamak rahi theen. Meri saas boli, "Arey
tum, iss waqt Yahaan". Mein bolaa, "Kyon is
waqt nahin aa saktaa kyaa?" Meri saas nay
muskuraatay huvay jawaab diyaa, "Arey betaa
tum tho is ghar kay akelay betay ho. Aao..
Aao.. Under aao.. Yeh tumahaaraa hi tho ghar
hai."
Pehli baar maine apnee saas kay thighs aur
legs ekdum nangee dekhin thi. Badi hi chiknee
theen unki taangay. Unkay ghanay aur lambay
baal unkay cheetdon ko choo rahay thai. Meraa
lund meri pant mein meri chadi mein ekdum
sansanaataa hua ekdum khada ho gaya. Main
ghar me ghus ker sidhaa drawing room mein
sofay per baith gayaa, taakee apnee saas kay
patton ko gaur se dekh sakoon. Phir voh
darwaazaa bund ker vapas meri taraf chal ker
aa rahee thi tho mein tak taki lagayay unkay
shareer ko dekh rahaa tha. Ekdum hoor pari
lug rahee thi. Ek shaadi shudaa ladki ki maan
honay kay bawzood bhi unkee shareer mein
voh kasak aur unkee chaal mein thumak dekh
meraa lund under chutpattaa rahaa tha. Meraa
lund under meri chadee mein moodh gaya tha
aur bina kuch soche, maine apnay haath se
apnay lund ko adjust kiyaa. Mere is reaction ko
dekh unkay chehray per ek shokiyon bhari
muskaan aa gayee. Muskuratay huvay boli ,
"Kyaa baat hai aaj subah subah sasuraal chalay
aayay. Ghar per sab theek thaak hai."
maine kasmasaatay huvay kahaa, "Bus idhar se
gujar rahaa tha. Maine sochaa ki apsay miltaa
chaloon." Ab tho mujhay apnee saas ki her
addaa pay pyaar aa rahaa tha. Voh boleen,
"Mein zarraa nahaa ker aatee hoon. Tum yahin
per intezaar karon. Phir kuch daamaad ki sevaa
kartee hoon." Maine kahaa, "Theek Hai, Saasu
Ji." Phir maine neechay jhook ker drawing table
se ek magazine uthane ke bahane saamnay
huvaa. Jab mein neechay jhookaa, tho woh
ithlaatee huvi mere kaafee nazdeek se hotay
huvay apnay bedroom ki taraf dheeray badi. E-
see douraan, maine jhookay jhookay apnee
saas ki nasheeleen taangon kay darshan kiye.
Phir voh bedroom kay darwaazay jaa moodh
ker meri taraf muskuratee hui dekh ker
boleen, "Sab kuch theek hai naa. Agar kuch
chahiyay tho binaa zizhak lay lenaa." Maine
kahaa, "Haan.. Haan.. Koi problem nahin main
lay loongaa, agar kuch chaiyay tho." Aur phir
voh under chalee gayeen. Vaisay tho maine
apnee saas kay baaray mein bahoot baar
fantasize kiyaa tha. Lekin such mein, voh itnee
mast hogi, kabhi sapnay bhi nahin sochaa tha.
Bus, ab tho unkay shareer ko bhognay ki ek
tamanaa dil mein bandh si gai. Magazine tho
mere haath mein pakdee thi, lekin meri
aankhon per meri saas kay mast shareer kaa
nashaa chaayaa huva tha. Kuch dare baad
mein ooth ker unkay bedroom ki taraf badaa.
Aur under dekha ki meri saas nay bathroom
kaa darwaazaa theek tarah bund nahin kiya
tha. Kuch himmat ker mein bathroom ki taraf
badaa. Darwaazaa theek se bund naa honay
kay kaaran, ek chhote se daraar se bathroom
kaa kuch hissa dikh raha tha. Under shower ki
aawaaz aa rahee thi.
Maine himat kar under zhaankhaa. Shower tho
chal rahaa tha, per saasu maa uskay neechay
nazar nahin aayee. Maine thodaa saa darwazay
ko under ki taraf dhakalaa, tho mujhay
sheeshay mein jo nazaaraa dheekhaa, usay
dekh meraa lund tho jaisay pant ko phad bahar
nikalein ko huvaa. Meri saas, toilet seat per
baith, ek haath se apnay choot mein ek lamba
sa brinjal (bhaingan) goosaa raheen thi aur
doosray haath se apna ek niple pakad usay
tees rahin thee. Ab tho mujhsay aur rahaa naa
gayaa, aur maine apnee saaray kapday utaar
liyay aur seedhaa bathroom kaa darwaazaa
khol under ghoos gayaa. Mujhay nangaa dekh
meri saas ko koi shock honay ki jagah
muskaranein lageen. Ab mujhay yakin Ho
gayaa, meri saas tho yehi chaah rahi thi.
Ekdum nangeen thi meri saas aur daamaad bhi
ekdum nangaa. maine seedhaa apnaa lund
pukdaa aur unkay saamnay hilaanein lagaa.
Voh boli, "Ooi maa.. Sunaa tha.. Per itnaa
badaa aur kadak hogaa mujhe tho bilkul yekin
nahin ho rahaa tha.. Hai Raam.. Aaj meri
barson ki tamanaa poori hogi.
Badi pyaasi hai.. Betaa yeh choot.. Tere lund
nay ek aas si jagaa dee thi.. Per daamaad hai
ker kay ek dar saa tha.. Agar tujhay kuch
kahoon. Aaj tho mujhay yekin ho gayaa ki aisay
lund ki tho koi bhi ek choot bhook nahin mitaa
saktee.. Lagtaa hai mein kuch jayaadaa hi bol
gayee hoon.. Hai naa betaa.. Please aaj meri
baroson ki bhookh mitaa doh daamaadji.."
maine jawaab diyaa, "Saasu Maa.. Jab se shadi
huvi hai.. Mein tho aapkay shareer ko khoob
nihaaraa kartaa hun.. Koi nahin kah sakta ki
aap meri biwi ki maan hain.. Aap kaa tho her
ang boltaa huvaa nazar aataa hai.. Aisaa lagtaa
hai ki jawaani nay aapkaa saath ab tak nahin
chodha.. Bulki bhagwaan nay tho samay ke
saath saath aapko aur bhi maal banaa diyaa
hai.. Mere tho dost bhi aapko dekh apni laar
tapkate hain." woh boli, "Haan.. Betaa tere
sasur tho pehle se hi kamzor the.. Aur jab
unkaa accident huva mein tho sirf 25 ki thi..
Tab se ab tak koi mard nay nahin chodaa hai
mujhay.. Meraa tho ek beta hai vo dubla patla
aur sabse chota bi hai.... Ab mujhe daamaad
kay roop may betaia mil gaya.. Voh bhi itnay
lumbay aur motay lund waalaa.."
Mein bol padaa, "Loh.. Naa.. Isay pakad loh
saasu ji, ab kabhi aapko is baigan yaa kheeray
ki jaroorat nahin padnay doongaa.. Aapnay
pehlay kabhi kahaa hotaa.. Tho bhi mein
peechay nahin hat taa.. Mein tho shadi ke
baad se hi apkay shareer kaa dewaanaa tha..
Aap jub bhi meray saamnay hoti thi.. Mera tho
aapko bharpoor chodne kaa man kartaa tha..
Aap cheeze hi aisi hain." Phir meri saas nay aav
dekha naa taav.. Seedhaa meraa lund pakad
liyaa.. Aur oosay sahlaatay hui bol padi, "Sach
mein badaa bhari hai ray teraa lund.. Badi kush
kismat hai meri beti.. Ki usay aisaa lund milaa..
Aur teri saasu maa bhi.." Maine apni saasu maa
kay geelein baalon mein apnaa haath daalaa
aur unkay gerdan per unkay kaanon kay
neechay apnay angoothon se sahlaatay huvay
jor se apnay taraf khinch ker apnaa honth
unkay hothon per rakh apnee jheebh unkay
moonh mein daal paglon ki tarah choomnay
lagaa. Shaayad mere sasur nay meri saas ko
kabhi theekh se choomaa bhi nahin. Meri saas
bhi apni jheebh mere moonh mein daal meri
jheeb ko apni jheeb se ragdanay lagi. Ekdum
garm honay lagi hamaree saasein. Phir apni
jheebh ko bahar neekaal unsay bhi wahi karnay
kahaa. Ekdum pink thi meri saas ki jheebh.
Maine apni saas ki jheebh ko chaaron taraf se
khoobh chaataa. Voh bol padi, "Yeh sab tunay
kahan se seekhaa." Maine kahaa, "Mazaa aa
rahaa hai naa saasu maa. Sab blue filmon kaa
asar." Phir maine apni saas ki gerdan ko apni
jheeb se choomtay huvay, unkay boobs per lay
gayaa, joki ekdum chattaan ki tarah sakhat the
aur ek boob ko ek haath mein pakad doosray
ko choosnay lagaa. Voh zor se bol padi, "In hein
tho tere sasur nay kabhi mazaa hi nahin diyaa.
Aaj in hein choose choose kay hataash ker
day." Maine kahaa, "Tabhi tho meri kismat may
itnay thos boobs haath lagay hain. Meri tho
kismat hi acchi hai, mujhe tho kunwari saas mil
gayeen. Ab tho khoobh mazaa aa jayegaa. Sach
kahoon saasoo maa jo nashaa apkay is jism
may hai, voh abhi apki beti mein nahin
chaayaa. Shaayaad, is liyay ki apnay isay kaafi
barson se jamaa kiyaa hai." Meri saas, "Bus ab
jaldee ker betaa.. Apnaa yeh bhari bharkam
lund meri choot mein sanaa dey. Badey barson
se lund ki Pyaasi hai teri saasu maa ki choot.
Phad dey naa is ko aaj." Maine apnaa lund
liyaa aur apnee saas ki choot kay moonh per
lagaa diyaa. Kuch dare usay wahin per ragdaa
tho saasoo maa se rahaa nahi gayaa aur
unhonay mere lund ko daboch apni choot mein
goosaanay ki chestaa ki. Per badi tung thi meri
saasu maa ki gali chut. Phir maine apni do
ungliyaan neechay le jaa saasu maa ki choot ko
unsay phailaa, apnay lund kaa pehlaa 2 inch
under dhakelaa, tho unki siskari nikal padi.
Unkay moonh se nikal padaa, "oooiii.. Maa..
Maree.. Haaiii.. Ohhh.. Yeh tho sach mein phad
degaa badi badi chooton ko bhi.." Mere moonh
se bhi nikal padaa, "aap choot bhi tho badi
tight hai.. Saasu maa.. Kabhi chudi nahin naa..
Aaj isay khol daygaa aapkaa yeh daamaad
beta.." Phir maine baaton hi baaton mein ek jor
se dhakha lagaa, apnaa aadha lund apni pyaari
saasu maa ki choot mein goosaa diyaa. Meri
saasu maa nay "issssh.." kartay huvay mujhay
kaat liyaa. Aur phir meri utayjanaa aur bad
gayee.. Aur meri saasu maa jor se cheek meri
kamar may apni ungliyaan goosaa dee.. "hai..
Dayaaa.. Aaaahhhhh.. Mar gayi ray.. Ooi
maayaaiiii.. Kaash 20 saal pehlay aisaa lund
milaa hota.. Mein aaj itnaa naa tadpati." Aur
kuch hi dare mein meri saasu maa mere lund
ki deewani ho uss par apni garam aur kasi
choot ko itraanay lagi.. Usnay mujhay jor jor se
kaataa.. Choomaa.. Jo meri saasu maa kay jee
may aayaa unsay mere shareer kay saath
kiyaa.. Aur mujhay bhi mazaa aa rahaa aur
saath hi saath apnay lund per naaz ho raha
tha.. Ki meri saasu maa ki barson ki pyaas bujh
rahi thi..
Aur phir uss din meri saasu maa nay mujhsay 4
baar chudwaayaa aur baad may khoobh
swadisht khaanaa khilayaa. Ek baar to maine
unhain wahin kitchen mein dining table per leta
kar bhi chod diya khaanaa banaatay banaatay.
Us din kay baad tho maine aur saasu maa blue
filmein dekhtay huvay kaafi alag alag tarikay
apnay. Badi hi bhookhi thi voh. Ab mujhay
maloom chal gayaa ki ek bhookhi aurat ekdum
bhookhi sherni ki tarah hoti hai, jisay chodne
mein sabsay jyaadaa mazaa aataa hai. Haan to
dosto uske baad main apni mother in law ko
aksar chodne chala jata hun.